सक्षम वायो के लिए एक शब्द आज का विचारशूद्रवह जो अपने आप को शरीर मानताहै और ब्राह्मणवह जो अपने आपको शरीर और मन से परे जानताहै फिर सुनिए शब्दको शुद्र वह जो अपने आप को शरीर मानता हैब्राह्मण वह जो अपने आप को शरीर और मन सेपार जानताहै पहला प्रश्न शुरूकरें प्रियदर्शी बाबा आप कहतेहो सारा अस्तित्व एक है भगवान कृष्ण भीयही कहते हैं सभी संत भी यही कहतेहैं अगर सब कुछ कृष्णहै तो कृष्ण शिशुपालकंस का वध क्यों कर देतेहैं 40 लाख लोगोंको महाभारत के युद्धमें मरवा देते हैंकृष्ण यह कैसा भगवानहुआ यह जानता हुआ भी कि यह सब मैं हूंकंस भी मैंहूं शिशुपाल भी मैंहूं पांच पांडव भी मैंहूं छठा पांडव जो अवैध कुंती से हुआ वह भीमैंहूं और सो कोरो भी मैं हूं और 101 मा कौरवयस भी मैं हूंइतने लोगों को क्यों मरवा देते हैं जब वहजानते हैं कि यह सब मैं हीहूं सुंदर सवालहै जवाब बड़ा सरलहै इतना कठिन जवाब नहीं जितना कठिन कल केप्रश्न मेंथा यह शरीर तुम होपूरा जरा सोचो इस शरीर को गैंगरीन होजाए शरीर का यह उंगली गलता गलता यहां तकगलजाए और डॉक्टर कहे कि अगर यह नहीं कटवायातो सारा शरीर गलजाएगा उस वक्त मुझे क्या करना चाहिएसभी कहोगेआप नहीं कटवा होगे तो सारा शरीर गल जाएगाखत्म होजाएगा और इससे अच्छा है जो बचता है उसे तोबचालो जो कटता है उसे काटदो यही भगवान कृष्ण कहते हैं बहुत सेप्रश्न थे गीता के संबंधमें सबको एक ही झाड़ू से इकट्ठा कर लेताहूंमैं सभी प्रश्नों का जवाब आजाएगा यदा यदा ही धर्मस्य गला निर भवतीभारत जब कोई मेरे शरीर का अंग गल जाताहै और ऐसा लगता है कि सारा शरीर ही गलजाएगाअभु थानम अधर्मस्य तदात्मानं सजाम हम प्रतनाय साधुनाम बिना गले शरीर को बचाने केलिए विनाशाय चतुकृतम धर्म संस्थापन अर्था उस बचे हुए शरीरको बचाने केलिए संभवा जुगे जुगेमैं उस डॉक्टर का काम करता हूं जो उस सड़ेहुए अंग को काट देताहै इसलिएकृष्ण इसे धर्म की संस्थापन कहतेहैं दूसरे अर्थोंमें जो कटने योग्य है उसे काट देतेहैं जो बचाने योग्य है उसे बचा लेतेहैं बस यही है सारी गीता काउपदेश तुम क्या कहते हो कंस को बचा लेनाचाहिएथा निरपराध छोटे बच्चे जन्म लेतेही दीवार के ऊपर टकरा के मारदेना ये ठीक था काम उसकारुक्मिणी जिससे प्रेम करती है शिशुपाल सेनहीं करती कृष्ण से करतीहै और कृष्ण को पाती भतीहै मुझे निकाल लो यहां से और कृष्ण लेजातेहैं शिशुपाल गालिया निकालताहै लोगों की दूसरों की स्त्रियों को हरणकरने वालाबलात्कारी पाखंडीभ्रष्टचोर क्या समाज के ऐसे अंग को बचा लेनाचाहिए कृष्ण वही काम करते हैं जो अंग गलाही हुआ है उसको काट दो सीधा सा फार्मूलाहै कृष्ण का और अब दूसरी बात पर आजाए क्योंकि यह सारा अंग सारा शरीर साराअस्तित्व कृष्ण काहै जब यह बाहकटेगी तो दर्द कृष्ण को भीहोगा क्योंकि यह सारा शरीर कृष्ण काहै ऐसा नहीं है कि कृष्ण बच जाएंगे दर्दसेनहीं उसका एक अंगगया वह इस हाथ से काम लेने योग्य नहींरहेगा दुख कृष्ण को भी भोगना पड़ताहै लेकिन यह जानते हुए कि यह सारे शरीर कोगलादेगा डॉक्टर की तरह उस गले हुए अंगको कटवाना ही शुभहोगा इसलिए वो वध कर देते हैं या वध करवादेतेहैं अब कृष्ण ने कंस का और शिशुपाल का वधखुद क्योंकिया और कर्मों का वध अर्जुन से क्योंकरवाया यह बड़ा लंबा चौड़ा प्रश्न हैप्रश्न ठीक है इसका जवाब मैं किसी अन्यवीडियो में दूंगा वीडियो पहले बड़ी लंबीहो जाती हैं आप सुन नहीं पाते मैं एवरेज वडायरेक्शन देखता हूं करीब करब आधा होता हैजब आपको पूरी वीडियो में रस आने लगा औरलोगहैं जिस वीडियो को आप आधा सुनते हो उसकोचारचार बार सुनतेहैं जब आपको रस आनेलगा तो मैं और बड़ी वीडियो डाल दूंगाफिक्र मतकरो