बाबा जी प्रणाम आज की वीडियो में आपने भ्रम की बात की ब्रह्मम मिथ्या यह जो भ्रम है पूजा पाठ हवन यज्ञ इस्नान श्रद्धा श्राद और भी बहुत से भ्रम पाखंड आदि उसकी ही बात कर रहे हैं ना बाबा कृपा बताने का कष्ट करें आपके श्री चरणों में प्रणाम यह ऊपरी ऊपरी सत ही भ्रम है सिर्फ चलना होगा इन ब्रह्म को तोड़कर एक संस्कार पड़ जाएगा आपको भ्रमों को तोड़ने का फिर आखिर में असली साहस तो आखिर में जुटाना पड़ेगा जब तुम्हारा यह भ्रम भी टूटेगा किम नॉट द बॉडी एम नॉट द माइंड भ्रम है धोखा है प्रवंजन है मैं शरीर नहीं हूं मैं मन नहीं हूं यह भी तुमने मान लिया है इस ब्रम ने बड़े-बड़े धराशाई कर दिए और जब तक जानने वाले लोग बैठे तब तक तो व बता जाएंगे उसके बाद आपका क्या होगा य पास्ट लाइफ रिग्रेशन पिछले जन्मों का पता करना तुम कौन थे यह कष्ट आया किस कारण से आया ताकि आप आगे से यह काम ना कर सको भाई सीधा सा काम है पाप करना बंद कर दो य किस कर्म का परिणाम है आगे से ना करो फिर भूल जाओगे अगले जन्म में पाप ही बंद कर दो पाप यानी मैं भाव से किया हुआ कर्म मैंने किया यह पाप है हमारे दो जन्मों के बीच में एक बहुत मोटी फौलादी दीवार होती है मैंने पहले भी आपको समझाया था उसकी कुंजी चाबी हमारे पास है और किसी के पास नहीं नोबडी एल्स कैन सी दैट कोई भी दूसरा व्यक्ति उसे देख नहीं सकता लेकिन आज हैं जो पहले 400 लेते थे अब फ्री में बता देंगे आप कौन थे पिछले का तो एक धोखा है लूटने का प्रस हैका मिथ्या यानी प्रवचना छल धोखा ये कर्म कांड पूजा यहां से चलो लेकिन ऋषि तुम्हें यह क्यों समझाता है कि बड़े आसानी से छोड़े जा सकते हैं बहुतों ने छोड़ भी दिए अब देखिए बाबा नानक ने गुरुओं ने कुंभ में स्नान करने का मनाही ही किया और यहां सिख लोग हैं जो कुंभ स्नान करने जाते हैं यह सिख हैं शंका है पांच कक्के धारण किए हुए हैं लेकिन सीखने की कोशिश इन्होंने कभी जो कह गए बाबा तीर्थ नावा जे तिस पावे बिन पाने की नाय करें उसके चाहने से तीर्थ पर स्नान होगा और वह तीर्थ कौन सा तुम्हारे भीतर का बाहर कहीं नहीं तो समझाने वाले बाबा समझा गए अब वश कह गए मेरे जाने के बाद जीवंत गुरु तलाश लेना द और प 35 35 वर्ष हो गए कितनों ने नया गुरु तलाशा कितनों ने जीवंत गुरु तलाशा वही पुराने ड्रा मार का महाकुंभ बनवा रहे हैं वहां मनुष्य लोभी है कैसे खुद बन जाऊं अब वह तो गए और कह गए कि जीवंत गुरु को तलाश लेना तो मैं ही जीवंत गुरु तो खुद को ही बना लो महाकुंभ में खुद को ही बैठा लो ओ शो तीर्थ संगम बना लो वह जीवंत तो गया अब नकल चलेगी मैं चुटकुला कहा करता हूं 2100 में एक व्यक्ति किसी से पूछ रहा था तुम क्या खाते हो मैं रोटी खाता हूं सब्जी खाता हूं दाल खाता हूं तो ठीक तुम पहुंचे हुए नहीं हो मतलब कहने लगा जो पहुंचे होते हो वो रोटी नहीं खाते व दूध पीते हैं सिर्फ अब मेरे साथ चिपकने वाले लोग ऐसा ही कुछ करने वाले हैं मैं जानता हूं और तुम्हें पहले से बताए देता हूं जैसे आप आज कृष्ण भक्त मोर मुकुट वाले की इंतजार में बैठे हैं और कितने मोर मुकुट बिना मोर मुकुट के होकर चले गए उन्होंने अपना वह मुकाम छू लिया था और कितने पागल तुलसीदास आज भी इस उम्मीद में बैठे हैं बंसरी नहीं चलेगी धनुष चलेगा तब सिर निभ अन्यथा नहीं मु अक्सर लोग कहते हैं उसके शब्दों का इस्तेमाल करते हो और उसको ही गलत बताते हो बिल्कुल जो चुगने वाला है वह मैं चुग लेता हूं जो छोड़ने वाला है उसको छोड़ देता हूं यह तो जीवंत व्यक्ति का लक्षण है वह सही सही चू लेगा हीरा मोती चुन लेगा गंद फंद फेंक देगा हमारा शरीर भी यही करता है फॉरेन मैटेरियल्स को बाहर निकाल देता है पसीने के जरिए मल मूत्र के जरिए और अच्छा-अच्छा अपने भीतर रख लेता है यही परमात्मा के यही संतों की प्रक्रिया है पूछा है ज्योति बाबा य पूजा पाठ यह सभी कर्म कांड क्या बस यही है या और भी है और भी बहुत कुछ है और आप आज के जमाने में देख सकते हैं राजनीतिक लोग