सर्वशक्तिमतेपरमात्मा नेश्रीरामायनमः सर्व शक्तिमतेपरमात्मनेश्रीरामाय नमःकल हमने एक प्रश्न छोड़ाथा मेरी शादी कोहुए थोड़ा वक्त बीताहै और मेरी धर्मपत्नी किसी और लड़के से बात करतीहै मुझे शंका हैकि उस पर कोई तंत्रक्रिया हुईहोगी सगाई केबाद वो कमजोर होती जा रहीहै मददकीजिए यह सवाल सांसारिकहै बड़ी कृपाओगेआइए इस महत्व प्रश्नको आज प्रथम बार पूछा गया हैऔर तुम्हें अच्छी तरह से पता है मैंनेपहले दिन ही तुम्हें कहा थाम जस्ट साइलेंटलेग मैं एक मोहन झील की तरह हूं अगर इसमेंकंकड़ फेंक दोगे तो लहर उठजाएंगे अन्यथा यह शांत पड़ी रहेगी नितरंग मुझे बहुत लोग कह देते हैं बाबा आपनेपहले जवाब क्यों दिया उलट पुलट जवाब देदेतेक्योंकि यहां क्रम नहीं हैकोई यहां उत्तर आते हैं आपके प्रश्नों सेमेरे भीतरसे कोई प्रश्न का उत्तर नहीं आता क्योंकिप्रश्न नहींहै कितनी देर पहले मैं निप्र होगया और उस तत्व को देखकर कोई भी निपन होसकता हैप्रश्न बड़ा प्रासंगिकहै आपके लिए बड़ा कारगरहै भगवान महावीर का एक शब्दहै जियो और जीनेदो खुद भी जियोऔर दूसरों को भी जीनेदो जिंदगी जीने के लिए है रोने के लिएनहीं जिंदगी वैसे ही दुख हैऔर तुम मान्यताओं में समाज की प्रथाओंमें भ्रांतियों में जीवन को और दुखी करदेतेहो संत होते हैं तुम्हें तुम्हारीसमस्याओं से निजात दिलाने के लिए वोतुम्हें और उलझा देतेहैं जिन गांठों को तुम खोलना चाहतेहो उन गांठों को वो और ज्यादा बल देकर गोलगांठ बना देते हैं कि वह कभी खुले ही नहींऐसी बहुत सी गांठें हैं जो आज खुलती हीनहीं मानव चेतनासे उन प्रश्नों में से एक प्रश्न यह भीहै बड़ा महत्त्वपूर्णहै इसलिए इसको ध्यान से सुनिएहम शुरूकरें जब स्त्री पुरुष किसी बच्चे को जन्मदेताहै क्या वह बच्चे से पूछते हैं क्या हमतुम्हें जन्म दें कि नादे एक एक बात को गौर सेसमझले बच्चे को जन्म देते वक्तफकत क्या स्त्री पुरुष पूछ लेते हैं बच्चेसे क्या हम तुम्हें जन्म दे कि नादे और वही श्री पुरुष कहते हैं कि जीवनदुखहै फिर जीवन दुखहै तो तुम बच्चों को जीवन देकेदुख देने की प्रक्रिया में शामिल हो रहेहो यह तो महावीर से उलट हो गईबात ना तुम खुद जिए ना तुमने जीनेदिया व्यक्ति कोजीवन देने काअधिकार तभी होना चाहिए जब उसे वास्तविकरूप से पता चल जाए कि जीवन दुख नहीं जीवनमहा सुखहै और इस महा सुख को पाया जा सकताहै और उस महा सुख से युक्त व्यक्ति आनंदसे युक्त व्यक्ति को हम ऋषि कहते थेप्राचीन परंपराओंने यह विधान बनायाथा कि अगर किसी के संतान नाहो तो तुम ब्रह्म ऋषियों से डीएनए लेलेना अब थोड़ी सी और बात बता दूं गहरी हैतुम अन्न खाते हो जो भी कुछ खाते हो उससेस्पम बनता है रज बनताहै दोनों के आपसी संबंध से बच्चा पैदाहोता है चेतना उतरतीहै जीवन पैदा होताहै लेकिन जब कोई व्यक्ति समाधि होताहै संबोधी को प्राप्त होताहै बाकी तो सब वैसा ही है डीएनएवगैरा लेकिन उसके रोम रोम में वह जो घटनाघटी वह जो आनंद की बरसातहुई उसके स्पम्स में भी मिल जाती हैविदुषी गर्गी और विद्युतमा इनकी रज में भी मिल जातीहै ऐसे व्यक्ति कम ही उपलब्ध होतेहैं ऐसे व्यक्तियों को बच्चे पैदा करने काअधिकार होनाचाहिए सिर्फ ऐसे वक्ति कोऔर वह जो बच्चा पैदा होगा वह शीर्षस्थप्रज्ञा से युक्तहोगा वह चालाक नहींहोगा तेजस्वीहोगा य दूसरों की गर्दन नहींकाटेगा दूसरों को दुख नहीं देगापह सहनशील प्रवृत्ति काहोगा चेष्टाकरेगा कि उसकेकारण किसी को दुख नाहो ऐसे व्यक्तियों को हम ऋषि कहतेथे और ऐसे व्यक्तियोंका स्पम लेने के लिए या राज्य लेने केलिए एक परंपरा थी प्रथा थी हमारे सनातन कीबात करर मनु जी महाराज की अगली पीढ़ियों में एकपीढ़ी हुई रिथ सर रथ सर के कोई औलाद नहींहुई उसके धर्म प पत्नी के कोई बच्चा नहींहुआतो रथ सर कहने लगे किहम महर्षि अंगरा ऋषिसे सबम ले लेतेहैं ठीकहै दोनों ने आपसी सहमति से फैसलाकिया अंगरा ऋषि ने स्पम देदिया आज जमाने बदल समाज बदल गया समाज आजकुरूपहै समाज का चेहरा मोहरा बिगड़ गयाहै प्रश्न आया है कि मेरी धर्म पत्नी किसीऔर लड़के से बात करती हैहम कलाकारहैंकलाकार हम जो कुछ बन नहींसके वह थोपते हैं अपने बच्चोंपर हम इंजीनियर नहीं बन सके डॉक्टर नहींबन सके साइंटिस्ट रिसर्चर नहीं बनसके तो हम सोचते हैं कि अपने बच्चों को यहबनाएंगे जैसे कि बच्चे तुम्हारे गुलामपहली बात तो यह धारणा छोड़नी होगी मैंप्रसंग पर आऊंगा जल्दी मतकरो एक जीवन को लेकर आना है धरतीपर और मूर्ता के कारण जीवन दे दिए गए धरतीपर इसलिए आज धरती मुड़ता से भरी पड़ीहै झूठे व्यक्ति पैदाहोते बस इशारा ही समझलेना कहते हैं अमेरिका का राष्ट्रपतिट्रंप जैसे ऑथेंटिसिटीऑफ लाइन झूठ बोलने की प्रमाणिकता मिलगई अमेरिका के राष्ट्रपति को जितना चाहेझूठ बोलतेहमने आज समाजको झूठ से निर्मित कर दियाहै समाज एक तत्व पर पहले ही झूठा है वहतत्व है भीतरी जैसे ऋषि समझाते हैं तुम जोहो वो मानतेहो तुम जानते नहीं तुम कौन यह बड़े सेबड़ा झूठहै यू आर इनइलन ऋषि कहते हैं जो तुम मानते हो कि मैंहूं वह झूठहै जो तुम वास्तव में हो वो जानने के बादतुम सत्य होगे उससे पहले तुम झूठेरहोगे तो पुरुष स्त्री किसी बच्चे को जन्मदेती है उसे पूछतीक्या हम तुम्हें जन्म दकिना पूछ सकते भीनहीं कोई कारण भी नहीं कोई ढंग भी नहींकोई उपाय भीनहीं लेकिन बच्चे को हमने जन्म देदिया तुमने कुछ तो देखाहोगा संसार में सुख हैसंसार में दुखहै संसार दुखों का घर है संसार सुखों काघरहै बस यह दो ही बातें हैं जो समझाने योग्यहैं ऋषि को बच्चे पैदा करने का अधिकारक्यों है क्योंकि ऋषि जानता है किसंसार महा सुखहै उसे बच्चे पैदा करने का अधिकारहै क्यक वह बच्चे को बता भी देगा कि महासुख कैसेहै वह सारी प्रणाली को जानता है क्योंकिखुद उतर चुकाहै उस गहरे तत्व में जिसे सामवेद कहता हैतत्व मसीदकहते वह बच्चे पैदा करने का अधिकार रखताहै उसके लिए जीवनमहा सुखहै मूर्ख व्यक्ति को बच्चे पैदा करने काअधिकार नहीं होनाचाहिए क्योंकि वह जानता है कि जीवन दुख हैसुखनहीं इसलिए मैं तुमसे कहता हूं बुद्ध छूकगए बुद्ध जिस तल तक रहे वहां तक सुख हैसिर्फ और जहां से भागे वहां दुख था कहांसे भागे सुख ऐश्वर्य साधनपदार्थ हीरे मोती जवाहरातगद्दियातानाशाही