

नीलू प्रेम शर्मा बाबा प्रश्न पूछने से पहले क्षमा करना क्योंकि यह प्रश्न आपके विरुद्ध जाएगा आज से 25 30 साल पहले हमारा पूरा परिवार झगड़े से ग्रस्त था कोई भी व्यक्ति एक दूसरे को फूटी आंखों नहीं आता था हम आपस में झगड़ते ही रहते हैं और पूरा परिवार आपके पास आया करता था गरीबी थी लेकिन मेहनती से परिश्रम करते थे तब आपने हमने राधा राधा मंत्र दिया था और हमने सभी ने बह निष्ठा पूर्वक जपा था क्योंकि आपस में हम लड़ते थे लेकिन आपके पांव छूते थे आपकी कदर करते थे उस राधे राधे का ऐसा परिणाम निकला हमारे घर में शांति आ
गई हम समृद्धि की तरफ बढ़ने लगे और 10 वर्ष के भीतर हम लखपति हो गए फिर करोड़पति हो गए आज अरबपति यह सब आपकी बदौलत है मन टूटता है जब आप यह कहते हैं कि राधे राधे मत करो क्या इसकी कोई इंटरनल क्रोनोलॉजी है अगर है तो समझाओ अन्यथा यह बिल्कुल विपरीत बातें हैं हमें समझ नहीं आती प्रश्न बड़ा सुंदर है इसके भीतर की क्रोनोलॉजी क्या है यह बता दें या आपने हमें राधे राधे मंत्र क्यों दिया आप और भी लोगों को मंत्र देते थे ओम नमः शिवाय ओम नमो भगवते रुद्राय ओम नमो भगवते वासुदेवाय हमने खुद देखा है हमारे जीवन में क्रांति
आई घरेलू संपद में क्रांति आई और उसका परिणाम यह हुआ कि हम सभी भाई बहने दुरानी ठानी आपस में प्रेम से रहने लगे फिर कोई झगड़ा नहीं हुआ क्या यह राधे राधे जप का प्रणाम नहीं था भगवान कृष्ण का एक शब्द है सभी के लिए वह शब्द या श्लोक या मंत्र कारगर है इसे ध्यान से सुनना जहां शांति है वहां समृद्धि है शांति के बिना समृद्धि आती नहीं जहां शांति है वहां समृति है यह बात व्यक्ति पर भी लागू होती है परिवार पर भी समाज पर भी गांव पर भी जिले पर भी राज्य पर भी और देश पर भी और विश्व में भी इस अभूतपूर्व सूत्र का कोई सानी
नहीं भगवान श्री के मुख से निकला हुआ यह वचन बड़ा प्यारा है इसके भीतर की क्रोनोलॉजी क्या है तु मैं आज समझाऊ अच्छा किया बर्सों पुरानी यादें तुम्हें याद कराती वो भूली [संगीत] दासता लो फिर याद आ गई वो भूली दासता लो फिर याद आ गई नजर के सामने कटा से छा गई वो भूली [संगीत] दासता अब देखिए मैं भी राधा राधा और कोई भी जप दे देता था आपको हंसी आएगी खड़ मस्ती में बैठा बैठा मैं कभी-कभी ऊट पटांग नाम भी दे देता था अट्टा खट्टा बमर बो इसका जाप करते रहना मेरा सिद्ध किया हुआ है व करते उसके परिणाम आते पीछे की क्रोनोलॉजी क्या है नाम कोई