साधु का वेष धारण करके राज चला रहे हैं उन्हें टल बजाना चाहिए लेकिन टल बजाने की जगह राज काज बजा रहे हैं चला नहीं रहे बजा रहे हैं धड़ धम कर रहे हैं टल ब जाना चाहिए उनका काम थोड़ी है दोगला पंथी जो होगा वह ऐसा ही कुछ करेगा बगल में छोरी मुह में राम राम पूछा ज्योति ने इसकी बात की आपने ब्रह्म सत्यम जगत सत्यम ब्रह्मम मिथ्या ब्रम वैसे भी ब्रम होता है ब्रम फ्रॉड है ना जगत फ्रॉड है ना ब्रह्म फ्रॉड है यह सत्य है और मैंने जो कहा आपके आस्तिक भी फ्रॉड हैं आपके नास्तिक भी फ्रॉड हैं सही आस्तिक व्यक्ति तो कभी कभी हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है उनके बिना कोई नूर नहीं है धरती पर वही धरती का नूर क्या क्या पाखंड [संगीत] गणम ने सितम आपकी [संगीत] खातिर क्या क्या ना सहे हमने सितम आपकी खातिर ये जान भी जाएगी सनम आपकी खातिर यह जान भी जाएगी सनम आपकी खातिर उस आनंद के लिए हम क्याक सितम नहीं झेलते तुम कहते हो यह हमारे बाइबल में नहीं लिखा यह हमारे कुरान में नहीं लिखा यह हमारी धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा नहीं लिखा होगा थोड़ा बहुत लिखा होता है उसका हम प्रचार प्रसार शुरू कर देते हैं गैलीलियो गैलीली ने कहा के नहीं घूमता है सूरज पृथ्वी घूमती है सूरज के इर्द गद कैथोलिक चर्च के आद ने कहा हमारे धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा व कैन नॉट एक्सेप्ट इसलिए तुम्हें हम जेल करते हैं घर के अंदर ही नजर बंद कर दिया गैलीलियो गैलीली ने कहा कि धरती घूमती है सूरज के गिर्द घूमती है और वह बेचारा मरने तक अपने घर में कैद रहा उसने दीवारों के ऊपर चित्र बना दिए सूरज के और धरती को आसपास घूमते दिखा दिया और गैलीलियो गैलीली ने नीचे लिख दिया एंड स्टिल इट मूव्स और अब भी यह घूम रही है लेकिन तुमने क्या कहा यह हमारे धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा इसलिए हम नहीं माने गे मत मानो सत्य को न मानने से सत्य का क्या बिगड़ेगा मूर्ख मार्क्स को यह नहीं पता कि परमात्मा को ना मानने से परमात्मा का क्या बिगड़ेगा आज भी बहुत से लोग हैं जब पक्का पता है कि परमात्मा नहीं है तो फिर आप मानते क्यों हो परसों ही एक व्यक्ति ने मुझसे कहा मैंने कहा पक्का पता है आपको कहता हां मैं किसने कहा कहता मार्कस ने कहा फिर आपको कैसे पता चला कहा मार्कस ने पक्का पता उसे भी नहीं था आपको पक्का पता चल गया बस ऐसे ही है हमारी मान्यताएं आस्तिक भी कोई कम नहीं तुमने देखा वो कहेंगे हमने तो नहीं देखा लेकिन यह जो शास्त्र लिखा है इसने देखा लाओ उसको वह तो गया मर गया अब कौन बताएगा लिखने वाला मर गया पक्का पता है इसलिए कहा था उसने जीवित गुरु ढूंढ लेना जीवित कहेगा हां मैं कहता आंखन देखी तुम कहते कागद केले खजे था पर उसकी आंखों की लश्क देख ग उसकी आवाज का जादू देख है तुम्हारे भीतर एक अज्ञात प्रेरणा चलके कीी एक शांति का पुंज बाहर आएगा तो मदमस्त हो जाओगे यह कारण था ने कहा मेरे जाने के बाद जीवंत गुरु की तलाश करना ना कि तुम महाकुंभ बना लेना खुद के ओशो महाकुंभ बना के वहां पर मूर्ख ही प्रचार करेंगे और मूर्ख तो सदा से प्रचार करते ही रहे हैं अब और कर लेंगे तो क्या फर्क पड़ता है हजारों सालों का नरगिस का रोना फजूल कर देते हो तुम बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा वह जिसने अपनी दीद से देखा आंखों से देखा संतों ने लिखा है अगर कोई व्यक्ति की आपको भनक भी पड़ जाए उसके एक बार दर्शन जरूर कर देना मेरे पास य बहुत लोग आ जाते हैं जो समझते हैं इस बात को बाबा पूछना कुछ नहीं है बता तो बहुत बहुत कुछ दिया आपने सिर्फ दर्शन करना है देखना है ऐसे व्यक्ति जो पा गए वो होते कैसे हैं आ जाओ भाई पहले देखोगे देखोगे उसका स्थायित्व देखोगे उसकी सिथ देखोगे कहीं भाग नहीं रहा क्यों क्योंकि उसे सब मिल गया है भागता वह जिसे अभी कुछ पाना है वह कुछ खाता नहीं क्यों क्योंकि उसके लिए असली