इस सागर में जल की कोई कमीनहीं इस अमृत खान में अमृत की कोई कमीनहीं भरा पड़ाहै इसका प्रतीक कण अमृत से युक्त है और यहअसंख्यहै असीमहै कभी खत्म नहीं होगा कभी कम नहीं होगाइसलिए उपनिषद कहतेहैं पूर्णस पूर्ण मादा पूर्ण में से पूर्णको निकाल लिया जाए पूर्ण मेवा विशेषतपूर्ण ही बचता है कुछ घटता नहीं रोज बोलदू ना बढ़ता है ना घटताहै यह वो खान है और अजबी खान हैतो आपके दो प्रश्न होलिए कंस को क्यों मारा शिशुपाल को खुदक्यों मारा क्या पांडवों को खुद नहीं मारसकते कोरब को खुद नहीं मार सकते थेबिल्कुल मार सकतेथे और तुम्हें क्या पताभीतर से लड़ाई किसनेलड़ी तुम्हारे पास वो अंतर नाइन नहींहै जिसके पास अंतर नैन दिए थे भगवान कृष्णने जिन्हें आजआप बाबा के नाम से संबोधित करतेहोखाटू श्यामउनको अंतर चक्षु मिल चुका था उसकी इच्छाथी कि मैं सारे महा भारत के युद्ध को अपनीआंखों से देखना चाहता हूं तो कृष्ण ने कहाइन आंखों से तुम नहीं देख सबरबरी भीष्म का पुत्र था भीमका अगर तुम वास्तव में देखना चाहते होतो मैं तुम्हें ज्ञान चक्षु देताहूं वहां से दिखेगी तुम्हें असलियततुम्हारे पास भी ज्ञान चक्षुनहीं और बिना ज्ञान चक्षु के बड़े आराम सेबोला जा सकता है परमात्मा नहींहै बोल देते हैं मार्कस निच से चारवक हिटलर स्टालिन माओ बड़े आराम सेबोलते बस अंतर चक्षु का अभावहै यही बात कृष्ण कहते हैं बरप को बरप अगरतुम वास्तव में देखना चाहते हो तो दोआंखेंहैं एक तो वह जिन आंखों से तुमदेखते एक तोवो और उन आंखों से जो तुम देखते हो चर्मचक्षु उसके लिए काम करना होगा अब यह तोकहानियां है जो तुमने बनादी के सिर काट लिया सिर को ऊपर लटका दियायह सब कहानिया है और प्रतीकहै सिंबॉलिकरिप्रेजेंटेशन टस कॉल्ड एब्रिवेशनये तो सिंपल साहै कृष्ण कहता अगर तुम सच में देखना चाहतेहो तो मैं भी कहता हूं नास्तिक को लोगकहते हैं परमात्मा नहींहै तुमने चर्म चक्षु सेदेखा अगर वास्तव में देखना चाहते हो तोज्ञान चक्षु से देखो दूसरे चक्षु भीहै बहुत से लोग कहते हैं हां हमें दे दोज्ञान चक्षुकोई आएगा उसे मिल जाएगा और मिला है मिलाहै ज्ञान चक्षुपहुंचे तो बरबरी कहता हैप्रभु मेरी अंतिम अभिलाषा यह है य तो मैंनहीं लडूंगा चलो तुम्हारे कहनेसे और मैं जानता हूं जिस तरफ कृष्ण हैयानीउस तरफ जीतहोगी लेकिन मेरी इच्छा पूरी करदो बताओ क्या इच्छा हैबर इच्छा है कि मैं इस महाभारतमें दुनिया का एक महत इवेंट घटने जा रहाहै मैं उसको अपनी आंखों से देखना चाहताहूं फम द वेरी फर्स्टडे पहले दिन से ही देखना चाहता हूंठीकहै नकली नकली देखना चाहते हो कि असली असलीदेखना चाहते हो यह प्रश्न पूछा कृष्ण नेबर्ब री शास्त्रों में नहींमिलेगा मैं उस युद्ध के मैदान मेंथा इसलिए मैं हिम्मत कर पाऊंगा यह बातबोलने कीमैंने पहले भीकहा भगवान राम के वक्त भी मैंथा कृष्ण के वक्त भी मैं था और मैं साक्षीहूं इन बातोंका बहुत से लोग भाग जाते हैं बंद कर देतेहैं चैनल को अब यह बकवास हमसे सुनी नहींजाएगी मैंने कहा मतसुनो अच्छी अच्छी बात सुनो जो सुनातेहैं मेरी को मतसुनो कहता भी कौन हैतुम्हें बस कमेंट मत करना क्योंकि कमेंटकरने के योग्य जब तुम हो जाओगे तब तुममेरी बात को समझ जाओगे कमेंट नहींकरोगे तो बर्बरीक नेकहा मैं सचमुच जो युद्ध के भीतर हुआ वहदेखना चाहता हूंतोफिरबरबेक तुम्हे अंतर चक्षु की जरूरतपड़ेगी जो मैंने अर्जुन को दिए अंतरचक्षु उसके लिए क्या करनाहोगा उसके लिए तुम्हें अपना सिर देना होगाहम भी रोज कहते हैंजेतो प्रेम मिलन कीचा शीसतली[संगीत]धर घर मेरेहा शीश तलीथर घर मेरे आघर मेरे[संगीत]आजेत प्रेम मिलनकीचा यही कृष्ण नेकहा सच में जो घटा वो देखना