भी देता है मैंने भी नाम दिया अ भी देता हूं लेकिन डॉक्टर के पास जब कोई पेशेंट आता है वह जरूरी नहीं कि सभी पेशेंट एक ही तरह के हो और संत के पास जो व्यक्ति आते हैं जरूरी नहीं कि उन सबको एक रोग हो कुछ मानसिक वेदना हों से शारीरिक वेदना हों से त्रस्त होते हैं और कुछ व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक उन्नति जाते हैं तो सबके लिए एक मंत्र काम नहीं आएगा सबके लिए एक दवा भी काम नहीं आती वक्त की नजाकत देखनी पड़ती है अब आज तुमने पूछ लिया इतने वर्षों के बाद बाबा खुश हाल हैं आज अर्प पति हैं अगर आपने तब ना बचाया हो होता मैं यह बात बताना नहीं चाहता
था क्योंकि बहुत से व्यक्तियों की पोल खुल जाएगी और कम से कम मैं से सीक्रेट रखना चाहता था आपके पूछने पर इधर उधर घूम जाता प्रश्न के असली जवाब भी मैं आया नहीं करता था लेकिन आज तुमने गड़े मुर्दे उखाड़ दिया क्या होता है सभी लड़ते थे मुझे याद है परिवार के करीब 10 सदस्य थे और किसी की किसी के साथ नहीं बनती थी 36 का आंकड़ा सभी के साथ लड़ाई झगड़ा हर वक्त और जहां झगड़ा होगा भगवान कृष्ण कहते हैं वहां दरिद्रता आएगी जहां समृद्धि चाहते हो तो फिर शांति लानी पड़ेगी यही मंत्र मैं आज भी काम करता हूं और यही मंत्र तुम्हारे नाम देने वाले
उनको पता हो ना पता हो कई बार ऑटो हिप्नोटिज्म में आ जाते हैं वह खुद को भी सम्मोहित कर लेते हैं इसका मंत्र जप करते रहो बस सभी ठीक हो जाएगा नहीं होता भाई सब ठीक लो आज खोल देता हूं इच्छा मेरी यही थी कि न खोलू लेकिन मेरे करीबी शिष्यों को पता है वास्तविक ज्ञान जो किसी और फिराक में है जो कुछ और चाहते हैं उन्हें देना ही पड़ता है लेकिन तुम्हारा उस वक्त बुरा हाल था सुबह उठते थे एक दूसर को पीटने लग जाते थे यहां से शुरुआत होती थी कोई चाय नहीं कोई नाश्ता नहीं याद है मुझे और सभी मेरे पास आते थे यही सौभाग्य रहा
मैंने आपको मंत्र दे दिया यह मंत्र जपो और मुझे याद है मैंने वक्त भी बांधा तीन घंटे कम से कम इसके भीतर की भीतर शक्ति होती है वह शक्ति रचनात्मक या धवन सात्मक किसी भी काम पर प्रयोग कर तुम धवन सात्मक प्रयोग करते हो रचनात्मक तुम करते नहीं तो समझदार आदमी आपको ध्वन सात्मक करने से रोकेगा यही मेरा फार्मूला है मैंने तुम सबको काम लगा दिया करो राधे राधे हुआ क्या जो सुबह उठकर झगड़ा करते थे मारपीट करते थे थप्पड़ थपड़ी होते थे वह सुबह उठकर शांति पानी पी के अपने अपने स्थान पर बैठ गए राधे राधे राधे राधे वह शक्ति जो झगड़ों में जाती थी
शक्ति राधे राधे में लगनी शुरू हो गई और तीन घंटे का जप किसी भी व्यक्ति के सिर में दर्द कर देगा मैं जानता हूं तुम निष्क्रिय हो जाते उसके बाद लड़ाई झगड़े की भीतर क्षमता संभावना और शक्ति तीनों ही ना रहती क्लेश धीरे-धीरे खत्म हो गया वह शक्ति जो झगड़े में जाती थी राधे राधे में लगनी शुरू हो गई यह वैज्ञानिक क्रोनोलॉजी है मैंने यह मंत्र तुम्हें क्यों दिया कब दिया परिस्थितियों पर विचार करना होगा मनो स्थितियों पर विचार करना होगा और देखिए सीधी सी बात है जब तुम शांत हो गए पेट तो रोटी मांगता है तीन घंटे जाप करना