स्वाद मिल गया तुम्हारा कोई भी बाहर का भोजन उसे स्वाद नहीं दे सकेगा उसके टेस्ट बर्ड को संतुष्टि नहीं मिलते हैं इसलिए फिर शरीर को चलाने के लिए मात्र कैलोरी दे दो और हो भी क्या सकता है दिल धड़कता रहे यह फेफड़े शवास लेते रहे भीतर के सभी ऑर्गन उन कैलोरी से काम करते रहे बस यही तो हो सकता है वह एक स्थान पर बैठेगा क्यों बाहर जाका जाकी नहीं करेगा तुम्हारी तो आदत है जहां जाते हो झांका झाकी करते हो या तस्वीरें खि चाते हो यादगार रह जाए कि मैं किसी वक्ति उद्ध प था तुम बड़ी शय हो प्रचार किया जाता है जो व्यक्ति इतिहास में जीता है जो व्यक्ति इतिहास में जीता है वह इता इतिहास की सभी सूचनाओं को इकट्ठा कर लेता है वह इतिहास ज्ञ हो जाएगा वह सर हो जाएगा जिसे तुम सर कहते हो तुम्हे बड़े बड़े सपने दिखाएगा तुम आयस बन जाओगे आईपीएस बन जाओगे पीसीएस बन जाओगे आओ मेरी क्लासेस लो चाहिए क्या पीसा इ न से पूछो पैसा नहीं मिलेगा नाचो नृत्य गनाए कभी नहीं नाचेंगी पीसा नहीं मिलेगा तो नाच भी नहीं मिलेगा इन महंगे कवियों से कहो पीसा नहीं मिलेगा राम कथा का कि पैसा होता है क्या भगवान राम को बेचो अरे दुष्ट हो तुम्हें शर्म नहीं आती और राम कथा के ज्यादा पीछ क्यों क्योंकि वो राम कथा अनमोल है राम कथा कतेही अधिकारी जिनको सत्संगति अति प्यारी राम कथा के तई अधिकारी जिनको सतसंग प्यारी तुमसे तो तुलसीदास ही समझदार तुमको तो पीसे की संगति प्यारी है तुलसी कहते जिनको संत की संगति प्यारी है वह अधिकारी होते हैं राम कथा कहने के और सुनने के मह के कवियों ने नष्ट भ्रष्ट कर दिया इनकी भीतरी इच्छा है राज्यसभा की किसी तरह पा जाए और उससे आगे बढ़ते बढ़ते पीएम हो जाए ईश्वर करे तुम हो जाओ अल्लाह खैर करे और हम क्या दुआ कर सकते हैं नहीं ये बेचारा भटकता फिगा इसकी रू इसको कोई कोई ठिकाने लगा दो भाई मुझको लोग कह देते हैं आप गांधी जी थे लाभ क्यों नहीं उठा लेते मैंने कहा लाभ कैसा घोषणा कर दो गद्दी मिल जाएगी मैंने कहा गद्दी तो तभी भी नहीं ली जब ले सकता था गद्दी जब ले सकता था और कोई रोकता नहीं था और बूट सूट पड़े थे जो विलायत से बैरिस्टर बन के आया हो उसने बूट सूट उतार दिए वह पड़े थे अभी और कोई कद काठी का फर्क नहीं पड़ा था बिल्कुल फिट आते आजाद तो हो गया था ट सूट पहनते और बैठ जाते मैं पीएम भाई कौन कहता तुमने सभी धन्यवाद करते बोलो भयो आपने एक्सेप्ट कर लिया अरे तब नहीं लिया अब क्या मांग अगले जन्म में क्लेम करूं कि मैं बिडला था मुझे मेरी धन संपत्ति दे दो यह हवाई बातें मत किया करो और क्यों करूंगा क्यों करूंगा कारण जिन्होंने कुछ पाना है वो करें गांधी ने तो उस जन्म में भी कुछ नहीं पाना था स्वाधीनता संग्राम के जश्न के भीतर उन्होंने जश्न नहीं मनाया घर बैठे उ मेरा काम पूरा होआ जश्न आप मनाओ आनंद खेरो होली मनाओ दिवाली जिनकी बेड़ियां कटी जश्न मनाओ मैं घर बैठे आनंद मना लूंगा मुझे ज्यादा आनंद है ज्यादा खुशी है आप नाज कूद के मना लो मैं घर बैठे उल कूद के मना लूंगा जवाहरलाल की प्रथम प्राइम मिनिस्टर की और सेरेमनी में गांधी ने गए क्या कर ना है जाके मेरा काम पूरा हुआ और जिस कांग्रेस को तुम कहते हो गांधी उससे बहुत पहले छोड़ चुके थे कांग्रेस के सदस्य नहीं थे इतना जरूर कहा अब काम पूरा हो गया कांग्रेस का खत्म कर दो दूसरी गल में कॉन्फ्रेंस में जब वो इंग्लैंड गए उन्हें नहीं पता था इस बात का मेरी जॉर्ज पंचम से मुलाकात आखरी हो ग लोग मुझे कह देते हैं जो प्रजा के अधिकारी उत्पाद करते हैं उसका सारा बोझा राजा को पड़ता है क्या आप सहमत है सहमत नहीं मैं मैं इसको स्टप करता हूं अगर तुम्हारे क्षेत्र में कोई भी अधिकारी रिश्वत लेता है तो तुम रिश्वत लेते हो जो बड़े उदार तुमने ऐसे आदमियों को बिठाया क्यों जर्ज पंचम दो तिहाई पृथ्वी पर राज्य करता था जॉर्ज पंचम और इतना क्रूर शासक था वह आपको शायद सारी बातें पता जर्ज पंचम अपने बेटों की कनपटी पर मारता एक