जनताजनार्दन भूमि तख्तो तास दास दासियाछोड़ के आ जाते हैं बुद्ध कहते हैं नहींदुखहै भाग जाते हैं तो देखें सुख भीहै इसी खोज में निकल जातेहैं एक बहुतबड़ा संकट अपने जीवन के ऊपरलिख पता नहीं है सुख है कि नहींइतना पाया कि इन पदार्थों में सुख नहींहै तो फिर कहीं सुख होता भी है बस इसी खोजमें निकले हैंबत भयानक रिस्क लेकर बहुत बड़ा रिस्क लियाबुतने और देखिए जो रिस्क लेताहै वही साहसी हैवो पा भी लेताहै रिस्क लेने की क्षमता जिसमें नहीं साहसनहीं वह अधिकारी नहीं उस तत्व तक पहुंचनेका क्योंकि जो मनुष्य ने आजतक उन माद खड़ा कर लिया है इल्यूजन खड़ाकर लियाहै उसको तोड़ने के लिए बहुत बड़ा विराटसाहसचाहिए इसलिए जैनी बड़े समझदारथे जैनियों ने अपने 24 में तीर्थंकर कोउपाधि दी नाम तो उसका वर्धमान था उपाधि थीमहावीर वह वीर ही नहीं है वह महावीर हैमहावीर जो इस इल्यूजन को तोड़ने का दिखातेवहमा और इल्यूजन बड़ा भारीहै जन्मों जन्मों से मैं रोज कहता हूं तहजम गई हैं सुमेरू पर्वतजैसे और तुमने मान ही लिया है कि मैं शरीरहूं मैं मन पक्का और उसी हिसाब सेतुमने सारा कानून निर्मित कर लिया हैसमाज के जीने के लिए व्यवस्था अच्छीहै संत के जीने के लिए व्यवस्था ठीक नहींहै और संत युगो युगों से जानते रहे हैं यहबात कि यहसमाज हमारे लिए व्यवधान का काम करता हैछोड़ दिया संसार बाहर निकल गए ये थाकारण हिमाल पर जाने काएकांत में जाने का वट वृक्षों के नीचेबैठने का अन्यथा दूरी कितनी थी कपिलवस्तु और उस पेड़ के नीचे वट वृष केनीचे जहां बुद्ध को ज्ञान हुआ कोई ज्यादादूरी नहींथी लेकिन उत्पात से शोर गुल से परे होनाहै एक रिस्क लेनाहै तुम ढूंढते हो रिस्कलेसलाइफ और आखिर में तुम्हारे हाथ में आताहै ठन ठनगोपाल गुरुघंटाल ना इधर के रहे ना उधर केरहे ना खुदा ही मिला ना बसा लेसनम भोगों में कुछ निकला नहीं महाभोग केपास तुम गएनहीं सुखी सुखी आंखें लिए इस संसार सेविदा हो जातेहो मरने वाले की आंखों में झांकने चलाबड़ा दर्द दिखाईपड़ेगा और मर वाले कबीर की आंखों मेंजाकना जरा बड़ी लस्कमिलेगी और विदा होतेहैं जैसेपरम परम स्वर्ग में जा रहे हैं ऐसे विदाहोते हैं एक सिंहासन चड़ चरे एक बंधे जातजंजीर तुम ऐसे जाते हो जैसे अपराधी कीतरह जंजीर बधे बधे जाते होलाखों लाखों मान्यताओंसे तुम बंधे हुए हो जिनका तुम्हें पता भीनहीं बच्चों से हम कभी नहीं पूछते कितुम्हें जन्म दे किना सबसे पहला अपराधहै चकनामत उत्तेजित भी मत होसबसे बड़ा अपराधहै बिना स्वयं को जाने बच्चा पैदाकरना और हम तो यही कर रहेहैं तभी तो यह मूड ट्रंप जैसे लोग पैदाहोते हैं हिटलर जैसे लोग पैदा होतेहैं खुद का ज्ञाननहीं टैरिफ का ज्ञान है मैं महानबनाऊंगा यही हिटलर ने कहा था मैं महानबनाऊंगा जर्मनीको और अकेले ट्रंप का तो मैं नाम लेताहूं बहुत से लोग हैंऐसे तुम उनकी बेड़ियों में जकड़े जकड़े जीरहेहो अगर तुम अपने आप को उन्मुक्त औरस्वतंत्र समझते हो तो तुम गलती में होतुम पर लाखों लाखों पीढ़ियां धर्म कीगुरुओं की संस्कृति की समाजकी कानूनकी परिवारकी परिवार की परिवार के मान्यताओंकी समाज की गांव की देश की राष्ट्र कीविश्व की तुम्हें पता ही नहीं है कितनीबंधनों से तुम बंधे हुएहो ये अज्ञातबंधन तुम्हारे अचेतन मन में पड़े होते हैंसारे लोग मुझे कहतेहैं कि हमें आश्चर्य होता है कि इतने ऋषियहां पर आए बोलकर गए कितने साफसाफ शब्दोंसेबोला लेकिन पहुंचे बहुत कम लोग ये हमेंअविश्वसनीय लगता है हैरानी होतीहै और मैं कहता हूं मुझे यह अविश्वसनीयलगताहै कि ऐसी दुनियामें कोई एक कबीर पहुंच कैसे जाताहै तुम्हें वो अविश्वसनीय लगता है अनबिलीवेबल और मुझे यह लगताहै इतनी बेड़ियों के होते हुए कबीर औरनानक कैसे पहुंच जाते हैं कैसे मीरा नाचलेतीहै इतनी रूढ़ियों के बावजूदउस राजस्थान की भूमि पर जहां डेढ़ गज काघूंघट चलताहै और खास तौर से बेटियों के लिए नहीं बहुके लिए बेटियों के लिए भी चलताहै बहु केलिए कामुकता की निशानीहै हीन भावना है तुम्हारे मनमें जो समाज नगन होताको स्वीकार नाकरे वह परमात्मा की बनाई हुई को उसकेसामान्य रूप में स्वीकार नहीं कर रहा तुमबच्चे को स्वीकार कर लेते हो कर लेते होना बड़े को स्वीकार क्यों नहींकरते वही अंकुश के बड़े हुए हैं और तो कुछनहींहुआ प्रसंग बड़े लंबे होजाएंगे मैं फिर फिर वापस वहीं आ जाता हूंबीच-बीच की बातों को कहके बच्चों को जन्म देतेहैं बच्चों से अपेक्षा रखतेहैं उनसे पूछ के जन्म नहीं देते उनसेअपेक्षा बहुत रखतेहैं श्रवण कुमार जैसा होनाचाहिए आज्ञाकारीमैं आपको सत्य उदाहरण देता हूं जहां सेमेरा जीवनबदला शायद उसके वंशज होते होंगे अब मुझेनहीं पता क्योंकि मैं मैं तो 12 साल से इनकांटेक्ट नहीं हूं मेरे शहर में क्या हुआक्याबदला पुराने मकानों का क्या हुआ नहीं पतामुझे गया नहींकभी बस एक कमरे मेंएकजगह स्थिरता आगई आचार्य उपासनास्थिरम यहस्थर आत्म बनग्रहा अपने आप का विश्लेषण यह ज्ञानी कालक्षण एक ज्ञानी के लक्षण होते भाग दौड़ना करेअगर अभी तुमने कुछ पानाहै यह भी भाग दहै अगर अभी तुमने दुनिया को बदलना है यहभी भाग जोड़है मुझसे लोग पूछ लेते हैं फिर तुम क्योंबोलतेहो मैं सिर्फ बोलता हूं क्योंकि बोलनाअपने अनुभव को बताना मुझे आनंदित करताहै मैं शिष्यों को बनाने के लिए नहींबोलता मैं सिर्फ अपना अनुभव बताने के लिएबोलताहूं फिर यह दीवारें सुने या कोई मानव सुनेया सुनकर मुझे समझे और मेरे पास आ जाए यानाआए ये उनकी मर्जीहै मैं ईश्वर की सृष्टि को बदलना नहींचाहता पहलीबात सृष्टि जैसी है इसका एक मालिक है औरमैंने बहुत बार कह दिया मैंने वह देखाहै मुझे लोग शंका की दृष्टि से दिखतेहैं आपने परमात्मा को देखाहै बिल्कुल देखा हैहमें शक है होना भीचाहिए तुम्हें शक है होना भीचाहिए बिना देखे तुम विश्वास करो यह तोमुड़ताहै बिना देखे तुम शक करो यह बुद्धिमानी हैतुम बुद्धिमानहो तुम्हें मानना चाहिए भी नहीं विश्वासकरना भी नहीं चाहिएश्रद्धा दर्शन के बाद हो जाए वह स्वाभाविकहै दर्शन हुए ना हो और तुम श्रद्धा को लीपपोत लो वह नकलीहै लोग मुझे कहते हैं आपने परमात्मा कोदेखा मैंने कहा हां मैंने परमात्मा कोदेखा इसका कोईआप इसका कोई प्रमाण दे सकते हो आप प्रश्नजायजहै