है शक्ति तुम्हारी जो लगती थी एक दूसरे को पीटने में वह राधे राधे में लग गए अब काम भी थोड़ा बहुत करना कुछ शक्ति वहां भी लगई और शाम थके हारे मांदे गिर पड़े बिस्तर प कौन लड़ेगा किससे लड़ेगा यही होता है और यही हुआ रोग की जड़ को जो ना पकड़े वह संत नहीं होता वह डॉक्टर भी नहीं होता जड़ को पकड़ो और भगवान के इस सूत्र को याद रखो जहां शांति है वहां समृति मेरे सुनने वालों से मैं सभी को यही मंत्र देता हूं घर में झगड़ा है तो राधे राधे करो मैं कहता हूं कुछ भी करो अगड़ बगड़ बम बाबो शब्द है शब्द कोई भी प्रयोग कर
लो क्या बिगड़ता है मैं अट शंट शब्द दे देता था और मैं कहता मैंने सिद्ध कर रखे हैं तुम जपो तो परिणाम आएंगे और आते तुम्हारे पर भी आए इसके भीतर की क्रोनोलॉजी ये थी जो शक्ति लगती थी आपसी झगड़े में वह मैंने कपा दी राधे राधे में फिर पेट भी मांगता है फिर बच्चे भी मांगते हैं फिर बच्चों की फीस भी भरनी है आज क्या हुआ है समाज में समाज क्यों विभक्त हो गया है यही कारण है संयुक्त परिवार में विचार नहीं मिलते विचार तो कभी किसी के मिलते नहीं एकाकी परिवार में भी कहां मिलते हैं लेकिन मजबूरी है करना पड़ेगा सुक्त प्रिवार में नहीं मिलते तो
इसलिए भाई अलग हो जाओ लोग अलग होना शुरू हो गए तो संयुक्त परिवार के अपने लाभ भी है फायदे भी हैं एक बीमार हो जाएगा दूसरा संभाल लेगा एकाकी परिवार के अपने लभ है कोई झगड़ा नहीं होगा अपनी शक्ति अपने रचनात्मक कामों पर लगेगी भीतर की एंटायस भी नहीं है नाम तो कोरे शब्द हैं लिपियां हैं अब आप देखो जिसे तुम पानी कहते हो उसे अंग्रेज वाटर कहते हैं आप कहते हैं मुसलमान प्रत्येक भाषा के लोग सबके अलग-अलग नाम है तुम क्या समझते हो आप मांगोगे जल मांगोगे पानी मांगोगे नीर मांगोगे एक ही चीज आएगी जो सभी भाषाओं को जानता है शब्द
है शब्दों में कोई जान नहीं है क्योंकि शब्द तुम्हारे बनाए हुए हैं भगवान ने कोई शब्द नहीं बनाया भूल जाना इन बातों को कि वेद भगवान ने बनाए लिपि भगवान ने बनाई ही नहीं भगवान की कोई लिपि नहीं होती भगवान की जो लिपि होती है ना और जब आप समझने लगोगे तब आपको समझाएगा वह किस भाषा में बोलता है इसलिए तो सारी सृजना की रखवाली कर पाता है क्योंकि उसकी एक अलग भाषा है और जिस तल पर तुम जाकर उसके संदेश आते हैं वहां पकड़ोगे वहां तुम्हें ये भाषाएं नहीं मिलेंगी एबीसी नहीं मिलेगी वहां कख ग नहीं मिलेगा वहां उसकी भाषाएं मिलेंगी तुम्हें और