बच्चा तो उसने बहरा कर दिया जोर से मारता ज नाटे दार कान पर मारता कमाल है इतना क्रूर व्यक्ति अपने ही बच्चों को ऐसी कनपटी पर मारता वो एक बच्चा बहरा हो गया ऐसा क्रूर शासक और उसके सामने ये नंगा फकीर कहूंगा अध नंगा तो क्या था जानबूझकर अपनी धोती को लंगोट बना लिया जानबूझकर कुछ तो था ही ऐसा अकेली धोती और कुछ जानबूझकर उसको और छोटी कर ली लंगोट बना लिया तुम्हे नहीं पता व क्यों मरा जॉर्ज पंचम जॉर्ज पंचम गांधी के इन शब्दों से डिप्रेशन का गया और जर्ज पंचम को महात्मा गांधी ने जो शब्द कहे वो आज तक कोट ही नहीं किए गए महात्मा गांधी ने सिर्फ यह नहीं कहा मेरे देशवासियों को उसने कहा सारी धरती के कपड़े आपने लिए तुम सिर्फ मेरी बात करते हो वो बात पंचम के लड़ गई वाज चेन स्मोकर निन भर रात दुआ खींचने लगा फेफड़े गल गए कुछ पहले कमजोर थे अंतिम क्षणों में उसकी जीने की इच्छा समाप्त हो गई थी जीने की इच्छा तो महावीर की भी समत होती है लेकिन खुद जानकर मैं शरीर नहीं हूं फिर जीने की इच्छा समाप्त होती है जीने की इच्छा जर्ज पंचम की भी समाप्त होती है लेकिन खुद के पाप को देखकर जीने की इच्छा समाप्त होती है जीने की इच्छा टल की भी समाप्त होती है मुसोलिनी की भी समाप्त होती है लेकिन वह खुद के गोली मार लेते हैं डिक्टेटर खुद को गोली मार करर ही मरता है या उसे लोग मार देते हैं महात्मा गांधी के यह शब्द कि सारी दुनिया के वस्त तू खा गया अकेला लड़ गए उसके प दिन भर रात यही आवाज भीतर से आती इतनी गहरी तल से आई हुई आवाज दर्दनाक आवाज उसके हृदय में प्रवेश कर गई और दिन भर रात जैसे जाप करते हैं ना राधे राधे ऐसे ही जाप होने लगाया तो को अजपा जाप कह देते हो यह अजपा जाप था वो बहुत रोप ता लेकिन रोकता नहीं था जो चीज इतने गहरे बैठ जाए वह अजपा जाप में तब्दील हो जाती है उसका लाभ कोई नहीं होता उसका नुकसान होता है विचार तो विचार ही रहते हैं तुम पर हो इसको बहुत गहरे तलों पर य शब्दों को ले आओ तो परमात्मा होने नहीं जाओगे समझ लेना परमात्मा होगे तो अपने को जानने से हु एम आई शब्दों का भीतर धकेलने से परमात्मा नहीं हो जाओगे इन शब्दों को थोड़ा गहराई से सुना करो तुम शब्दों को भीतर दखल देते हो और गहरे और गहरे ूस ूस के सूस के तभी तो ऐसे बोलते हैं राधे राधे राधे राधे करते रहो करते रहो और उसको भीतर भीतर कूट घोटना लेके आपने देखा व मूसल और घोटना सामान डाला जाता है ऊपर से कूटा जाता है तह बैठ जाती है चे उसे अजपा जाब कह देते हो आप है वो दूसरे को याद करने से स्वयं की याद कैसे आ जाएगी कभी कोई जवाब दे सकेगा मुझे अगर दे सकेगा तो जरूर दे देना मैं उसके चरण छंगा दूसरे की याद करने से अगर स्वयं की याद आती हो तो मुझे अवश्य बता देना यह दर्शन ही गलत है तुम्हारा स्वयं को याद करने से सेल्फ रिमेंबरिंग स्वयं की याद आती है दूसरे को याद करने से दूसरे की याद आती है तुम पदार्थ को याद करते हो पदार्थ याद आते हैं सपने में भी मैंने सोना ले लिया मेरा सोना कोई छीन के लिए गया मुझे गद्दी मिल गई मेरी गद्दी किसीने छीन ली तुम बाहर को याद करते भीतर को याद नहीं सेल्फ रिमेंबरिंग गुर जफ कहते हैं से याद आएगा कि मैं कौन हूं रिमेंबर याद करो फिर से याद करो भूल गए हो अपने आप तक पहुंचने के लिए दूसरे तक की यात्रा करनी पड़ती है क्या बताओ अपने आप तक पहुंचने के लिए दूसरों तक की यात्रा करनी पड़ती फिर पहुंचो ग नहीं अपने आप तक की यात्रा में उतरना होता है तो अपने आप तक कहु जाओ इसलिए मैं कहता हूं इन नेम हकीम खतरा है जानों से बचना यह तुम्हारे भीतर संस्कारों की तह जमा देंगे और बेचारे आने वाले बुध इनको साफ करते रह जाए इसलिए उनको करुणान तुम्हारे तथा संत गंद खिला देते हैं और व आके समते [संगीत] हैं यह फैला जाती है और तुम फैलाने देते हो तुम इजाजत देते हो भला कोई व्यक्ति बजे आके 1 बजे आके जगाए उसका विरोध करना नहीं बनता क्यों जगाता है उसको तो दंड दे दिया भगवान ने उसकी तो रातों