चाहते हो हांनकली नकली नकली फूलों का क्या देखना होताहै वो तो हमने ही बनायाआज सब कुछ जो तुम देख रहे हो नकली नकलीबनाया हुआहै मानव खोपड़ी कीईजाद जो कभी 10 मिनट के लिए अपने भीतरनहीं गए आईएस की कुर्सियां संभालते रहे वहतुम्हें गीता का व्याख्यानदेंगे उपनिषद पर व्याख्यान देंगेऔर देश जल रहा है उठने का सास नहींकरें फिर वो कहे ये मुझे मार डालेंगेलेकिन कृष्ण को मृत्यु का य नहींहोता तो कृष्ण बांच वाले को मृत्यु का भयनहीं होनाचाहिए डर के भागने वाले भगोड़े हैंय ज्ञान इनकी खोपड़ हों से आता है अंतस्थल से नहीं आता एक एक शब्द को सुनलेना और तुम रोज मूर्ख बनतेहो फिर तुम्हें शीश देनाहोगा सहर्ष बरबरी तैयार हो गयाठीक शीश लेलो देखना चाहता हूं सत्य में क्या घटाकृष्ण के होते हुए युद्ध कसा हुआ बड़ामजेदारहोगा यह देखना अपने आप में विलक्षण सत्यहै कृष्ण ने अंत चक्षु दे दिए उसका शश लेलिया सिंपल हैप्रतीक सचमुच में सिरने काट लिया सचमुचमें गणेश का सिर भी नहीं काटा आता ध्यानरखना य तुम्हारे शास्त्रों की गप्पेहैं जो भीतरी सत्यात्मवानीतुम्हारे जैसे सुंदर पुरुष हैगणेश तुमसे ज्यादा विलक्षण पुरुष है तुमसेज्यादाबुद्धिमान तुमने उसके सूट लगा दी लियापकड़ दिया एक दांत तोड़ दिया वक्र तुंडेमहाकाय सूर्य कोटि समप्रभा निर्विगनहर्ता सुसर्वता रोज ठग लेते हैं ब्राह्मण लोआपको ये चार मंत्र बोलके होता हुआ ता कुछनहीं ज्ञान ब्यान कुछ नहींहै हम कह देते हैं शीश कादानी वाकई ही शीश का दानीथा और तुमसे एक और बात बताता हूंयह शीष के दानी अद्भुत होतेहैं जो अपना सिर नहीं दे सकता वह प्रेमगली में नाआए जो शीश तली पे धर ना सके वह प्रेम गलीमेंआएगा नहीं आना चाहिए दूर ही रहो तुम इसमहफिलसे यह मैं खानाहै या खुद ही अपना गला काट के अपनी हथेलीपर रखना होताहै तो मैं इन बातों का मतलब शायद समझनाआए यहां जिंदगी का सवाल होताहैईश्याम[संगीत]उनकाखयाल आ[संगीत]गया हुईशाम[संगीत]उनका खयाल आगयावहीजिंदगी कासवाल आगयावही जिंदगीकासवाल आगयाश्यामउनका खयाल आ गयाजब उसमें मिलने का मन हो तो जिंदगी कासवाल पैदा हो जाता है क्यों क्योंकि शीषको जड़ना होताहै शीष देते ही तुम खत्म होजाओगे यही तो मसला है अहंकार का इसलिए तोअहंकार मर नहीं सकता अहंकार को पता है औरबहुत से लोग मुझे प्रश्न कर देते हैं बाबाऐसी मुक्ति का क्याकरना ऐसे आनंद का क्या करना जिसका लुत्फहम नहीं ना ना उठा सके हम ही नारहे तो मुक्ति से लेना क्याहै मैं कहता हूं तुम्हारा कुछ और स्वरूपभी है जो वास्तव में तुम हो यह नकली मैंको छोड़नापड़ेगा क्या तुम नकली मैं को छोड़ने कोराजी नहींहो क्या तुम प्लास्टिक केफूल असल फूलों के ऊपर कुर्बान नहीं करसकतेबस मैं वो बृष्टि के फूल मांगताहूं जिनकी सुगंध अपनी नहीं है जोफैक्ट्रीज मेंबने तुम्हारी फैक्ट्री में बनेहैं और मैं उस प्रेम की बात करता हूं जोईश्वर की दरगाह से आताहै उस प्रेम के लिए क्या तुम इसके मानवगणित प्रेम का भले दान नहीं करसकते फिर तुम योग्य नहींहो य नटलिटी तो फिर तुम्हें संसार में मौज करनीचाहिए धन कमाओ पदवी कमाओ आईएस बनो पीसीएसबनो सीएम बनो पीएम बनो कुछबनो यह सिर कटाने वालों का रास्ताहै जो घर बार आपन चले हमारेसाथ इसकी क्षमता है अपने घर को आग लगादेनेकी वह हमारे साथचले और कबीर कहते हैं जिस घर को तुम आगलगाओगे वह घर तुम्हारा नहीं है तुमनहीं नकली घर को आग लगानी पड़ेगी तुम्हारीकल्पनाओंको फना कर देना होगा कल्पनाओं को पाखंड कोधारणाओं को गलतहै क्या तुम उन नकल नकलको नहीं छोड़सकते अगर छोड़ सकते हो छोटी सी हिम्मत हैकोई बहुत बड़ी हिम्मत भीनहीं यह ठीक कि चिप काहट जन्मों जन्मोंपुरानीहै