बिल्कुल मेरा जीवनप्रमाण इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकताहै 12 वर्ष से एक आदमी एक स्थान पर बैठाहै टिक कर स्थिरता का लक्षण उसमें आ गयाक्यों क्योंकि उसने अपने भीतर की स्थिरताको देख लिया जान लिया मैं कौन हूं अपनीवास्तविकता को पहचान गया और वैसा ही हैवैसे ही होगया स्थैर्यम आत्मबन अपने आप को जानकर सित्र हो जाता हैआ इसका यह प्रमाण इससे बड़ा भी कोई प्रमाणचाहिए होता हैकिसी टेस्ट के प्रति कोई रुचि नारखना हजारों हजारों हजारों लोग आए बाबा एकबुर्की खा लो यह फल खा लो तुम्हारे लिएलेकरया मैंने कहादेखो इस शरीर को चलने के लिए कैलोरीज कीआवश्यकता होती है हृदय धड़के फेफड़ेस्वास भीतर के सारेअंग सही ढंग से काम करते रहे सुचारु ढंगसे उसके लिए कैलोरीज की आवश्यकता होतीहै मैं उतना सा भोजन ले लेता हूं किसी रूपमें ल दूध के रूप में ले लेता हूंजैसा मुझे रुचिकर लगता है कोई किसीने मेरेपर बंदिश नहींलगाई पाबंदी नहीं है कोई दंडित नहीं हूंमैं बाहर जाने के लिए किसीने रोका नहींघूम सकता हूं लेकिन घूमने की मननहीं जी रहाहूं लेकिन जीने की अभिलाषानहीं इस वक्त बोलते बोलते भी अगर कोईव्यक्ति मुझे मार देतो मेरी जीने की कोई इच्छा नहींहोगी मेरे पुत्र ने मुझे पूछा बाबा आप जबडूब रहे थे मैं साक्षीथा रोहित ने पूछा मैं साक्षीथा और हमने तुम्हारे सब हाव भाव देखे जरानहीं चिल्लाई हाथ पांव नहीं हिलाया मुझेबचा लो मरने वाला व्यक्ति क्या नहींकरता लेकिन तुम तो ऐसे पड़े रहे जैसे डनलपके पिल्लो प पड़ा रहता है आदमी मोसे जो तुधपावे ऐसे करने की जरूरत जो करसकेवह संबोधि युक्त हैवह है समाधिस्थ भगवान राम तुम्हारे हिसाब से सुसाइडकरतेहैं लेकिन जरा छलांग लगा के देखो तुमलगाओ लगापाओगे जीवन को जीने कीअभिलाष तुम्हें ऐसे कर्म करने ही नहींदेते तुम तो यह व्यापारिक आदमी कहते हैंछा में छा में जाई ते छा में छा में आईधूप ना लगे छैया छैया में आना और छैयाछैया में जाना रिस्क मतलेना बड़े से बड़ा साहस है और मर्यादापुरषोत्तमने अपनी मृत्यु से भी साबित कर दियाके मरने की भी मर्यादा बड़ीशानदार अपनी इच्छा से ही मरे किसी कीइच्छा से नहींमरे तुम किसी की इच्छा से मरते हो तुममृत्यु की इच्छा से मरतेहो मृत्यु चाहती है तुम्हें मारना और तुममरना नहींचाहते लेकिन वह मार देतीहै राम खुद जल समाधि लेकर तुम बतानाकि देखो मृत्युभी मेरी मालिक नहीं मैं मालिक हूं मृत्युका मैं खुदमरूंगा मृत्यु के आगे गड़गड़ा उानहीं तुम इसे सुसाइड यू कैन सेसुसाइड तुम्हारी अपनी भाषा है तुम्हारीअपनी सोच है समझहै और वह धर्म परायणसीता खुद को पृथ्वी में समाहित कर देती हैयह क्या बताता है परम साहस कारूप राजकुमारीथी राज घराने में ब्याही गईवनवास का तुम्हारे हिसाब से कष्टझेला अकेलेपन कासाहस अपनों सेदूर फिर रावण की कैद में अकेलापन अपना कोईभीनहीं फिर बाहर आई तोपरीक्षा अग्निपरीक्षा और फिर धोबी ने कह दिफिर फिर चलोबनवास ऐसे साहसिक काम कौन करपाएगा ऐसा नहीं है कि त्रेता में द्वापरमें सतयुग में ही ऐसे लोगथे यह लोक भग कुछ नहीं होते यह तुम्हारेबनाए हुएहैं ठगी काढंग वातावरण साफ सुथरा हो पानी पीने केयोगहो धरती में बीज अंकुरित हो जाए सहीफलीभूत हो वह सतयुग है मनुष्य का मानव कामन मल रहितहो सुख के साधन इकट्ठा ना करें अब समझलेना ये शब्द गहराहै सुख के साधन इकट्ठा नाकरें सुख के कारण में चला जाए यह शब्द तोबड़ा गहरा है अगर समझाजाएगा सुख के साधनपदार्थ तुम अच्छा खाते हो स्वादिष्ट खातेहो चाओ मन चुग्गाशहर सपाटा करें और नहीं तो चलो कुंभ स्नानकरें भटकते हुए लोगों की तड़पते हुए लोगोंकी यह एक ढंग है कि चलोशायद वहां से मुक्ति मिल जाए तो मुक्तिचाहते किससे हो दुख सेऔर दुख तुम्हारा पीछा नहींछोड़ता तुम बड़े उपाय करतेहो पदार्थ भोगते हो गद्दिया भोगते हो पैसाइकट्ठा करतेहो सुंदर पिलोसबेडस सुंदर स्त्री पुरुष भोगते हो सबभोगते होलेकिन बेकार हो जाता हैतुम सुख के साधन इकट्ठा करतेहो सुख के कारण में नहींजाते य दूसरी बार बोला मैंने शब्द तीसरीबार फिरबोलूंगा तुम पदार्थों को इकट्ठा नहीं करतेहैं मैं नहीं कहता पदार्थ को मतभोग क्योंरोकूंगा जो जानता है पदार्थों में सुखनहीं और तुम्हें भी भोगने देगा भोगोक्योंकि उसने निष्कर्ष निका लिया इन तेलोंमें तेल हैनहीं रेगिस्तानमें इस रेत में तेल नहीं निकलालेगा और तुम्हें भी कहता है तुमभी अच्छी तरह से जानलो निकाल लो इसका रसनिचोड़ ब्रम मुक्त हो जाओगे अन्यथा ब्रममेंर हर कदम पर उन्हें मुड़ केदेखा उनकी महफिल से हम उठ तो आएजिसको छोड़ के जाओगे ब्रम रहजाएगा कहीं वहां तो नहीं है जो मैं छोड़आया बार-बार ना सताई ये विचार इसलिए भोगहीलो ज्यादा बेहतरहै राजकुमारी राज घराने मेंब्याही वनवास भोगा अंततक राम के बच्चेपाले और राम को सौंपदिए और देखिए इसकी सहन शक्ति कुछ मांगानहीं रामसे इससे तुम कुछ सबक नहीं सख पाए सीता कीजिंदगी से तुमने कुछ नहींसीखा सीता की जिंदगी तुम्हें यह सिखाती हैकि कहीं कुछ नहींहै फना हो जाओफना ना राज काज में सुख ना माता-पिता मेंसुख बहन भाई में नहींसुख पति परिवार में नहींसुख ना राज में सुख ना वन में सुख ना अपनेघर सुख ना पराय घरसुख बंदी बना ली गई तब भी सुख नहीं जबस्वतंत्र थी तब भी सुख नहीं इसके जीवनसे यह निचोड़ निकाला नहीं तुमनेऔर कभी धैर्य नहींकोया और आखिर में क्या किया वही जो राम नेकिया यह दोनों जोड़ी अद्भुत थी संसार केऊपर फिर शायद ऐसी जोड़ी कभी ना आए दोनोंसुसाइड करकेमरे सीता भी तुम्हें कहतीहै मैं मृत्यु के धन नहीं मैं अपनी इच्छासे मरू मृत्यु मेरे अधीनहै मैं गुलाम नहीं हूं मैंआजाद मृत्यु के मार से नहींमरूंगी खुद मरूंगी अपनी इच्छा से मरूंगीमृत्यु भी मेरा चैनहै राम भी कहते हैं मृत्यु मेरा चैन हैराज भोग मेरा चैन था वनवास मेरा चन थामैंने सब जगह आनंद लिया और तुम्हें नहींपता तुम तो स्त्री तुम तो सीता को परम दुखसे युक्त समझते हो यही तुम गलती खा जातेहो सीता जहां भी गई कैद में रही बनवास मेंरही महल मेंरही राज पुत्री बनक रही जनककी लेकिन भीतर से मुक्त रही और जो भीतर सेमुक्त है बाहर के बंधनकि कोई परवाह नहींहोते डोक मुझे कह देते हैंबाबा तुम तो खुद