की नींदें छीन ली कुछ पाप किया होगा तुमने तो कोई पाप नहीं किया तुम्हें तो आराम से सोने दे अब क्यों पाप कमा रहा है तुम्हें जगा के किसी को नाजायज जगा देना मेरे पिताजी कहा करते थे अपनी भाषा में कहा कर ब्राह्मण और संत को सोए हुए को नहीं जगाना चाहिए तब मुझे समझ नहीं आती थी लेकिन अब समझ आती संत सोया लगेगा हो सकता है वह समाधि में आनंद का लत उठा रहा हो ब्राह्मण सोया हुआ लगेगा हो सकता है वह कहीं दूर दराज एस्ट्रल ट्रेवलिंग पर गया तो उसको हाथ मत लगा देना यही बात मैंने पहले बताई औरत छू दे पांव के अंगूठे को गई हुई चेतना वापस वह देही जो चला गया वापस आ जाएगा [संगीत] औरत चले गई बाहर आदमी उसके अंगूठे को छू वापस आ जाएगा बहुत बार बताया आशुतोष अभी भटकते गर्भ नहीं मिला यहां से मुक्ति नहीं नया ग मिलता कभी-कभी शिष्य भी दुष्ट हो जाया करते हैं तो क्या कर बेचारा गच्चा अब गच्चा खा गया तो क्या कर हम कोई अथॉरिटी तो है नहीं जो आदेश कर दे अरे भाई 12 12 साल तक भी समाधि होती है कभी लगी है आज तक धरती [संगीत] पर अब क्या करे को तुमने पूछा बिटिया और कौन से पाखंड ये सब पाखंड और क्या है और वह तो गया गया इनके पाखंड ने एक बेचारी और बिटिया मार दी वह लेने गई थी उसको वो पड़ी पता नहीं कितने कितने जीवों को लेगा यह पाखंड धर्म देता है जीवन और अंध विश्वास देता है मृत्यु यह जो मृत्यु दे रहा है यह धर्म धर्म तो जीवंत देता है धर्म तो वहां लेकर जाता है जहां जीवन स्थित है जिसे स्थिति प्रज्ञ कहते हैं कृष्ण जहां जीवन विद्यमान है वहां धर्म है उससे आगे सभी अधर्म है तुम्हारा शरीर तुम्हारी आतिया तुम्हारा जिगर तुम्हारे फेफड़े तुम्हारा हार्ट तुम्हारे गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल सिस्टम तुम्हारा यूरिनरी यूटीआई ट्रैक्ट ये सब अधर्म है बस एक ही धर्म है इन सबसे पार इन सबसे दूर इस खोपड़ी से दूर जो हर वक्त सोचता ही रहता है मन शब्दों से परे भावनाओं से परे शब्दा तीत भावना तीत वह जो दूर है दूर से दूर है पास से पास है वह जीवंत तत्व है धर्म तुम्हारी मुर्दा मान्यता धर्म नहीं तुम गुरु को सिर के ऊपर उठाए फिरते हो गुरु होता है रास्ता दिखाने के लिए मैंने तुम्हें रास्ता दिखा दिया क्या तुम मुझको सिर के ऊपर उठाए फिगे क्या बिगाड़ दिया तुम्हारा रिस्पेक्ट करो झुको मान सन्मान करो ये बनता है कि जिसने राहत दिखाया और तुम उस खुशी तक पहुंचे आनंद तक पहुंचे वह पूजने योग्य है लेकिन सिर के ऊपर ढोते फिरो ग यह कहां की परंपरा तुम सत्यों को परंपराओं में डाल लेते हो यही तुम्हारी खराबी है और समझ भी नहीं पाते और क्या कहे क्या बताए कह तो रहा क्या क्या ना सहे किस किसका नाम हमने सितम आपकी खातिर ये जान भी जाए सनम आपकी [संगीत] खातिर उसके लिए तुम कितने कितने पापड़ बलते हो सही राह नहीं मिलता शहीरा कौन गाएगा जिसने खुद जान दावा तो गुरु तेग बहादुर के वक्त सभी कर रहे थे मैं गुरु मैं गुरु मैं गुरु वक्त बदल जाता है परिस्थितियां नहीं ब परिस्थितियां आज वही आज भी सभी कहते हैं कल भी सभी कहेंगे परसों नर्सों भी यही कह रहे थे और यही कहेंगे मैं गुरु मैं गुरु क्योंकि वहां जाना मौत के मुंह से वापस आना होता है और तुम वहां जाने से घबराते हो थर राते हो बड़े-बड़े धुरंधर वापस आ जाते हैं नरेंद्रनाथ जैसे विवेकानंद जैसे कप जाते हैं उस मृत्यु को देखते हुए मुझे रोज कमेंट आते बाबा वहां जाकर तो मृत्यु दिखती है मैं तो जट से बाहर आ गया क्यों बाहर आ गया इसको गल बकड़ी डाल लेते इसके साथ ईद मनाते और फिर ईद मनाते फिर दीद होता तुमने मृत्यु के साथ ईद नहीं मनाई तो दीद भी नहीं सबसे पहले आएगी द्वारपाल की तरह मृत्यु उसको गले से लगा लेना मने की ईद और फिर आगे निकल जाना डर के भाग माता फिर होगा दीद देखो वह जिसकी खोज कर रहे थे वही बैठा है जा ठाक कर दे डेरे बढिया जिथे बद नाद हजार कितने संतों ने किस किस प्रकार से कहा और बुल्ले शाह को मौलवियों ने दफन