जीरा कपे का हीरा कपेका हिया डर डर के जाएगासूखे पत्ते की तरह डरोहोगे लेकिन छोड़ने का जज्बा होना चाहिए तोफिर छोड़पाओगे निगाहे उस अखंड धारा पर होनी चाहिएआनंद की अखंडधारा फिर तुम आसानी से छोड़पाओगे तो बरबरी कहने लगे बिल्कुल सहर्षसिर ले लोभगवान मैंने सत्य सत्य देखना है क्याहुआ भगवान ने अहंकार लेलिया सिर नहीं लिया यह तुम्हारी कहानियांहै ना सिर गणेश का लिया गया नासिर श्याम बाबा कर लिया क्या यह प्रतीकहै तुम श्रद्धा अनुसार उपयोग कर सकते होमैंने तुम्हें पहले भीकहा इन्हें खंडित करने की आवश्यकता नहींहै क्योंकि अरबों लोगों की श्रद्धा काकेंद्र हो गया है यह शीषकटा उसको तोड़ने की आवश्यकता भी नहींहै श्रद्धा तो पत्थर के ऊपर भी हो सकती हैअन घड़े पत्थर के ऊपरमूर्ति के ऊपर भी हो सकतीहै पूरे अवतार के ऊपर कृष्ण के ऊपर भी होसकती है सीश कटे श्याम बाबा के ऊपर भी होसकती है लेकिन यह प्रतीक है ध्यानरखना लेकिन वास्तविकता देखना चाहता हूंअगर कोई भी वास्तविकता देखना चाहताहै पहली शर्तहै जो घर बार आपन चले हमारेसाथ प्रेम ना बाड़ी उपज किसी खेत कल्यानमें नहीं होताप्रेम प्रेम ना हाट बिकाय किसी बनिया कीदुकान पर भी नहींमिलता राजा प्रजा ही रुच शीश दे लेजाए यहां कोई भेद नहीं है कि यह राजा हैयह प्रजा है राजा को सिर ना देना पड़ेनहीं ऐसा कुछ नहीं है शीष देना पड़े कोईभी है प्रजा है या राजाहै कृष्ण ने शीश ले लिया बर्बरीक ने जो आजके श्याम बाबाकहलाए उन्होंने सारा दृश्यदेखा कृष्ण को पताथा जब हम जीतजाएंगे तो यह शोर मचाश्रेय लेने को कन नहीं आगे आता सब आगे आजाते हैं आजादी हमने लाई आजादी हमने लाईआजादी हमनेलाई तो फिर चरण चुंबक कौन था भाई यह बतादो फिर य चुप हो जातेहैं ढंडोरा पीटने वाले चुप हो जाते हैं इसप्रश्न परये कह रहे हैं कि बाबा तुम सियों को रगड़दे बहुत हो नहीं मैं सियों को नहीं सियोंमें बहुत अच्छे अच्छे लोग बैठेहैं गंदे नाले में पानी तो होता ही हैना बिना पानी के गंदा नाला होतानहीं बिना पानी के वो चलेगा कैसे शुद्धलोग भीहैं लेकिन बीच में गंदगी खुल गई हैइस गंदगी को दूर करदो स्वच्छ जल निकलजाएगा मैं सियों का विरोध नहीं करता मैंदुष्टों का विरोध करता हूं गंदगी का विरोधकरताहूं सियों का रोध नहींकरता सियों में जो गंदगी फैलगई संख की शाखा तो गंगा की तरह निर्मल थीलेकिन क्या करे कोई जब गंदगी मिलजाए बस आज वैसे ही दशा हो गई है इस गंदगीको अलग करना होगा संग का निर्माण जैसा संगथा वैसा करनाहोगा शीष देदिया पता था बाद में लड़ेंगे मीम कहने ललगा मैंने मारे इतने ज्यादा तो भीम ने हीमारे थे इसमें कोई शक भीनहीं गधा के प्रहार से सभी महारथी मारे गएथे और सबसे बड़ा महारथ भीम ने ही मारा थादुर्योधन जो उसकी जड़ था सुई की एक नोक केबराबर जगह नहींदगा तुम पांच गांव मांगते होझगड़ा हो गया वह कहते हैं मैंने मारामैंनेमारा मेरे कारण जीत है मेरे कारण जीतहै कृष्ण तो जानतेथे एक व्यक्ति साक्षी की तरह बैठा दियागया था वह कहते आप शांत होजाओ झगड़ा मत करो अब काहे झगड़ा करतेहो एक व्यक्ति है जो साक्षी है हमारे भीतरभी एक साक्षीहै जरा मेरे इशारों को समझ लियाकरो मैं बात जब संसार की करता हूं उसमेंइशारे भीतर के भी होतेहैं हमारे भीतर भी लगातार एक साक्षी बैठहमारे कर्मों को निहार रहा है वह आंखेंहैं जो बराबर हमें देखते हैं क्या कर रहेहैं क्या मन में चल रहा है क्या बाहर बोलरहाहै निकाल रहा हैदांत भीतर से आ रहा है कि इसको मार दूंपीस दू इसको दांतों के तरहलेके य दोहरे मुख वाले लोग तुम्हारे भीतरएक साक्षी त्व बैठा हुआ तुम्हें लगातारतुम्हारी सभी गतिविधियों पर प्रहरी बनकरबैठा है उसे