ही जेल में बैठे होतुम्हारा जेल क्या बगाड़ ले 12 साल सेतुमने खुद ही जेल चुनली कहीं नहींजाते और क्या होता है जन में यही तो कुछहोता हैअपनी इच्छा से नहीं जाते अपनी इच्छा सेखाते पीते हो जो भी खाते पीते हो किसीनेकोई बंदिश थोड़ा दे किसी ने कोई दंडादंडात्मक कारवाई थोड़ा कीहै मैं स्वयं का मालिक हो गया गुलाम नहींरहा प्रसंग प चले तुम बच्चे को जन्म देतेहो स्वतंत्र चेतना को जन्म नहीं देते तुमगुलामों को जन्मदेते इसलिए मैं तुम्हें कहता हूं बच्चेपैदा करने बंद करदो और जो तुम्हें कहते हैं कि तीन बच्चेपैदा करो उनसे बोलो तुम पहलेकरो तुम तीन करो तो हम चारकरेंगे यह तीन बच्चे तुमसे पैदा करवा केअपनी आर्मी में मिलाना चाहते हैं और आहूतकरवाना चाहते हैं तुम्ह ये की मनुष ऐसा मतकरनाबच्चों तुम स्वतंत्रना कई बार बाहरकेमिठास भीतर की कुनीन का पता नहीं चलनेदेते मेरे इशारे से समझ लेना अगर समझ आएतो जिसके भीतर कुनीन होती है उसको अक्सरशुगर कोटेड कर दिया जाताहै अच्छे-अच्छे शब्द दिए जातेहैं मिलेगा इन्हें भीदुख परमात्मा बड़ा समझदारहै अगर कोई ठग्गलांतेकरेगा दुखभोगा यही बाबा कहते हैं सहस सणपा लख होवेतक न चलेनाल तुम्हारे में हजार सनपा हू लाखों सनपहो समझदार हो चतुरहो लेकिन एक भी तुम्हारे काम नहींआएगा तुम हुकम करना चाहते हो बाबा कहतेहैं हुकम करना तुम्हें दुख दे देगाऔर बाबा जो बोलतेहैं 100 प्रतिशत सत्य बोलतेहैं मैं बहुत बार बोला हूं बाबा कहते हैंहुकम करने में सुख नहींहै रो जोर न राज माल मनसूरराज करने में सुख नहींहै जोर ना जुगती ज्ञान विचारजोर ना जुगती छूटेसंसार तुम्हारी किसी भी युक्ति में पांचनाम ले लो दो नाम ले लो एक नाम ले लो सबबकवास राम राम कर लो राधे राधे कर लोलिपियां परिवर्तित कर ली तुमने कोई चाइनाभाषा में बोल दो कोई फ्रेंसीसी में बोल दोलैटिन में बोल दो किसी और भाषा में बोल दोपंजाबी हिंदी उर्दू किसी में बोल दो 3000भाषाएं हैंकम से कम कहताहूं और अगर कोई मूर्ख यह बात कहे कि रोजगुलाब नहींहोता तो वह पागल हीहोगा बस यही काम तुम सारे दिन करतेहो और जो कहता है ईश्वर अल्लाह तेरे नामतो उसका मजाक उड़ातेहो जो कहता है रोस गुलाब है तुम उसका मजाकउड़ातेहो जबकि रोज गुलाब है भाषाओं का फर्कहै चाइनीज फ्रांसीसी जर्मनीजपनीज इंग्लिशपंजाबी में कुछ और बोलेंगेलेकिन उसका मतलब गुलाब हीहोगा तुम नामों के ऊपर झगड़े करते होनामों के ऊपर गर्दन कटवा लेते हो और काटदेतेहो इस मस्जिद के नीचे मंदिर छुपा है ठीकछिपा हैये वो लोग कहेंगे जिन्होंने अपने मन केअंदर जाकर उस मंदिर को नहीं पाया मस्जिदोंके नीचे उस मंदर को ढूंढोगेतुम है तुम्हारेभीतर साहब तेरे अंदर[संगीत]वसदा साहब तेरे अंदरवसदा तेनू नजर ना आवे दस की कीताजावे साहब तो तेरे भीतरहै तेरासाहब है तुझमाही तेरा साहबहै तुझमाही बाहरनैना क्योंखोले बाहर नैना क्योंखोले मन मस्तहुआ फिर क्योंबोले मन मस्त हुआ फिर क्यों बोलेढूंढते रहो मस्जिदों के नीचे मंदिर औरमंदिरों के नीचे मस्जिद यही काम रह गया हैतुम मूर्खोंने आदमियों को मूर्ख बनादिया मूर्खों ने आदमियों को मूर्ख बनादियाहिसाब तुम लगातेरहना बच्चा पैदा करते हो उसकी कोई रजामंदीनहीं होतीहै बच्चा पैदा करने का अधिकार उसे होनाचाहिए जिससे यह लगे कि जीवन दुख नहीं जीवनसुख है और महा सुखहै और वह जानता भी हो किसी शास्त्र मेंलिखा लिखाई पढ़कर ना बोलताऔर ऐसा व्यक्ति कौन होगा जिसने उस महा सकतक पहुंच बनाली महा सुख तक सीढ़ी लगा लीउसने हर पल जाता है जब चाहे आंख मिचले जबजरा गर्दन झुकाई देख ली दिल के आईने मेंथी तस्वीरयार जिसने ऐसा कुछ जान लियावह बच्चे पैदा करने का अधिकारी होगया ज बच्चे ने प्रश्न पूछा है कि थोड़ीदेर पहले मेरी शादीहुई किसी दूसरे लड़के से बात तो संसार हैपूछने नहीं चाहिए नहीं नहीं यही पूछनीचाहिए बिल्कुल सही सवाल किया तुमने जीवनसे संबंधित प्रश्न पूछाकरो जीवन से संबंधित प्रश्न मत पूछा करोयह चट्टान किसने बनाई यह सूरज किसनेबनाया ये मैंने तो नहींबनाया मुझको तो क्षमाकरो मैं जानता हूं तुम्हारे पांव में 11इंच का बूट हैइसलिए मैं तो हाथ बांध देता हूं मैंनेनहींबनाया क्योंकि फिर तुम कहोगे इतना इतनादुखदाई संसार तुमने बनाया तो फिरआओ तुमसे तो निपटे थोड़ासा मैं गौशाला मंदिर जाया करताथा वहां एकनहर के किनारे एक किसान मुझे रोज मिलताउसके चेहरे पर शिकन की लकीर दुखी रहता हरवक्त बेचारा मैं उससे पूछता तेरे दुख काकारण क्या है तुम कभी मुझे हंसते हुए नहींदिखे क्या कारणहै कहते पंडित जी क्या बताऊ अगर मुझे कभीकहीं परमात्मा मिल गया ना तो मैं उसको घसाघसा के इतना सा करदूंगा मैंने कहा फिर तो वो नहीं मिलेगाभाईतुझे अगर तुम घसा घसा के उसको इतना करदोगे तो वह क्योंमिलेगा मेरा भाई अक्सर मुझे कहा करता थापरमात्मा अगर कहीं जहां फिरता भी होगाना तो चीनी की बोरी को लपेटे फिरता होगाया कोई लंगोट मंगोट सड़ा गला सा वो बांधेभरताहोगा तुम्हारी अपनी सोच है समझहै तुम कुछ भी सोच सकतेहो उसने बड़े सूक्ष्म संयंत्र पैदा करदिया तुम्हें अच्छा नहींलगता तो एक पिछला दरवाजा है वहां से निकलजाओ कौन रोकताहै किसीने रोका309 लगजाएगी लग जाएगी तो बस फिर आगे तो मैंतुम्हें कुछ नहींबताऊंगा मैंने सुनी है एकबात किसी को आत्महत्या के केस में एफआईआरलज होगई उसको मरने नहीं दियागया इसलिए मैं मजाक किया करता हूं किहिंदुस्तान का संविधानब्रह्म ज्ञानियों ने बनाया है मूर्खों नेबनायाहै आत्महत्या कायह जो कानून बनाया मुड़ों नेबनाया मरते हुए पड़ गए धारा309 चलो पकड़ागया जो भी दंड हुआ हुआ भोग के आ गयासुना है मैंने नौ कत्ल कर दियाउसने अच्छे रहे रोके जब वह जीना ही नहींचाहता खुद भी मरना चाहता है लोगों को भीमारना चाहता है तो उसे मरने दो मरने कीइजाजत होनी चाहिए भाई वह दुख में है या तोउसका दुख दूरकरो या फिर उसे मरने दोजाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर यावो जगह बता जहां खुदा का करहो जीने के संसाधन तुम दे नहींसकते और मरता हुआ पकड़ा जाए धारा39 फिर क्या करोगे तुम वो जो अगर नौ कत्लकर देगा 12 कत्ल कर देगा 50 कर देगा तुमक्या करोगे कुछ कर पाओगे वह तो मरा व तोमर गयापहले इस धारा को हटा लेना