नहीं करने दिया अपने कब्रस्तान में यह काफिर है जैसे गैलीलियो को कैथोलिक की चर्च के पादरियों ने सजा दी और मर गया वो और आज सत्य निकली उनकी बात तुम्हारे शास्त्र ठीक के वो ठीक वैज्ञानिक ठीक होते हैं तो मैं कह रहा था जो अतीत को खंगा लेगा याद करेगा समृति में बसाए वह आईएएस हो जाएगा आईपीएस हो जाएगा जीत लेगा किसी ना किसी पदवी को और जो अतीत को जानकर भविष्य में प्रवेश करेगा अब इसको गौर से समझना वह हो जाएगा रिसर्चर साइंटिस्ट वह जानेगा इतना तो खोज लिया आइंस्टीन तक तो खोज लिया अब इससे आगे स्टीफन आएंगे अब इससे आगे कोई और आएगा क्वांटम इससे आगे कोई और आएगा और मैंने परसों ही बोला वक्त आएगा जब आदमी को लुप्त कर दिया जाएगा ऐसी प्रणाली है मैं करता रहा और लोग अभी जिंदा हैं जिनके सामने ये किया मैंने तीन किलो लड्डू यहां स्वीट हाउस से लेकर आया उनके पास बैठा आज भी मौजूद है वो दो हो गया दूसरा रूप जाके स्वीट हाउस से देखिए आपका श्याम नहीं मानेगा पहले कह रहा हूं कभी कह दो कि श्याम के साथ श्याम को बुलाते हैं हम उससे करो गोष्ठी विचार की विचारणीय बातें नहीं अस्तित्व की बात विचार नहीं होती जो रेत का एक कण का नहीं बना सकता और कैसे बना यह नहीं बता सकता वह क्या खाक करेगा शास्त्र उसको बोलने दो उसको बोलने में मजा आता है खंडन करने में मजा आता है पाखंड का खंडन करते करते वह सत्यों का खंडन करने ल उसको इस संस्कार ने घेर लिया कि बस खंडन करना है जो दिखता नहीं वह है नहीं बहुत पुरानी बात है बस इसी फिलस के ऊपर चलता है मैं को नहीं मान और उन लोगों ने भी कहा मैं को नहीं मानू तो मैंने वहां से लाकर दे दिया ये लो लड्डू खालो आज वह लोग मौजूद होंगे कुछ मर गए हो मैं तो बाहर निकला नहीं इतने सालो मुझे तो कल ही पता लगा उनमें से एक वकील थे रतन जी व स्वर्गवास हो बहुत से लोग थे तब आज भी हैं जिन्होंने वो लड्डू खाए सपने में नहीं सच में खाए तो ऐसा विज्ञानिक भी बना देंगे किसी को पता था एक बारीक तार में से ऐसी पावर गुजरेगी जो हजारों टन लोहे कोपर नीचे ले आए सोच सकते थे उन लोगों ने मजाक उड़ाया एडिसन ने कहा कि मैं एक तार के जरिए रोशनाई कर दूंगा चार लोग मजाक करने क्योंकि तुम्हारी धर्म की किताबों में नहीं लगा मैं कहता हूं इन्ह जला दो पुरानी हो गई जैसे जैसे रोज दुनिया में न आविष्कार होते हैं तो पुराणों को जला दो व किसी काम के नहीं रहे तो मंसूर ने कहा अनल हक हालांकि यह बात सनातन में बहुत पुरानी अहम ब्रह्म स्मा ए आत्म ब्रह्मा मैं ही ब्रम पहुंच गया उस तल पर उद्घोष किया उसने अनल हक अहम ब्रह्मम मैं ही खुद खुदा तो राजा ने उसके पास संदेश भेजा देखो जो नै तुम्हारा शिष्य खुराफाती हो गया जो हमारी कुरान में नहीं लिखा वह यह बोल रहा है ऐसा बोलने का अधिकार किसी इस्लाम धर्म में किसी मुसलमान को नहीं इससे कह दो चुप हो जाए मेरा तुम्हा प्रेम है मैं कुरान का रखवाला हूं मैं राजा यह खुरा पाती हो गया है तुम इसको रोक दो तुम्हारा शिष्य अन्यथा काट दूंगा इसको तो जुनत ने कहा अरे मूर्ख मान जा त जिसका उद्घोष कर रहा है क्या वह मैं नहीं जानता मेरा ही तो शिष्य है तू मान जा अच्छा रहेगा कटेगा तो मंसूर हसा गुरुदेव आप भी कमाल करते मैं कटूंगी बताओ तो जनत के बस मैं समझ गया अब आगे कुछ नहीं बस जाओ कहो जोर जोर से यह सत्य भी है गुरु क्यों रोकेगा अनसर कहने लगा गुरुजी मैं रुक तो जाऊ मैं बहुत रुकने की कोशिश करता हू लेकिन यह अल्फाज तूफान की तरह आते हैं मुझे गर लेते मैं मदहोशी में खो जाता हूं पता नहीं कब व बोल जाता है मेरे इस इंस्ट्रूमेंट से पता नहीं लगता तुम एक जर्रा भी नहीं हो उसकी सृष्टि में तुम एक जर्रा जर्र से छोटी चीज कोई होती नहीं क्या करें अब खोज लिया इन्होने इलेक्ट्रॉन प्रोन वो भी नहीं हो तुम सृष्टि का इतना अंश भी तुम नहीं हो वास्तव में अगर सही सही बोलू तो तुम हो ही नहीं मैंने पिछले वाक्यों में बोला है प्रवचनों में देख लो पूछ लो सुन लो