परमात्मा कहतेहैं कृष्ण झगड़ा मतकरो झगड़ा कहे करना है एक व्यक्ति हैजिसने देखा सब कुछ वास्तविक देखा मैंनेउसे कहा था असल असल देखना नकल नकल वह कहतामैंने असल असल देखना क्याहुआ तो फिर चलो उससे ही पूछ लेतेहैं चले गए श्याम बाबा केपास बरबरी केपास मैं उस महा देवता को प्रणाम करता हूंमहादानी को प्रणाम करता हूं मेरा शीश झुकजाता है भीतरसे महा दानि हों के आगे शीश झुकते हैंझुकाए नहींजाते सभीपांडव जो हेकड़ी मार रहे थे कृष्ण कहतेसाथचलो श्याम बाबा के पास ले गएइसने अंत चक्षु से देखाहै बताओ बरबरी तुमने युद्ध में क्यादेखा बरबरी कोठा कृष्ण के चरणपकड़ हेमहाबली तुम मुझसे पूछतेहो नहीं मैं तुमसे नहीं पूछताइन मित्रोंकी भ्रांति का शमन करनाहै निवारण करना है ब्रह्मका और तुम एक अकेले व्यक्ति हो जिन्होंनेदेखा यह जगड़े हैं आपसमें युधिष्ठिर कहते हैं अगर मैं झूठ नाबोलता तोअर्जुन कहते अगर मैं बांध ना चलातातो भीम कहता सभी मैंने मारे गदा युद्ध मेंसभी मार दिया बात भी ठीक थीउसकी करीब 90 से ऊपर महारथ उसनेमारे भीम ने अकेले भीम नेअब एक सत्य को तो तुम ही जानते हो क्योंकितुम्हें अंतः है चक्षु मैंने इसीलिए दियाथी सच पूछो तो बरबरी क मैंने यह दृश्यदेखने के लिए ही तुम्हें बुलाया[संगीत]था और तुम्हें मैं वरदान देता हूं अब यहवरदान सुनिए जो कृष्ण देतेहैं क्योंकि मेरे कहने से तुम आए आहूत हुएतुमने सिर का बलिदान दिया तुम ज्ञानी हुएय तुम्हें फल मिल गया लेकिन मैं खुशहूं तुम्हारी आज्ञाकारिणीय कृष्ण का वरदान था बरबरी को श्याम बाबाको मेरे कहने से आहूत हुए मैंने बुलायातुम्हें क्योंकि तुम स्पष्ट आदमी थेनिष्पक्षथे और बरबरी ने कहा भी यही था मैं लडूंगाकिसकी तरफ से लड़ो गबर्बरीक बरबरी कहने लगे जो पक्ष कमजोरहोगा और महाबली था महारथथा जो कमजोर पड़ता दिखेगा उसकी तरफ से लगायह तो कोई बात फिर तो फैसला कैसेहोगा जब दोनों तरफ से तुम लड़ो तो फैसलाकैसे होगा अब तुम ऐसे करो तुम बैठ हीजाओ तुम्हारी अंका देखने की अब पूरी करदेता हूं ज्ञान चक्षु तुम्ह दे देता हूंतुम बैठ जाओ दिव्य दर्शन करते रहना देखतेरहना क्या हुआ किसने कियाबताओ श्यामबाबा क्या हुआ तुमने पूरा महाभारत अपनीनगन आंखों से देखा अंतः चक्षु से देखासत्य सत्य देखा क्योंकि वह साक्षी असत्यनहीं देखता वह सत्य देखता है जो हुआश्याम बाबा चरणों में गर पड़े हेमहाबली तुम ही तुम नजरआए हर तरफ तुम ही नजरआए जहां मैंने देखा तुम्हारा ही सुदर्शनचक्र नजरआया दुष्टों की बलि लेता हुआ तुम्हारा हीचक्र नजरआया तुम ही काल रूप में मुझे दिखेतुम्हारे सवा और कोई भी नहींथा और बिल्कुल सत्यदिखा उसके सिवा कोई है भी नहीं मैं बहुतबार बोलाआपसे तुम जब अपने अंतिम तल पर जाओगे ईश्वरकरे ऐसा हो नद्री मोख दवार तुम पर नजरहो खुदा करे की क्यामत हो और तआए वो कयामत जो तुम्हारे अहंकार के लिएकयामत का रूप बनकर आती उस कयामत की बातकरता हैइस्लाम वह कयामत जब अहंकार का सर्वनाश होजाता है अहंकार कासर्वनाश बलिदान वो दो जिसमें तुम्हाराअहंकार बली चढ़ जाए बकरे का मेमनानहीं तुम गल डगर पर चल पड़ेहो धार्मिक कहलाते हो धार्मिक होनहीं तुम ही तुमथे हे चक्रधारी तुम ही तुमथे और कोई दूसरा था भीनहीं मैंने जो देखा उससे हथ पर रह गयामेरी अंतिम अं कक्षा अंतरिम कक्षा पूरीई सभी कृष्ण के चरणों पर गपड़े हमारी समझ गलत थी प्रभु हमें क्षमाकरो यह युद्ध लड़ा कृष्ण ने और ध्यानरखना तुम क्या डरते होजिस तरफ से कृष्ण लड़ते हैं वो कभी हारतानहीं कृष्ण असत्य की तरफ से लड़ते हीनहीं और असत्य हमेशा हारता है झूठा हमेशाहर्ताहै इसलिए सभी ऋषियों ने पतंजलि हो महावीरहो बुध हो सबसे पहले का