चाहिए मेरीदृष्टिमें यह धारा कोई समझदार ने नहीं अपनाई कोईमूर्ख बीच में आ गयाहोगा सभी के स्वीकृति से सभी संविधान नहींबनापूर्ण स्वीकृति नहीं सारे संविधान पर कुछकुछ बातें हैं जहां कुछ समझदारलोग तराज करने लगे ये ठीकनहीं जिंदगी के विपरीत बैठती हैबात हमने जीवन दिया उसे पूछा नहीं वहपराधीन तुमने सबसे पहले बच्चे को पराधीनअवस्था में जन्मदिया और तुम कहते हो तुम्हारे महापुरुषकहते हैं जीवन दुखहै फर जब जीवन दुख है तो तुम जीवन देतेक्यों मेरी बात का जवाब दोया वो जगह बता जहां खुदा का घर नाहो जाहिद शराब पीने दे मशीद मेंबैठक तुमने एक स्वतंत्र चेतना को जन्मदिया लेकिन बेड़ियां डालनी जन्मते ही औरबेड़ियां कितनीथी असंख्य मूर्ख अंध कोर असंख्य चोरहरामखोर बाबा कहते हैं असंख्य लोग हैं ऐसेजो धारणाओं को चिपका देते हैं तुम्हारे सरपर वो धर्म की धारणाहो रोड़ी वादियों की धारणा हो बहुत से लोगतो घर से बाहर निकलतेहैं दाया पाव पहले रखते हैं स्त्रिया बायाप पैर पहले रखते हैं ज मुड़ता है और क्याहैकहे पागलपन खिला रहेहो अरे जिंदगी जियो मौज सेजियो और कैसे जी सकोगे मौजमें उस स्थान पर पहुंच जाओ जहां मौज हीमौज है तुमने अभी तक मौज का वो स्थलदेखा तो तुम ऐसी ही बातें उठाओगेउस तल पर पहुंच जाओ जहां मोज ही मोज है तोजीने का ढंग तुम सीख आए वहां से मिलता हैजीने का ढंग ना मां-बाप सिखा सकता है नाटीचर सिखा सकता है ना समाज सिखा सकता हैना नेता गण सिखा सकते हैं कोई नहीं सिखासकता वह तत्व सिखा सकता है तुम्हें जीनेका ढंग और यहां है किताब में लिखी जाती हैसुखी जीवन कैसेजिए बस पापी पेट का मसलाहै पैसा इकट्ठा करनाहै कंपटीशन का जमानाहै कंपटीशन करते क्यों हो यह पतानहीं क्यों आईएस बनना चाहते हो यह पतानहीं असल में तुम्हें पता हीनहीं क्योंकि तुम्हें तुम्हारी आज्ञा केबिना तुम्हारी इच्छा के बिना जीवन दे दियागयाबड़ी सुंदर गाथाहै सत्य है नहीं सत्य है इस पर इस पर बहसमतकरना कृष्ण जन्मे कारागृह मेंजन्म कौन है जो कारक में नहींजन्मता लाखोंलाखों बेड़ियां तुम्हारे सिर पर होती हैजब जन्म मिलताहै सभी कारा ग्रह में जन्म लेते[संगीत]हैं मेरी घरवाली किसी और लड़के से बातकरती है तुम्हारी संपत्तिथोड़ी ना तुम उसकी संपत्ति हो ना वोतुम्हारी संपत्ति है अगर वह किसी और सेबात करती है तो तुम किसी और से बात कर लोतू नहीं और सही और नहीं और सही तू अगर हैहरजाई तो अपना भी यही तोसही लोग शादी कराकर भाग जाते हैं छोड़करतो इस तरह कहती अब हम क्या करें अग तुमतुम और कर लो क्या फर्क पड़ता है कौनरोकताहै जब वो भाग गया चा दी करा के बिना बताएतो तुम भी दूसरी शादी कर लो क्या गुनाह हैजीवन तो गुजारना है अगर वासना नहीं है तोफिर ठीकहै अगर वासना है तो तुम भी कोई औरकरलो वो भाग गया भाग जानेदो तुम भागजाओ तुम भी तो वही कृत्य कर सकते हो नादेखिए यह कोई गाय भैंस तो हैनहीं वह सात फेरों वाले वचन गए ना कोईनिभाता है ना निभाते हैं तुम्हारे तो वचनही बड़े हास्यास्पद है गाय बेचूंगा भैंसबेचूंगा तुमसे पूछ के बेचूंगाहमारी पोलू राम जी ने दुकान करली करियानी की दुकान कर ली शादी हो चुकीथी वचन दे दिया था घरजो कुछ करूंगा तुमसे पूछ केकरू कोई सौदा करूंगा खरीदूंगा बेचूंगातुमसे पूछ के बेचूंगा ग्राहक आ गया पाकिलो चीनी दे देभाई कहता ठहरो ग बैठजाओ घर दू था आधा घंटा वापस नहीं आयाघरवाली से पूछाभाग्यवान 5 किलो चीनी मांगता है दे दो बेचदू तो बेच दो से क्यों पूछने आ तो वचननहीं दिया थातुम यह सात वचनों में और क्या आता है यहीतो पागलपनहै अगर भाई नहीं निभ तो यह वचन किस पागलने बनाएहैं यही कुछ पाओगे तुम देख लेना और तुममजे से वचन दे देते हो पहले पड़ाव पेविवाह एक झूठहै ये प्रथम पड़ाव हैखींचो सात लकीर मिटादो मैं अड़क गया मैंने कहा मैं नहीं वचनभजन मानता मैं तो अपनी मर्जी सेकरूंगा आगे एक मोटू ब्राह्मण कुदरती यगीदड़ बा में दुर्गा मंदिर में पुजारीरहकर गया था मैं देख तू मेरे को जानता हैहां जानताहूं मैं कोई वचन वचन देने वाला नहींहूं मैं इंडिपेंडेंट व्यक्तिहूं अपनी इच्छा से बिल्कुल शुभकरूंगा एनलाइन पर्सन जो चाहूंगा वोकरूंगा वचन वचन मत लो मेरे से उसने कोईवचन नहीं लिया समझ गया वो उसने कोई आटे कीलकीर नहीं खींची उसे पताहै यह उठकर चला जाएगा यहां से और मेरीदिहाड़ी मरजाएगी कैसा वचन भाईजो निभ ना सके वचन क्योंतेना एक बनिया कहने लगा पुत्र सेबेटा नए नए व्यापार में आए हो आज सेव्यापार में तुम्हें सौंपहूं यह लो चाबी लेलो बनियों की बहुत बड़ी बढ़िया प्रथा हैतुम उनसे कुछ सीख नहीं सकेजो बच्चा बिगड़ जाए उसे लकर की चाबी दे दोअले माई सा कुचिया तिया कर चलियासरदारी ले लो करकेजा अब घटेगा तो तेरा बढ़ेगा तो तेरा देखोबेटा कमाता है कि नहींकमाता तुम पसी को हाथ मत करना तुम जैनमुनि बन जानालोकर को खोलेगा ना जब उसके हाथ गेंगे हायये सो मेरेघटे तो वनको को व्यापार का ढंग पता थाकहते बेटे तेरे को सिखा द सिखादे तो ऐसा करदूं चु बारे के ऊपर खड़ा था पहली मंजिलतोत यहां से नीचे छलांग लगादे आज्ञाकारी था कोई बेचारा श्रवण कुमारहोगा और मां-बाप तो ढूंढते हैं आजकल किश्रवण कुमार हो व खुद भी तर जाए और हमेंभी तार दे समझ लेना सुनने वाले समझ लेनामैं क्या बोल रहा हूं खुद भी तर जाए हमेंभी तारदे ऐसा कोई मिल जाएउसने छलांग लगा दी हाड पर टूटगए पलस्तर बस्तर चढ़ाना पड़ाचलो औरतों के पास लेगए थोड़ा सा दर्द कम हुआ तो बेटे ने पूछाबापू तूने यह क्याकिया यह पहला पाट था पुत्रक्या व्यापार में सगे बाप के ऊपर यकीन मतकरना अगर कोई कहे ना कि मुझे सुबह जेल होजाएगी तेरे परम मित्र को और मुझे तो लाखरुप दे दे कहीं से दे दे खुद बिक जा तोयकीन मत करना यह उलझा लेगातुझे य तुझे घसीट लेगा फिर याद रखनाबेईमान बेईमानी का जमा हे बेईमानी तेरा ही आसरा जय जयकार होरही है चारोंतरफ हमारे तो साहिब बोलते हैं कि 70 हजकरोड़ का गपला करदिया और अगलेदिन वित्त मंत्री लकर उसे पकड़ा लेतेहैं ये क्याहुआ समझ मेरे तो नहीं आई तुम्हें समझ आईहो तो मुझे जरूर बतादेना ये गंगा पार करके मुक्त कैसे होगया और ज नहीं गंगा पार करते वो चलो जमें शब्दों के इशारों को समझ लेनाहम बच्चे की इच्छा से बच्चा पैदा