अच्छी तरह से जिन्होंने सुना उनसे पूछ लो व समझा देंगे तुम हो ही नहीं बड़ा विस्तार से बोला है कि तुम नहीं हो ठीक बेटा तोत बोलले अब मैं तुम्हें नहीं रोक मृत्यु दंड सुना दिया गया काट काट के मारेंगे ते कोई बात नहीं मारो तीखी तलवार ले ली हाथ काट दिए पाव काट दिए जरा जरा काट दिया लेकिन मंसूर अनल हक अनल हक ऐसे सूर माओं ने धर्म को बचाया है जो कट गए सत्य से डिगे नहीं जो कुछ नोटों की गड्डियां देखकर अपने वाक्यों से मुड़े नहीं जो लालच वश लोभ वश वापस नहीं गए यह होती है सत्य की सही प्रचार तुम्हें यह बात सपना लगेगी ईसा मसीह का सलीप पर चढ़ जाना और कीले ठोक देना सपना नहीं मनसूर का हाथ पाव कट जाना सपना नहीं सक्रेस का जहर को खुशी खुशी पी लेना सपना नहीं बुध के ऊपर तो महज थूका था गालिया निकाली यहां पुराना मुल्क है अध्यात्मिकता का सहनशीलता बहुत है इस मुर्ख ने बड़े आयाम देखे हैं इस माटी ने बहुत खुशबुओं को चखा है इसलिए ज्यादा सहनशीलता है इसमें तुम कहते हो बेटे यह जो आपने कहा बस यह पाखंड और क्या पता बस एक सत्य है जो बाबा ने कहा एक ओंकार बाकी झूठ है कहां तक नाम गिनवाला है सुंदर अल्फाज है इस गजल के कहां तक नाम गिनवाला सभी ने हमको लूटा है सभी ने हमको लूटा है तुम्हारी खुशी यह लुटेरे लूट के ले गए और तुम्हारे पल्ले राधे राधे करते रहो उस काली चुंड में बैठ जाओ उस पीली चुंट में बैठ जाओ राधे राधे करते रहो जो इनके पास होगा वही तो देंगे बस चार अक्षर इससे चार अक्षर उससे कहीं की ईट कहीं का रोड़ा भानमती ने कुनबा जोड़ा सत्य सत्यवादी अगर हैं ईश्वर को साक्षी करके कह कि जो देखा वही बोलते हैं जो माना वही बोलते हैं यह नहीं जो सुना वही बोलते हैं ये नहीं जो देखा वही बोलते हैं लेकिन इनकी आत्मा इनको दिका नहीं देखा नहीं अभी देखा नहीं है आईम नॉट शोर पक्का नहीं है मुझे अगर पक्का होता तो ऐसे लोगों की रातें नींद हराम करते किसने लोगों की नींद हराम की यह मूर्ख लोग रात को जागरण करके लोगों का पाप कमाते हैं कोई वृद्ध है बेचारा गोली खाक सोया नहीं मुझे अक्सर लोग कह देते हैं बाबा बीमार रहते घर वाले सब बीमार हैं मैंने कहा जागरण वगैरह तो नहीं करते हां करता हूं बस फिर ठीक है जाओ जहर पियोगे और फिर कहो कि मर रहा हूं बाबा तो उसमें मेरा दोष थोड़ी है तुम लोगों की नींदे हराम कर रहे हो और पीसे ले रहे हो बड़ा गायक है बड़ा श्याम बाबा का भक्त है लोगों की नींदें खराब करो यह दुष्कर्म करने प पर रहते हो बड़े-बड़े लग जाते हैं यूनिट्स और तुम बड़े बाबे हो और कई तो खुद ही बाबे बन जाते हैं ये नया चमत्कार है क्या क्या बताऊं बेटिया इस आनंद के लुटेरे सभी हैं सभी शरीक हैं इस लूट में सभी शरीक है धर्मजीत ज्ञों तक तुम्हारे आनंद को सभी ने लूट लिया कोई एक जिम्मेवार नहीं और किसकिस का नाम करन पूछ है ो क के जीवंत को तलाशना बिल्कुल ठीक है प्रश्न पूछो अपने शास्त्रों से क्या जवाब देगा शास्त्र कभी बोलते हैं क्या इतने मूर्ख तुम क्यों हो गए शास्त्र सम्मान देने के लिए है उनके भीतर रास्ता है उनको पढ़ो और पढ़कर उनको गुन और गुन कर उन पर कर्म करो वैसा चलो अमल करो शास्त्र नहीं कहते कि मुझे ढो नहीं कहते बहुत समझदार व्यक्ति था लेकिन तुम क्यों गुरु हो बैठे जाने वाला तो कह गया लेकिन तुमने महाकुंभ का आयोजन क्यों कर लिया क्या तुम पहुंच गए उस स्थान पर सतो की झलक देखने वाला भी किसी वक्त मुड़ सकता है ध्यान रखना सरी की झलक देने वाला इ नॉट कन्फर्म अबाउट इट अभी शक बाकी है देख लिया उसने कोई हाथ निचा रहा है लेकिन ही इज नॉट श्यर कंफर्म नहीं है अभी शिशो पंज में है लेकिन वो मुड़ना शुरू हो जाएगा उस तरफ बदलना शुरू हो जाएगा वो चुंबक उसे खींचना शुरू कर देगा तो जार्ज पंचम तड़प रहा था इतना तड़प रहा था अब हिसाब लगा लो जब वो कहता है मुझे मार दो डॉक्टर से कहने लगा मुझे जहर का इंजेक्शन दे दे डॉक्टर मैं इससे ज्यादा दुख दर्द नहीं मेरी हिम्मत जवाब दे गई आई कैन