बखूबी समझाएंगे व तल ऐसा कि वहां जाकर तुम उसकी भाषाएं समझने लगोगे यह भाषाएं मानव की है मानव निर्मित भाषाएं तुमने बनाई और कोई भी नाम राम हो कृष्ण हो राधा हो जो भी पांच नाम देते हैं सो हम हो सभी नाम मनुष्य ने बनाए परमात्मा ने कोई नाम नहीं बनाया यह लिपियां तुम्हारी इजाद है और तुम्हारी इजाद से कोई परमात्मा तक पहुंचेगा यह मुश्किल नहीं असंभव है इसे मैं बखूबी जानता जानता भी था लेकिन मैंने तुम्हारी समस्या का निदान करना था मैं प्रैक्टिस किया करता था डॉक्टर मेरे पास कुछ ऐसे पेशेंट आ जाते जिनको कोई बीमारी नहीं
होती बीमारी क्या होती वहम जैसे आपको वहम हो जाता है बाबा जब हम ध्यान में बैठते हैं हजारों चीटियां शरीर पर चढ़ने शुरू हो जाती है ऊपर भाई कहां से आ जाती है चटिया यह मन की शरारत है चलते फिरते से नहीं कोई चींटी नहीं रंगी बैठ गए ध्यान में तो मन ने कला बाजियां खानी शुरू कर दी ऐसे पेशेंट भी आ जाते थे फिर हम क्या करते एक वाटर फर इंजेक्शन आता था उसमें से पानी भरते डिस्टिल्ड वाटर होता था उसका इंजेक्शन लगा देते लो भाई एक इंजेक्शन शाम को लगा देना और पाच दिन इंजेक्शन लगा लेना तुम ठीक हो जाओगे और पाच दिनों के बाद वह ठीक हो
जाता हमने क्या लगाया कुछ नहीं लगाया पानी पानी से वो ठीक हो गया ठीक क्यों हो गया क्योंकि वह व्यक्ति हमारे पर विश्वास करता था कि हमें तो उसकी दवाई लगती है हम चाहे आग खे कुछ भी दे दे व ठीक हो जाता है बीमारी उसका कोई है नहीं ठीक हमने करना है कोई लूटना नहीं कोई लोभ नहीं कोई गुमराह नहीं करना हमारी मानसिक इच्छा है कि यह ठीक हो जाए बीमारी इसको रोग कोई नहीं है रोग नहीं है तो दवाई भी कोई नहीं देनी तो फिर हम इंजेक्शन लगा वाटर फॉर इंजेक्शन और वह बीमार पांचवे दिन प्रसन्न मुद्रा में आता ठीक हो गया डॉक्टर साहब
ठीक हो गया बहुत बढ़िया दवाई दवाई ही आपकी लगती है मुझे आप ने एंटायस ली तो आज मैं बताने पर विवेश हो गया किसी नाम में कोई ताकत नहीं मानव निर्मित किसी भी चीज में कोई शक्ति नहीं जो तुम्हें उस विश्व दर्शन को करा सके मानव निर्मित कोई भी चीज तुम्हें अपने भीतर नहीं ले जाएगी कोई शब्द कोई प्रार्थना कोई गीत यह तो तुम्हें सिर्फ बांधने के लिए है तुम बैठ जाते हो घड़ी दो घड़ी तुम्हें अनुशासन सिखाया जाता है जैसे आजकल छोटे बच्चों को एजुकेशन प्ले से शुरू की जाती है खेल बस उससे बैठने की तकनीक आ जाती है कैसे मिलजुल के रहना
है बच्चों में बैठना है क्या शिष्टाचार है बिल्कुल राधे राधे नाम दिया और भी बात नाम की है ही नहीं बात है तुम्हारे मन में कितनी श्रद्धा है उस व्यक्ति प जब तुम यह सोचते हो साइकोलॉजिकली कि मैं ठीक ही उस डॉक्टर से हूंगा तो फिर तुम्हें कोई भी बड़े से बड़ा एमडी मेडिसिन या फॉरन रिटर्न तुम्हें कोई दवाई दे दे तुम ठीक नहीं हो सवाल है कि तुम्हें रोग कोई नहीं रोग है तो उसकी दवा चाहिए कैंसराइजेशन देनी पड़ेगी यही बीमारी आपको है तब आप आज सभी को यही बीमारी है ब्रम की बीमारी आज सभी इल्यूजन में है किसी को यह नहीं पता ऑथेंटिसिटी में ऑथेंटिकली हु एम आई
प्रमाणिक रूप से मैं कौन हूं बड़े से बड़ा संत भी चिल्लाता है राधे राधे करो और देखिए चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात आप देख लेना नए-नए व्यक्ति आते हैं लाखों की भीड़ होती है धीरे-धीरे धीरे-धीरे कम होता जाता है क्योंकि तुम्हारे भीतर की वह मन का उछाल कहता है कि इसका मंत्र ठीक है मंत्र किसी के भी ठीक नहीं होते मंत्र ही ठीक नहीं होते तब मैंने बताया होगा आज भी बताता हूं कुछ लोगों को वह कहते हैं बैठा नहीं जाएगा बाबा मैं समझता हूं बात मनो उपद्रवी है अभी बैठने में मजा नहीं आने लगा तो फिर तुम ऐसे करो फिर तुम
मंत्र जप कर लो यहां से शुरू कर लो यह एक तकनीक है मुख्य रूप से तुम्हारी दरिद्रता का कारण तुम्हारा कल था इतनी संख्या में लोग तुम मेहनत नहीं करते थे झगड़ा करते थे लड़ाई करते थे और फिर वही शब्द कृष्ण भगवान का जहां शांति है वहां समृति है और सभी सुन लो अगर आपके घर में कला है किसी के घर में भी कला है मैं कहता हूं एक व्यक्ति शांत हो जाओ क्यों कहता हूं उसका कारण है अगर एक शांत हो गया बुद्ध के ऊपर कोई थूक गया बुध के पास भी यही फार्मूला था और क्या था अगर एक व्यक्ति ने नॉन रिएक्टिव रहना सीख लिया तोर शांति आ
जाएगी बुध के ऊपर थूक गया और बुद्ध बड़े शांत रहे बुद्ध जानते हैं बुद्ध की यह मनो इच्छा है कि विश्व में शांति लेके आनी है तो कैसे आएगी इस तरह आएगी जब कोई गाली निकाले कोई थूक जाए तो ऐसा व्यवहार करना है हम व्यवहार करना जानते हैं किसके साथ किस वक्त पर क्या व्यवहार करना है बखूबी जानते हैं इसलिए ऐसे व्यक्ति मास्टर ऑफ मास्टर्स कहलाते हैं यहां शिक्षक भी आते हैं जो टीचर है यहां सा साइंस दन भी आते हैं डॉक्टर्स भी आते हैं इसकी जड़ में चलो आपने मुझे कह दिया मैं तुम्हें मारूंगा मैंने तुम्हारे चरण पकड़ लिए मार
दो भाई 100 में से 99 मौकों पर आप मुझे नहीं मारोगे जो बिछ गया जिसने चरण ही पकड़ लिए उसको मारने में अहंकार को तुष्टि नहीं होती तो आप मुझे मारोगे नहीं यही फार्मूला विश्व शांति अगर चाहते हो मेरे पास लोग आ जाते हैं बाबा हम बारूद को समाप्त करना चाहते हैं य परमाणु संयंत्रों को ये सभी प्रकार के हथियारों को वेपंस को नष्ट करवाना चाहते हैं और हमने एक संस्था बनाई है मैंने कहा तुम धे मुंह कर गए क्यों क्योंकि तुमने बेस नहीं पकड़ा बेस यह है कि तुम शांत हो जाओ झगड़े के कारणों में से एक तुम भी हो और शुरुआत हमेशा अपने से हो तो ज्यादा शुभ