नहींकरते और बच्चा जन्मता है उसके बाद लाखोंतरहकी स्वतंत्रता उससे छीन लेते हैं इस धर्मको मानना पड़ेगा इस ग्रंथ को मानना पड़ेगायहां मस्तक नवाना पड़ेगा यह जंड के आगेसिर करना पड़ेगा यह पीर के आगे यह लालावाले के आगे यह फला वाले के आगे ये मलेरकोटला के आगे नाम बोल रहा हूं सरया औरबहुत बार बोलाहूं अब ये कहता है कि मैं मेरी घरवालीकिसी और लड़के से प्यार करती है बात करतीहै मुझे शक है तंत्र बेचारा फंस गया अबढंग से सीधा-सीधा पूछ भी नहींसकता इसे पता है चंद्रिका कहीं चंडिका नाबन जाए पता लगता हैतो पूछने के भी ढंग तलाश लेता हैव्यक्ति लगता हैतंत्र बोलता है लेकिन बात कुछ और लगतीहै लगता है कोई तंत्र वगैरा ना कर दिया होक्योंकि डरता भी है यह चंद्रिका कहीं चंटीका ना बन जाएतो खामी कहांहै क्या हुआ इस छोटी सी जिंदगानी को किसनेग्रहण लगादिया कौन खा गया हमारा सुखआनंद किसने हमारा चैन और करार छीन लियाकिसने तुम्हारा अन छीन लिया किसनेतुम्हारा धन छीनलिया किसने तुम्हारीबुद्धि लियाकत छीनली किसने तुम्हारी संस्कृति छीन ली तुमलुटे ही लुटेहो कहां तकनाम गिनवाला[संगीत]हमकोलूटाहै सभीने हमकोलूटाहै बचपन से लेकर जो मान्यताएं तुम्हारेसिर पर थोपी जातीहैं औरदेखिए 12 वर्ष तक बच्चा बिल्कुल निर्दोषहोता है और 12 वर्ष तक तुम इतनी गंदगी थोपदेते हो उसकेमें वह जिंदगी भर कूड़ा साफ भी करतारहे साफ नहीं हो सकेगा क्योंकि तुमने उसकेनिर्दोष गोरे कागज पर यह मान्यताएं लिख दीपक्कीपक्की मिटा नहीं सकता चाहे भी तो नहींमिटासकता मुझे लोग कह देते हैं ये इतने लोगगलतियों में पड़े हैं बाबा सुधार करोमैंने कहा ये नहीं सुधरसकते देखिए भक्त कभी नहींसुधरता इनकी तो बात ही मत करो बस तुम सुधरजाओ इतनाबहुत इसलिए मेरा तो फार्मूला ही यही हैकिसी को मत सुधारो खुदसुधरो क्योंकि खुद सुधरने से मिलती हैजन्नत दूसरे को सुधारने में तुम जाते होजन्नम खुदसुधरो तुम सुधरोगे तो तुम आनंद मेंजाओगे हम तो अपनी मस्ती में आग लगे बस्तीमें जिस दिन तुमने यह असूल अपनालिया हम तो अपनी मस्ती में दूसरों कोबदलने की चेष्टा करो खुद मस्त होनेके मार्ग पर चलो मन में ये कामना नाकरो कि दूसरों को भी साथ ले लेता चलूपरोपकार हो जाएगा बेचारा नहीं बेचारे तोअब तुमहो तुम खुद ही बेचारे होभाई तुम खुद बेचारे पन से दूर हो जाओ निकलआओ फिर दूसरे कोतारना खुद तोउतरो खुद नहीं तरतेतु मेरा मूल मंत्र खुद को बदलो मैं सदा हीकहा करता हूं दुनिया दुखीहै और सबसे पहला व्यक्ति जो सुखी होगा वहतुमहोगे और अगर सभी व्यक्ति संसार में सभीव्यक्ति एक घर मेंकर कि हमने सुखी होना है यह संकल्प ले लोराम राम करने का संकल्प मतलो राधी राधी करने का संकल्प मत लो इतनेकरने हैं उतने नहीं करने नहीं करने कोईबातनहीं यह जो कर्म तुम भोगते रहे हो यहतुमने कर दिए कर दिए भोगने पड़ेंगे वह कोईपागल नहीं है जो भुगता रहाहै लेकिन आगे से सुखी होने का प्रबंधनकर कैसे सुखी हो पाओगे तुम सुखी होना दुखीहोना तुम्हारे हाथ में है इट इज इन योरहैंड्स तुम चकित मतहोना तुम गुलाम नहीं हो मां-बाप नेतुम्हें गुलाम पैदा कर दिया कोई बातनहीं और सही मां-बाप वहहै देखो इसका कोई रोलनहीं जन्म लेने में तुमने जदिया तुम इसको जीने योग्य सामग्री तो देदो यह चैन की नींद सो सके बाकी े कमा खालेगा कोई बातनहीं तुम जीने की सामग्री तो दे दो लोगोंके पास सब कुछ होता है लेकिन नहींदेते क्योंकि वह कहते पहले श्रवण कुमारबन अब भला श्रवण कुमार कोई कैसे बन जाएऔर श्रवण कुमार कौन सा सुखी था बेचाराकिसी जगह के ऊपर आकर श्रवण कुमार ने भीबहंगी पटक दीथी तुमने मुझे जन्म ही क्योंदिया इससे अच्छा तो तुम ही आंखों वाले रहलेते मुझे क्या जरूरत तुम्हारा बार ढोतेफिर रहा हूं मैं मैंचला पिता सम शांतकहते पुत्र एकबार अब इतना ढोलिया थोड़ा सा काम और करतेसमर्थ थोड़ा सा जहां से तू आया उधर हीवापस ले जा हमें व जानते थे किसी जगह कीलहरें लासानी तरंगों से युक्त होती हैंवहां अच्छे से अच्छा विद्वान किसक जाता हैअंधे थे औरअंधा उसमें अंतर्ज्ञान थोड़ा ज्यादा होताहै अचानक बदल गया कोई कारण है धरती बदल गईतरंगे बदल गई उन्होंने खुद भी महसूसकिया त पीछे ले चल बेटा हम तुम्हें बतादेंगे वहां छोड़ के चले जाना भागजाना हमें कोई शेर वगैरा खा जाएगा खाजाएगा हमारी किस्मतकिसी तरह बहंगी उसने उठाई रोते चिल्लातेवापसगया 10 किलोमीटरपीछे आसानी तरंगों से युक्त धरा आगई जगह होती हैऐसे मेरे पास रोज आ जाते हैं बाबा माटीदेखनाकैसे कुछ रिजेक्ट करने पड़ते हैं कुछसिलेक्ट करने पड़ते हैं बना लो यहां ठीकये मत बनामत खरीदोइसे शहर का नाम तो मैं नहींबताऊंगा पहले भी नहीं बताया जिक्र मैंनेकिया लेकिन ज्यादा जिद्द करोगे तो मैंप्रसन एक व्यक्ति को बता दूंगा बता भी रखाहै एकदो कौन सी धरती है वो जो लासानी तरंगों सेयुक्त है वहां के व्यक्ति आपको श्रेष्ठतमनहीं मिलेंगे कोऑपरेशन करते नहींमिलेंगे वही धरती होगी जहां बाबा नानककहते हैं कि बसे रहो बसे रहो बसेरहो कुछ धरती होती है आसानी तरंगों सेयुक्त वहां बाबा नानक कहेंगे उजड़ जाओउजड़जाओ एक घर अगर यह संकल्प कर ले कि हमनेसुखी होना है और सुखी होना तुम्हारे हाथमें कैसे सुखी होगेदूसरा जो करताहै देखो कोई मूर्ख तो होतानहीं कि कुछ ऐसा करेगा वह तो उत्तेजना मेंकरता है अगर तुम्हें चढ़ाता है मुंहचिब्बा बिंगा करता है लक्ष्मण संवाद होताथा हमारे य परशुराम जी आ जातेहैं राम जी उसके पांव पकड़ते हैं लक्ष्मणउसको चढ़ाते हैं जीव निकाल लेते हैं आंखेंभए टे पुट्ठी कर लेते हैंतो परशुराम गुस्सा खा लेता है अरे तू भलायह देखो क्या करताहै लक्ष्मण कहते हैं तू आंखें मुदले तूमेरी तरफ देखता हीक्यों तू देख राम की तरफ भैया की तरफ वोतुझे मेहनत कर रहा है हाथ जोड़ रहा हैपांव के हाथ लगा रहाहै त मेरी तरफ देखीमत अगर तुम दुनिया की तरफ मत देखोएक परिवार यह फैसला कर दे कि हमने सुखीरहना है और सुखी तुम रह सकतेहो बस थोड़ा सा त्याग थोड़ा साअंकुश दो बर्तनहोंगे खड़क किसी वक्त स्वाभाविकहै लेकिन उसको खड़का हट को संगीत की तरहलेनासमझ बर्तन खड़क बेंगे आवाज आएगी टकरा हटकी लेकिन संगीत भी तो आवाज होती है टकराहट की यह भी तो सात सुरों की आवाज है