झूठ मत बोलो जोझूठ बोलेगा व मारा जाएगा लेकिन क्याकरें हमारेमुख्य सत्ताधारी तो बोलते ही झूठ है सतकभी बोलते ही नहीं जो बोलते हैं झूठ हीबोलते हैं तो फिर क्या करें तो पतंजलि नेकहा सबसे पहला यम नियम आज आठ अंगोंमें पहला सबसे पहला सत्य अहिंसा अस्तेब्रह्मचर्यपग्रसत्य ये पहली कसौटी है अगर तुम झूठ बोलातो तुम मत चलो इस राह केऊपर तुम्हारे ऊपर इतना विश्वास होना चाहिएकि तुम जो बात कह दो वो सत्यहो यही महावीर कहते हैं सत्य अहिंसा अतेब्रह्मचर्यपर्र आज तो ब्रह्मचर्य के नाम पर बहुत लोगखिल्ली उड़ाते हैं खास तौर से पश्चिम मेंहो ही नहीं सकताय नहीं हो सकता तो तुम हार जाओ तुम करतेहो रोज गर्त में गिरते हीहो तुम्हें कौन रोकता हैअगर चिड़ी चोंच भर पानी पी सकती है तोइसका मतलब यह तो नहीं कि हाथी भी चोंचसे संतुष्ट हो जाता है हाथी तो वही मनपिएगा तुम तृप्त होते रहो काम वासना मेंतुम्हें कौन कहता है तुम्हें कोई रोकता भीनहीं तो पातं हो महावीर हो सत्य अहिंसाअस्ते ब्रह्मचर्य अपरिग्रह बुद्ध हो सत्यअहिंसा अस्ते ब्रह्मचर्य अपरिग्रह और कोईऋषि हो सत्य से शुरूकरेंगे और सत्य भाषण से शुरू करो और सत्यअस्तित्व तक पहुंचाओ इस शब्द को याद करलेना लिखलो सत्य भाषण से शुरू करो सत्य बोलना शुरूकरोऔर अपने सत्य अस्तित्व तक पहुंचा जाओ यहहै यात्रा सारी अध्यात्मके फिर बोलूंगा सत्य भाषण से शुरूकरो सत्य अस्तित्व तकपहुंचाओ ऑथेंटिकली वट यूआर हु आर यू ऑथेंटिकली प्रमाणिकता पे सचमें तुम क्या हो शब्दों मेंनहीं यह जो आचार्य बोलते हैं ना यह नहींइनको तो खुद पता नहीं इनके रे से पता लगजाताहै मुझे लोग कहते हैं बाबा आप कैसे पहचानलेतेहैं हम तो बोलते भी कुछ नहीं तुम्हेंबोलने की जरूरत भी नहींहोती हम रा देखकर ही पहचान जाते हैं औरकोई भी संत है व और देख के पहचान लेता हैकि तुम क्या हो कैसे होउनके आगे तुम्हारा झूठ तुम बोल तो दोगेलेकिन चलेगानहीं भीतर से वो हसेंगे बाहर से तुम्हारीबात सुनेंगेकान सुनेगा जी हंसेगा तुम्हारी मूर्ता परके कहां आ गए हो क्या बातें करते होभ्रम टूटाहै सत्य के बिना भ्रम टूटता भीनहीं झूठ झूठ तो तुमहोही यू आर इल्यूजन इट सेल्फ तुम खुद मेंही झूठ हो तुम खुद में ही भ्रम हो वही मैंकहता हूं ब्रह्म सत्यम जगत सत्यम ब्रह्ममब्रह्मममिथ्या इल्यूजन मिथ्याहै यह भ्रम तुम्हारा गलत है कि तुम शरीरहो तुम मन हो लेकिन इनको शब्दों को शब्दोंसे मत मिटा देना जैसे आचार्य बहुत बारआचार्यों का शब्द मैं क्योंकहूंगा इनको बहुत से मूर्ख सुनते हैंइसलिए आचार्य का नाम लेताहूं खुद को ज्ञानी मानतेहैं और खुद को ज्ञानी बताते हैं हैनहीं उस साक्षी के आगे भला कोई बच सकाहै जब जब यह भीतर जाएंगे तब पाएंगे मैंनेझूठ बोला और इसलिए मैं कहता हूं अंत समयमें तुम बड़ेरोगे बड़े पछताओगे एक मौका था चुपगया फिर याद आएगा बाबा यादआएगा जब जबबहर[संगीत]आ और फमुस्कुराए मुझेतुम यादआए मुझेतुम यादआए जब जब भी चांदनिकला और तारे मुस्कुराए मुझेतुम यादआए मुझेतुम याद[संगीत]आए फिर यादकरोगेठ एक प्यार औरवफाकीतस्वीर मानताहूं तस्वीर क्यातुम्हें[संगीत]मैंतकदीर मानता[संगीत]हूं देखी नजर नेखुशियां या देखे गम केसाए गहरे से लेना इन शब्दोंको यह साक्षी के शब्दहै देखी नजर नेखुशियां या देखे गम केसहाए मुझे तुम याद आए[संगीत]मुझे तुम याद आए तू ही है कराने वाला तूही खुशी देने वाला तू ही गम देनेवाला देखी नजर नेखुशियां और देखे गम केसाए मुझेतुम याद आएमुझेतुम यादआए दोनों ही स्थितियों में तेरी मर्जीतेरा पाना मीठालागे तू जो करता ठीक करता इस स्थितियोंमें तुम समभाव रखना सीखजाओ तो गए गए उस मुकाम पर जिसकीतला अपना कोई