नॉट बेयर मेरा मर्डर कर इसे आत्महत्या कहो या हत्या कहो उस बेचारे ने किया करें क्या इंग्लैंड के नोरफोक में सेंटम में जॉर्ज पंचम की मृत्यु हुई रात को अर्धरात्रि को उसके चिकित्सक ने उसको दो टीके दे दिए जहर के मॉर्फिन का माफिया जीआर 3/4 र बाद उसके कोकीन जी आर वन य दोनों इंजेक्शन दे दिए एक मिनट के भीत और उसके आखरी शब्द थे जॉर्ज पंचम के कोई आशीर्वाद देक नहीं मरा जॉर्ज पंचम के आखरी शब्द थे गड डम य परमात्मा तुम नर्क में भेज मृत्यु देने वाले को क्या कहे गॉड डम तुरा नाश करते भगवान व जर्ज पंचम जो छाती फिला केर बैठता था दो तिहाई विश्व के ऊपर जिसकी अधिकृत शासन थ वह ऐसे मरा तड़प के मरा और इतना तड़प इतना तड़पा शायद ही कोई राजा इतना तपा या मसोनी इतना तड़पा या जर्ज पंचम गम य श्राप देक मरा इतना क्रूर व्यक्ति हशर ऐसा ही होना चाहिए प्रकृति बड़ी न्याय कारी है हमरो लेकिन फिर भी खुद परमात्मा बनने की चेष्टा में संलग्न रहते हम परमात्मा बन जाए हमें लोग पूज क्या हो जाएगा क्या हो जाएगा उससे तुम मूर्ख हो तुम्हें जीने का आनंद नहीं आया इसलिए मृत्यु का भी सलीका नहीं जो ठीक ढंग से जी हो व मरेगा भी ठीक ढंग से जिसकी जिंदगी बेईमानी गुजरी हो उसकी मौत आसान नहीं होती मेरे य शब्द हृदय की डायरी में लिख ले कुछ लोगों को पसंद आएंगे कुछ लोगों को न पसंद आएंगे ये उनकी मर्जी है मैं बोला अपने अनुभव से बोला गैलीलियो कहता है पृथ्वी घूमती है और पादरी कहता नो इट नॉट इन आवर बाइबल और मनसूर कहता है अनल हक मैं खुद खुदा राजा कते यह हमारी कुरान में नहीं और जो कुरान में नहीं है वह सत्य कैसे हो सकता है वक्त बदलता जाएगा अभी तो तुमने खोजा ही क्या है अभी तो कुछ भी नहीं खोजा है उसने जो बनाया व बनाने की बात तो छोड़ो कैसे बना यह भी छोड़ो जो बनाया उसका एक अंश का अरब मा खरब मा पदम संख मा अंश भी तुम नहीं खोज पाए आज तक कब खोजो तुम और तुम रोज छोटी छोटी बातें चीजें खोज के अपना नाम नोबेल में लखा लेते हो लिखा किसी का नाम यहां धरा रह गया है सभी शिलालेख उठ जाते हैं या शिलालेख को पढ़ने वाले नहीं बजते क्या करोगे शिलालेख लगा क्या करोगे कैप्सूलोरड़ाफी इनको नमस्कार कर दिया करो अपने अनुभव की तरफ [संगीत] मुड़ो खुद जानो और खुद के जानने से ही मानना आएगा वही सत्य होगा तभी कह पाओगे मैं कहता आंख देख तुम कहते कागज की लेखी वो बेकार है किसने जाना होगा किसी ने भोजन किया होगा उसका पेट भरा होगा किसीने ठंडा जल पिया होगा उसकी प्यास मिठी होगी तुमने नहीं पिया तुमने नहीं भोजन खाया तुम भूखे हो तुम प्यासे हो तुम्हें खुद ही पीना पड़ेगा तुम्हें खुद ही खाना पड़ेगा तुम्हें भूख लगी है तो खुद खाओ खुद पियो अपने भीतर उतरो खुद के भीतर उतरना होगा दूसरे को याद नहीं करना ये संदेश [संगीत] श्री कृष्ण गोविंद हरे [संगीत] मुरारी हे नाथ नारायण [संगीत] वासुदेव श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ [संगीत] नारायण वासुदेव तु मात स्वामी सखा हमारे [संगीत] हमारे तु मात स्वामी सखा हमारे हे नाथ ना नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा [संगीत] रहा यह अंधेरा घना अा रहा तेरा इंसान घबरा रहा यह अंधेरा घना [संगीत] चारा तेरा इंसान घबरा रहा हो रहा बेखबर कुछ ना आता नजर सुख का सूरज छिपा जा रहा है तेरी रोशनी में जो दम तो अमावस को कर दे पुनम नेकी पर चले और बदी से टले ताकि हंसते हुए निकले [संगीत] दम ऐ मालिक तेरे वंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले ताकि हंसते हुए निकले दम मालिक तेरे वंध हम मात स्वामी सखा हमारे पितु मात स्वामी सखा हमारे हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा पित मात स्वामी सखा हमारे पितु मात स्वामी सखा हमारे हे नाथ नारायण वासुदेवा हे नाथ नारायण [संगीत] वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासु देवा ओ धन्यवाद
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