होती है मेरे शिष्य मुझे थप्पड़ मार गए मेरे बायोग्राफी में तुम पढ़ो मैंने कुछ नहीं कहा मेरे शिष्य मुझे गाली निकाल देते हैं कुछ नहीं कहता लेकिन जब तुम सीखने आते हो सीखने के भीतर जब तुम कमेंट करते हो तब मैं बोलता हूं क्यों क्योंकि सीखने का ये ढंग नहीं है तुम्हारा अगर सीखना चाहते हो तो फिर ऐसे सीखना पड़ेगा नहीं किसी और और के पास चले जाओ भाई गलत तो मैंने कुछ भी नहीं कहा तुम कमेंट करते हो मैं तुम्हें कहता हूं तुमने सुना क्यों मुझे मैंने कब कहा मुझे सुनो और मैंने आज तक किसी व्यक्ति को नहीं कहा मुझे सुनो कहूंगा भी
नहीं क्यों कहूंगा लोभ नहीं लालिश नहीं व्यथा नहीं आनंद में हूं मस्ती में हूं सुरूर में हूं वास्तव में तो मैं चाहता हूं मुझे कोई भी ना बुलाए तो मैं कहता हूं तुम खुद शांत हो जाओ प्रामाणिक तुम्हें बनना होगा शुरुआत तुम्हें करनी होगी और जब कोई बोलता है तुम्हें गाली निकालता है घर में और तुम शांत मुद्रा में बने रहे जैसे गाली दीवार को निकाली गई है दूसरा व्यक्ति भी धीरे-धीरे रूपांतरित होने लगेगा क्योंकि तुम्हारी शांति तुम फल देगी उसका क्रोध उसको फल देगा तुम्हारी शांति तुम्हारे मुख मंडल पर आभाव लावने लेके
आएगी उसका क्रोध उसके चेहरे पर क्रूरता लेके आएगा उसके कर्मों का परिणाम है जब वह क्रोधित होगा उसके भीतर एड्रीनलिन काट सेल यह जहर पैदा होंगे जहर खून को गंदा विषैला कर देंगे और खून ही तो फैलता है चह दिशाओं में व तुम्हारे मुख मंडल की आवा भी बिगाड़ देगा इसलिए सौंदर्य प्रेमियों तुम्हें गुस्सा नहीं करना चाहिए यह स्त्रियां मेरे पास आ जाती है बाबा यह मुख पर लावण्य आ जाए कांति आ जाए मासूमियत आ जाए इसके लिए क्या करें मैंने कहा क्रोध को दो वासनाओं को त्याग दो और संतों ने अगर कहा वासनाओं को त्याग दो तो उसके भीतर का
गहरा रहस्य यही था क्योंकि वासना स्टिमुलेटिंग में पर वर्त करती है देखने वाला तुम्हारी तरफ देखेगा देखने का मन नहीं करेगा वही विकराल बिगड़ैल चेहरा मन में शांति नहीं विश्व को रूपांतरित करना चाहते हो तो विश्व को रूपांतरित करने की पागलपन त्याग दो तुम एक रूपांतरित हो जाओ अकेले तो एक रूपांतरित होते हैं लाखों व्यक्ति रूपांतरित हो जाते हैं हजारों की भीड़ उनके साथ चलती है और आज भी उनके जितने अनुयाई हैं देख लो बुद्ध धर्म के कितने अनुयाई हुआ क्या वह यह मंत्र जानते थे शांत सुखों का समृद्धि हों का जन्म दाता है रिजी नेशन
पॉइंट तुम शांति से दुकान पर बैठोगे सुबह क्रिया योग करके आए हो सब खलल बाहर निकल गई चेहरा शांत हो गया आप देखना तुम्हारे व्यापार में वृद्धि हो गई कारण जाता हुआ ग्राहक तुम्हारे मुख मंडल की तरफ ही खच जाएगा अक्सर तुमने सुना होगा ऋषि गण भरे जंगल में झोपड़ी डाल केर बैठ जाते थे और हिंसक जानवर उनके पास आकर बैठ जाते थे उनको नुकसान नहीं पहुंचाते थे क्या कारण था वो झोपड़ी ही तब बनाते थे जब उन्हें समझ जाती थी कि मेरे भीतर की हिंसा समाप्त हो गई मैं पूर्ण अहिंसक हो गया और देखिए तुम पूर्ण अहिंसक होते ही तुम्हारा रोवा