राना[संगीत]मैंने नहींबनाया मैंने अपनी मर्जी से कुछ नहींकिया सब तेरी मर्जी सेहुआ अपना कोई[संगीत]राना मैंने नहींबनाया तुमने मेरेलबों पेहर एक सुरसजाया जो बोले तुम्हेंबोले तुमने मेरेलबोंपे हर एक सुरसजाया मैं कुछ नहीं बोलाकभी जब जब मेरे तरानेदुनिया ने[संगीत]गुनगुनाए मुझेतुम यादआए मुझेतुम यादआए जब जब मेरेतराने दुनिया नेगुनगुनाए मुझेतुम यादआए मुझेतुम यादआए जब जब बहार[संगीत]आई और फूलमुस्कुराए मुझे तुम यादआए मुझे तुम यादआए तो श्याम बाबा ने कहा है प्रभु तू करताहै जो करताहै यही बाबा नानक नेकहा कौन संत है जिसने यह नहीं कहा लव सेकहते हैं जो करता वो ठीक करता है और भलेके लिए करता है लेकिन तुम नहीं मानते मतमानोजितनी देर तलक तुम नहीं मानोगे तुम्हाराअहंकार नहीं मानेगा उतनी देर तलक तुम्हारादुख दूर नहीं होगा तो परिणाम भी भुगत रहेहो तुम मैं अच्छी तरह से देख रहा हूं जिसघड़ीतुमने हर होनी अन होनीको उसके चरणों में रख दिया तेरा पाना मीठालगे बस उसी घड़ी तुमसुख की सांस ले पाओगे उससेपहले किसी का कुछ नहींबिगड़ते किसी का क्या बिगड़ जाएगा तुमनास्तिक रहो तुम आस्तिकरहो कौन तुम्हें आस्तिक बनाने आता है यहतो फालतू के लोग हैं जो कहते हैं हिंदूधर्म से ईसाई बन गया ईसाई से मुसलमान बनगया बनने दो भाई तुम्हारा क्या लेतेहैं यह कोई महंगे कवि थोड़ी है जो पैसोंमें राम कथा सुना देंगे यह बापूहो या महंगे कवि हो यह बिकाऊ माल है औरनानक बिकाऊ माल नहीं होते कबीर बिकाऊ मालनहीं होते यह वैश जैसे हैं पैसादो बस आगे मैं क्याकहू बुला लो मंचपे नगन होने को तैयारबला परमात्मा कभी पैसे से मिलताहै यह अकल इनको भी आईहोती तो यह महंगे कवि की जगह संत ना हुएहोते बस एक ही कदम दूरथे कभी संत से एक कदम दूर होताहै थोड़ी लांग भर लेनी होती है कभी ज्यादादूर नहीं होता कभी ने सब मंजिलें तय करबड़ी ऊंचाइयों को छू लिया अब आखिरी मंजिलपर आग ठहर गए इसे ही कहते हैं भगवान योगभ्रष्ट यह योग भ्रष्ट लोग हैं बड़े ऊंचेउठे लेकिन आखिर में आकर गर्कगए अपनी प्रति काइस्तेमाल पैसे कमाने के लिए करलिया अजीब रोगहै भगवान को पैसे में भेयह किशोरिया भगवान को पैसे में भेजती फीसलिखी हुईहै 10 लाख लगेंगे 20 लाख 50 लाखलग और हम इन्हें सम्मानित करते[संगीत]हैं तो ध्यान रखना मूड ही तुम्हेंसम्मानितकरेंगे ज्ञानी तुम्हे सम्मानित नहींकरेगा ज्ञानी तो सत्य को सन्मान देता हैसदा राधे राधे जपने वालों को कभी सन्माननहींदेता पैसा लेके प्रचार करने वालों को कभीसन्मान नहीं देता ज्ञानी तो नहीं देता मूडलोग सन्मान देते हैं जरूर बिना शक येमूर्खों के भीड़ तुम बैठे हुएदेखोगे कहां नहीं मिलतीतुम्हें मैं ज्यादा तो ना बोल तो अच्छाहै य ऊपर वाले भी कहने लग जाते हैंबाबा आगे मतचलो श्याम बाबा चरणों में कररपड़े जब देख लेता है कोई तो चरणों मेंगरना ही पड़ताहै कहना ही पड़ताहै समृत लब्धहो मिलगई नष्टमोहा मेरा इल्यूजन नष्टहुआ मैं तेरी शरण मेंआया और तेरी शरण आने वालों के पाप तू दूरकर देता है अहम तवाम सर्व पापे भ मोक्षश्याममास तू अनन्य भाव से मेरी शरण पकड़ लेलेकिन तुम तो पैसे की शरण में तुम तोमहंगे कवियों की शरण मेंहो तुम तो जिनके खपड़िया लफा जीी से भरीपड़ी है उनकी शरण में हो तुम तो जो झूठेवायदे करते हैं उनकी शरण मेंहो तुम पदवी हों की शरण में हो मानप्रतिष्ठा की शरण में हो किस किस की शरणतुमने नहीं गई एक उसको छोड़करऔर कृष्ण कहते हैं जो मेरी शरण में आ जाताहै सर्व धर्माप्रत सभी धर्मों का परित्याग करके सभीधर्मों का परित्याग करके यहां धर्म केअर्थ मत निकाल लेना क्षमा करना मुझे सभीधर्म जो तुमने बनाए वह है तो संप्रदायधर्म तो स्वभाव