इसकोसंगीत की तरह ले लेना और भी तो कल्पना तुमकरते हो गंदे पानी में स्नान कराते होबैक्टीरियल इफेक्टेडऔर तुम कहते हो क स्नानकरे मुक्त हो गए कहां मुक्त होगए तुम तो कोई ना कोई रोग बांध के लेके आएहो एक परिवार से शुरू होगी यह बात और एकपरिवार अगर सुखी होगा तो वह दूसरे लोगदेखेंगे यह परिवार सुखी है क्योंसुखी एक से दूसरा दूसरे से तीसरा पूरागांव बदलेगागाम से राज्य बदलेगा राज्य से देश बदलेगादेश से विश्व बदलेगा ऐसेबदलेगा एक व्यक्ति को शुरू करनाहोगा बुद्ध एकहै और अपनी नॉन रिएक्टिविटीसे लाखों लाखों व्यक्तियों का जीवन बदलदेतेहैं मर्यादा में रहोकिसी को बदलने की चेष्टा मत करो खुदबदलोप्रश्न लड़की किसी और से बात करती है जबसे सगाई हुई दुबली हुई जाती है बात कुछ शकवाली लगतीहै उसको बैठाकर पूछोबताओ क्या रोगहै मैं तुम्हारा प्रेम हूं तुम्हें तकलीफक्या है बेहिचक होकर बतादो और ऐसा कोई प्राणी नहीं जो प्रेम केआगे सच नाबोले तुम डंडे से सच कहल हो इसलिए आधाअधूरा सच प्रकट होता है आधा अधूरा प्रकटनहीं होता लेकिन प्रेम से सारा सच प्रकटहोजाएगा मुझे रो जाते हैं मैंने यह कियाजिंदगी में मी टू मैंने जिंदगी में यहकिया यह किया यह किया ठीक है कोई किया कोईबात नहीं कोई पाप नहीं है कुछ पाप नहीं हैयह स्वाभाविक प्रक्रियाहै नेचुरल प्रोसेसेसतुमने इसको मैं की तरह ले लिया इसलिएदिमाग पर बोझ है हल्के हो जाओ फिक मत करोनाचोगाओ खेलो कूदो जो जश्न मनाओ जिंदगी बड़ीप्यारीहै तारों को देखकर नाचो चंद्रमा को देखकरनाचो सूरजउगे पक्षी गाए चहे चहा कोयल को गाती हुईदेखकर तुम भी नाचो तुम भीगाओ जिंदगी बड़ी सुंदरहै सुनने वाला होना चाहिएजिंदगी संगीत से भरी पड़ीहै संगीत को ग्रहण करने वाला होनाचाहिए लगातार तुम्हारे भीतर संगीत बज रहाहै बस तुम सुन नहीं पा रहे यह काफी हैतुम्हारी जिंदगीको स्वर्गीय जिंदगी बनाने के लिए लेकिनतुम नारकीयहो वाजे नाद अनेक असंख्या केते वावन हारेकेते राग परी क केते गावनहारे कितने राग बज रहे हैं और तुम फिर भीदुखीहो हैरानीहै हंसी आती है मुझको हरकत इंसान परगलतियां तो खुद करे और दोष दे भगवानपर दुखी हो तुम अपनी कर्त के का ये अनतनाथ बज रहा है इसको सुनो कितना प्यारा हैसाउंड ऑफ साइलेंस खेतों में निकल जाओ बाहरसन्नाटे की आवाज य कम सुंदर हैक्या प्रकृति का कण कण सुंदर है क्योंकिउसमें वह बैठा है वहप्यारा वह प्यारा विराजमान हैउसमें तुम उसको देख नहीं पाते इसलिए दुखीहो उससे पूछो क्या तकलीफ है यही मुश्किलआती हैहजार मान्यताएं तुम्हें क कि नहीं नहींनहीं लोग क्याकहेंगे जिस दिन तुमने मेरा मंत्र याद करलिया आग लगे बस्तीको हम तो अपनी मस्ती में आग लगे बस्तीमें लोगों का काम हैकहना छोड़ो बेकार की बातें हैं कहीं बीतना जाए रहना य थोड़ी सी छोटी सी जिंदगीमिली है इसको जियो भरपूर मात्रा मेंजियो नाच गा केजियो और जीते जीते नाचते गाते विदा हो जाओव जिंदगी जीवन सार्थक हो गयातुम्हारा पूछो उससे क्या तकलीफ है बताएगीबिल्कुल बताएगीकोई तो दुखहोगा ऐसे तो खिला हुआ चेहरा रहना चाहिए यहमायूस चेहराक्यों यह वेट लॉसक्यों कोई तकलीफ है कुछ इसकी इच्छा केविरुद्ध हुआ है तुम समझते नहीं यहबात उससेपूछो एक ऋषि की छोटी सी कहानी ऐसा ही कुछहुआऋषि समझदारथे आज व्यक्ति मूर्ख हो गयाहै तब मान्यताएं थी तो लेकिन इतनी नहीं आजमान्यता बड़ी सगन है आज मान्यता हीमान्यता है व्यक्तित्व खो गयाहै पूछा उसने धर्मपत्नी से क्याबात उसनेअपना मन हलका किया इस कारण सेदुखी किसी अन्य व्यक्ति से प्यार करतेथे उसने हाथपकड़ा चल देवी मैं खुद छोड़ के आता हूंतुम्ह उसका हाथ पकड़ा उसके घर छोड़ालोसंभालो अपने प्रेम कोसंभालो मैं उसको लेकर आऊंगा जो मुझे प्रेमकरतीहो तुम जिससे प्रेम करते हो तुम अपनाप्रेमसंभालो हम ऐसी मोहब्बत नहीं चाहते बा जाएइस मोहब्बत से उठा लो पान दनअपना एक कहावत है तुम भी नोट करलो उसी स्त्री या पुरुष से शादीकरो जो तुम्हें चाहताहै अच्छी तरह से समझ लो निष्कर्ष बोल रहाहूं वीडियो खत्म होने कोहै उस स्त्री पुरुष से शादी करो जो तुमसेप्रेम करताहै उससे मत करो जिससे तुम प्रेम करते होसमझ आई बातजिससे तुम प्रेम करते हो उसकी चाहत करोगेतो गड़बड़ी होजाएगी जो तुम्हें प्रेम करती है या करताहै उसके साथ बंधन भी बड़ा प्यारा लगताहै 40 50 वर्ष एक छत के नीचे गुजारने हैंइकट्ठे सुख दुख सुख भी आएंगे दुख भीसंसार वक्तबदलेगा धूप छामहोगी सबहोगा लेकिन अगर आपस में प्रेम हो तो बड़ीपटेगी कबीर और लोही कीतरह और आपस में दुश्मनी हो प्रेम ना हो तोनहीं पटेगीतो इसको फिर नोट करलो उस स्त्री पुरुष से शादी करना दोनों कीबात करर जो तुम्हें प्रेम करता है करउससे मत करना जिससे तुम प्रेम करते हो यहतो तानाशाही होग जहां रोज गड़बड़ होती है गड़बड़ होती हैतु बेसिक कारण बतादिया तुम अपनी मान्यताओं को सिरे चढ़ानाचाहते हो इसलिए जीवन को नर्क बना लेते होछोटी सी बात है घर में सुखहो तो इससे आनंद कहां होताहै हम उस आनंद के पास जाते हैं खुद ही कोखोक जाते हैं कितना बड़ा बलिदान तुम इतनासा बलिदान नहीं करसकते इतना बड़ा बलिदान करके हम उस अनंत केपास जातेहैं खुद को बलिदान करतेहैं तुम खुद को बलिदान नहीं करसकते अपनी खुशी को अपनी चाहत को अपनीमान्यताओं कोपरे रखदो तुम्हें जो प्रेम करताहै उसके साथ बंधन में बंधो फिर कोई बंधनबंधन जैसा नहीं होगा वह बंधन भी मुक्तिजैसा लगेगा बड़े प्यार से जिंदगानी कटजाएगी हंसते खेलते नाचते गातेकूदते मेरी इन बातों केपीछे रा सायक कारण क्या है इसे समझलो जिसे तुम प्रेम कहते हो मुझे उससेप्रेमहै तुम्हें पता नहीं होता वह नेगेटिवपॉजिटिव का अट्रैक्शनहै तुम उसकी चाल से ढाल से बोलनेसे नए न नक् से प्रभावित हो गएहोंगे दिस इज अट्रैक्शनऔर जो मैं कहताहूं जो तुम्हें प्रेम करता है या करतीहै तुम्हे उसके पास बैठना अच्छालगेगा क्यों क्योंकि उसके भीतर से आसानीतरंग निकलतेहैं और जिस व्यक्ति के भीतर से आसानीतरंगे निकलती हैं वह सदा निकलती ही रहतीहैंएक बार शुरू हुई तो फिर बंद नहींहोती आसानी तरंगे जैसे कबीर औरलोही लोही बहुत जगह गई कबीर के आश्रम मेंआकर ठहरगई वहां तुम ठहर जाते हो आसानी तरंगों केपास आक तुम ठहर जाते हो बैठ जाते हो दौड़खत्म हो जाती है दौड़ गई संशय मिटा वस्तुठोर कीठोर यहां मेरे पास लोग आते हैं बाबा जानेको दिल नहींकरता मैं उनकी समस्या को समझता हूं लेकिनक्या करूं मेरे पास जगह नहीं हैइतनी कहां बैठाहूं यह प्रॉब्लमहै तो मैं उनसे कहता हूं देखो10 15 मिनट 20 मिनट बैठ लिए सानिध्यप्राप्त हो गया दीक्षा लेली अब तुम घर जाकर इसका अभ्यासकरो इन तरंगों को यादरखना तुम जिसे प्रेम कहते हो वह पेंडुलमकी भातीहै व कभी इधर जाता है कभी इधर जाता है कभीइधर जाता है तुम लटकते ही रहते होइसलिए लड़ाई झगड़े होते रहतेहैं और जिसे मैं आसानी तरंगे कहता हूं वहलटकना नहीं है वह तो उस पेंडुलम का गरजाना है नीचे अपने अस्तित्व में वहां सेआती हैं आसानी तरंगे समझने में थोड़ीमुश्किल होगी लेकिन समझ जाओगे कई बारसुननाइसको जो तुमसे प्रेम करता है या करतीहै उसके भीतर से आसानी तरंगे आतेहैं थोड़ा साबैठना उसके करीब बैठना उसकी तरंगों कोपीना समझ आ जाएगीतुम जिंदगी जीने केढंग मैं तुम्हे थोड़ी सी बात बता दूं अपनेही पुत्रके मेरा पुत्र कहने लगा बाबा आपसे बातकरनेबताओ मैं किसी लड़की से प्रेम करता हूंशादी करना चाहताहूं मैंने कहा तू मुझे दो बात बतादे फिर करलेना प्रेम है भी हांहै दूसरी बात बेटा हम हैं गरीबवक्ति कहीं ऐसा तो नहीं वो लड़की शाम कोकहे पस उठा के चलोशॉपिंग ये हमारी समर्थ नहीं हैकहता नहीं मैंने देखलिया उसके पास तीन सूट है दोजोड़ी बूटहै और दो साल से मैं लगातार वही सूट औरवही बूट देख रहाहूं मैंने कहा अगर दोनों बातें हैंतुम्हें प्रेम है खिंचाव है एक ही बेंच परबैठते थे करीब मा तरंगों का पता चल जाताहैऔर ज्यादा भटकन नहीं है ज्यादा भटकने वालेलोग शाम को शॉपिंग पर निकल जाते हैंदिखावा दिखावे बाज तो नहीं हैनहींबस तू ले आ मेरी तरफ से हरी झंडे उधर सेपूछले यह होता है प्रेम आसानी तरंगों को पीजाना सारी उम्र नहीं भेगीऔर प्रेम से तो फिर अदालतों के दरवाजेखटखटाने पड़ेंगे क्योंकि प्रेम धोखाहै प्रेम जिसे तुम कहते हो वह नेगेटिवपॉजिटिव का खिंचाव है अट्रैक्शन बिटवीन दटूअपोजिट और कुछनहीं तुम उसको कैसे ही निभालो लिविन मेंरह लो यह 100 बकवास चली है आजकल इन बकवासमें नापढ़ो लोही की तरह समर्पित होने का स्थानढूंढलो वक्त लग सकता है दो चार पाच साल लगसकतेहैं और फिर जहां समर्पण हो जाए समर्पित होजाओ यह हैतरीका आज प्रथम बार बोला हूं खोल के बोलाहूं लंबी वीडियोहै तुम अपने पसंदकी पत्नी या पति मत लेके आनाकिसी दूसरे कीपसंद को अगर तुमहो तो बिल्कुल ले आना बिना पूछेले और उसके पास बैठकर तुम्हें आनंद आताहै शांति मिलती है उत्तेजना नहीं शांतिमिलती है यह दो चीज है स्टिमुलेशन एंडपीस ठहराव आताहै उसको लेआना बहुत से बच्चों के सवाल थे बड़ेअलग-अलगथे सब इसमें समाहित कर लिए मैंने सब जवाबदे दिए इसलिए थोड़ी सी वीडियो लंबी होगई सारी सुनना सभी के जवाब आ जाएंगे ये जोआजकल तुम्हारे प्रेमानंद महाराज जी कह रहेहैं ना मां-बाप की इच्छा के बगैर मां-बापजहां बांधे वहां बंध जाना तुम कोई गायभैंस बकरी नहींहो जीवंत चेतना हो तुम कारगी और विद्युत्मा को याद रखना तुमने उसे चेतन्य पर जानाहै यह तो फसली बात हैं कुछ दिन के खिंचावहै खत्म होजाएंगे लेकिन बाद में इसलिए तो झगड़े होतेहैं खिंचाव खत्म हो जाताहै खिंचाव ना खत्म हो क्योंकि वह आसानीतरंगे खत्म होतीनहीं इसलिए मैं बुनियादी बातें तु कहताहूं मैं तुम्हे कुछ नहीं कहता कि ऐसे मांबाप जो कहे ना ना ना बिल्कुल नहीं ऐसीगलती तो करनामत देखिए मां-बाप से बाद में परमिशन लेनाजरूरी है क्योंकि उनका मान सम्मान भी होनाचाहिए पहली पसंदतुम्हारी जिसके साथ तुमने 40 50 60 साल एकछत के नीचे गुजारनेहैं दूसरी परमिशन सिर्फ परमिशन लेनी हैउनके चरण स्पर्श करके कि हम परमिटकरो हम दोनों शादी के बंधन में बंधनाचाहते हैं वो फिर बंधन नहीं होगा बड़ा मजाआएगा जिंदगी जीने का ऐसे ही गुजारी हैजिंदगीहमने और बहुत से जन्मों में गुजारी हैजिंदगी यह है फार्मूला तुम्हें जोचाहे उससे शादी करना तुम जिसको चाहे उससेशादी मत करनाअगर दोनों एक दूसरे को चाहते हो फिर शादीकरना फिर पूछना मां-बाप से भेड़ बकरी कीतरह बंद मचाना स्वतंत्र चेतना होतुम कौनकहता है किचाहत पे सभीका हकहै कौन कहता है किचाहत पे सभी का हकहै तू जिसेचाहे तेराप्यार उसी का हकहै तू ही कहदे कि तेराहाथ किसे पेशकरो ये मुरादों की हसीरात किसेपेश[संगीत]करूं किसेपेश[संगीत]करू रंग औरनूर कीबारात किसे पेश करूमुरादों कीहसीरात किसेपेकरो किसेपेश कर कौन कहता है कि चाहत पर सभी का करहै तू जिसे चाहे तेरा प्यार उसी का हकहै तू ही कह दे कि तेरा हाथ किसे पेशकर ये मुरादों की हंसी रात कैसे पेश करूरंग और नूर की बारात किसे पेशकरू ने जजबातनिभाए हैंउसूलों कीजगह अपनेअरमान पिरो लायाहमफूलों कीजगह तेरे चेहरेकी येसौगातकिसे पेश[संगीत]करूं येहसी ये उम्मीदों की हंसीरात किसे पे श करूकिसेपेशकरू रंग औरनूर कीबारातकिसे पेश[संगीत]करो ये मुरादोंकी हसीरात किस पेश[संगीत]करू किसेपेश[संगीत]करू किसेपेशकरूं किसेपेशकरूं किसेपेशकरूं किसेपेश करूं[संगीत]रंग और नूर कीबारात किसे पेशकरू ये हस ये मुरादों की हंसी[संगीत]रात किसेपेश करूतू है[संगीत]मेरा प्रेम[संगीत]देवता इनचरणन कीदासी हो[संगीत]मन कीप्यासबुझानेआए मन कीप्यासबुझानेआई अंतर घट तकप्यासीहू तू है मेरा प्रे प्रेमदेवता तू है मेरा प्रेमदेवता इन चरणन कीदासी हूं मैं मन कीप्यासबुझानेआई मन कीप्यास बुझानेआई अंतर घट तक प्यासी हूं मैं तू है मेराप्रेमदेवता डम डम डम डमडमरू[संगीत]बाजे डम डम डम डम डमरूबाजे मैंनाचू शंकर केआग होकेरहेगी जीत उसी की होकेरहेगी जीत उसी की जाग कला सेशंकरजागे मन कीप्यासबुझानेआई मन की प्यासबुझानेआई अंतर घट तकप्यासीहूं तू है मेरा प्रेमदेवता तू है मेरा प्रेम देवतामैं गोरी तू कंतहमारा मैं न दिया तूमेराकिनारा मंगो री तू कंतहमारा मैंनदिया तू मेराकिनारा अंगलगाओ प्यारबुझाओ अंगलगाओ प्यास[संगीत]बुझाओ गंगा हो करप्यासी हूंमैं मन कीप्यासबुझानेआई मन कीप्यास बुझाने आईअंतर घट तकप्यासी हूं मैं तू है मेरा प्रेमदेवता तू है मेरा प्रेम[संगीत]देवता धन्यवाद
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