को कहते हैं जो तुम वास्तवमेंहो हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई पादरी यहूदी जोभी हो तुमपारसी जो भी तुम हो कृष्ण सच में ये कहतेहैं साफ साफ तुम्हारे धर्म के ऊपर प्रारकरते हैं तुम अर्थ कोई और लेते हो बच जातेहो और ना बचो तो प्रचार कैसे होगा बचनापड़ताहै पापी पेट का सवालहै तुम क्यों हसते हो तुम्हें क्या मिलगयासभी धर्मों को छोड़कर एक मेरी शरण में आजा अहम तोम सर्व पाप मोक्षममास गंगा की शरण में मत जाओ कुंभ की शरणमें मतजाओ मूर्तियों की शरण में मत जाओ व पत्थरहै इन मूर्ख गुरुओं की शरण में मत जाओ येअज्ञानीहै कृष्ण कहते हैं सिर्फ मेरी शरण में आजाओ वह अलक वहनिरंकार जिसका कोई आकार नहीं जो देखा नहींजा सकता जो छुआ नहीं जासकता और सब कुछ वही है उसकी शरण में आजा इन सभी मान्यताओं को छोड़ दे येमान्यताएं हैं जिन्हें तुम धर्म कहते होकिसने कुछ मान रखा है किसने कुछ मान रखाहै लेकिन सभी ने मान रखाहै सभी मान्यता को ढेर ढेरी कर दो अपनेहाथ से तलवार से काट दो जैसे रामकृष्ण नेअपनी ही माता को अपनी ही तलवार से काटदिया यह कल्पनाएं हैं कल्पनाओं की तलवारउठाओ और काटदो कोई बहुत मुश्किल मामला नहींहै अहंकार तुम्हारी मान्यता सच में नहींहै तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ने वाला तुम तोवो तत्व हो जो कभी मरते नहीं नयनम छतिशस्त्राणि जलावन हारा कैसे कैसे शब्दों नेकैसे कैसे इंगित की उस परमात्माको और तुम ऐसे मुड़ एक भी नहीं उतरीभीतर सभी ऊपर से गुजर जातीहैं हरिहर असल प्रश्न तो रह गया अब क्याकरें अब फिर दूसरे प्रवचन मेंबोलूंगा प्रश्न तुम्हारी काम काहै हजारों सवाल इस तरह के आए हैंजवाब देना जरूरी हो गयाहै मेरीपत्नी किसी और लड़के से बात करतीहै प्रश्न सुनादूं ताकि अगर कोई आशिक हो तो वह मेरी अगलीवीडियो जरूर सुनले मेरी पत्नी किसी और लड़के से बात करतीहै मुझे शक है कि उस परकोई तंत्र क्रिया की हुईहै सगाई के बाद से वह लगातार कमजोर होतीजा रही है नाम नहीं बताऊंगा फिक्र मत करोकांपमत माफ कीजिएयह सवाल सांसारिकहै कृपया मददकीजिए नाम लिखा है शहर लिखाहै मेरी पत्नी और मेरी फोटो भेज रहाहू कृपा करो मार्ग दर्शनकरो अगली वीडियो में इसका जवाब दूंगाक्योंकि इस तरह कीबतानाजरा 3648 प्रश्न आए बहुत तेर से प्रश्नदेता बाबा और तो सभी बोल देते हैं आपनेकभी नहीं बोला और हमें तसल्ली आप पे है आपजवाब दो इस बातका मुख्य प्रश्न से दूर मतरहो हमारी गुथ आं आपके पास खुलती हैंआख क्या किया जाएअगले प्रवचन में जवाब दूंगाआपको श्री कृष्णगोविंद हरे[संगीत]मुरा हे नाथ नानारायण[संगीत]वासुदेव पित मात स्वामी सखा[संगीत]हमार पितु मातस्वामीसखाहमारे हे नाथनारायण वास[संगीत]देवा लोग कहते हैं एक मिनट के लिए कीर्तनछेड़ दिया करो हम नाच लिया करेंगे नाचलो श्री कृष्ण गोविंद हरे[संगीत]मुरारी श्री कृष्ण गोविंद हरेमुरारी हे नाथनारायणवासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हेनाथनारायणवासुदेवा पितुमा स्वामीपितु मात स्वामी सखा हमार पितु मात स्वामीसखा हमारे पितु मात स्वामी सखाहमारे हे नाथनारायणवासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हेनाथ ना नारायणवासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरेमुरारी हरे हेमुरारीहरे[संगीत]मुरारीहरेहरे हरेश्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथनाराय यनवासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरा पितुमात स्वामी सखा हमार पितु मात स्वामी सखाहमारे हे नाथनारायण वासुदेवाश्री कृष्ण गोविंद हरेमुरारी हे नाथनारायणवासुदेवा[संगीत]ओ धन्यवाद
0 Comments