रोवा एक तरह की मैंने कल एक शब्द बोला था इनर्टिया इनर्टिया की तरंगे बाहर निकलनी शुरू हो जाती हैं इनर्टिया की तरंगे जो मैं एक प्रकार की तरंगे तुम्हें आसानी त रंग कहता हूं उससे हजार गुना ज्यादा शक्तिशाली होती हैं दूसरों को परिवर्तित करने में देर नहीं लगाती इसलिए मैं नागार्जुन को जब बोल रहा हूं तो बड़ा वक्त लगा दिया कैसे तुम उस इशिया तक पहुंच जाओ जीवंत निष्क्रियता मरज बड़ा पंजाबी में कहते हैं उसे देखिए राधे राधे कहने के परिणाम आए क्यों आए क्योंकि तुम्हारी मूल समस्या यही थी शक्ति सभी के भीतर थी शक्ति को दिशा नहीं मिल रही
थी दिशा मिली लड़ाई झगड़े में एक दूसरे को सुबह पीटना शुरू कर देते थे झगड़ा बढ़ जाता था गाली गलोज कर देते थे सभ्याचार बातें होती थी अस संस्कृत बातें होती थी गाली गलोज हो जाते थे थप थपड़ी हो जाते थे एक दूसरे के बाल पाट लेते थे ये सभी मेरे पास आती थी आपने यह किया आपने यह किया हमारे पास एक मास्टर फार्मूला है मुर्दा तो किसी के बाल नहीं ना पाता बस इसकी शक्ति को क्षीण कर दो आपने कभी देखा काम से बचने का भी उपाय इतने थक जाओ इतने थक जाओ के घर जाकर स्त्री या पुरुष ना दिखे घर जाकर चारपाई दिखे और लोटपोट हो जाओ और सुबह पता
लगे कौन मंगच मारेगा काम में काम से जो चाहिए वह नींद से मिलेगा अभी तो नींद घेर रही हाड़ तोड़ मेहनत करो घर लौटो तो घर लौटना मुश्किल हो जाए पाव जवाब दे दे नहीं चला जाता इतने थक जाओ तो शक्ति गई जिस शक्ति को तुमने बहाना था वह शक्ति पहले ही तुमने काम धाम पर लगा दी वो काम धाम चाहे तुमने कुछ बनाया नहीं बनाया तुम थक गए बस य है भीतर की एंटायस संत बताते नहीं दो कारण है या तो वह जानते नहीं वह खुद ही सर्फ ऑटो हिप्नोटिज्म में स्वय सम्मोहित है वह राधा नाम से मैं स्वय सोहित नहीं मेरी सोहित अवस्था कभी की टूट गई
सम्मोहन में सम्मोहन के दायरे में मैं आ नहीं सकता मैंने वह मुकाम छू दिया जो आग से परे जो शस्त्र से परे जिसे बाढ नहीं बहाती जिसे तूफान नहीं उड़ाता इससे मौत नहीं मारते तो तुम्हारी हिप्नोटिज्म मुझे कैसे प्रभावित करेगी मैं झट से वेल जद [संगीत] भी मिली फर [संगीत] जाता वेल जद भी मिली फरज [संगीत] जात तेरे मुख दी किताब ले बैठा मैनू तेरा सवाब ले बैठा जैसे ही फुर्सत में आता हूं भीतर उतर जाता हूं अंतर्मुखी हो जाता हूं वहां बड़ा आनंद मिलता है तुम प्रसिद्ध होना चाहते हो मेरे पास बहुत बड़े-बड़े चैनलों के बाबा आपकी इंटरव्यू लेनी है
किसलिए इंटरव्यू क्यों हम पूछना चाहते हैं आपकी जिंदगी मैंने कहा बायोग्राफी पढ़ लो हम जानना चाहते तुम्हारे विचार मैंने कहा 2000 से ज्यादा वीडियो व देख लो दर्शन में देता नहीं भीड़ इकट्ठे करने की मेरी तमन्ना नहीं पैसा इकट्ठा करने की मेरी योजना नहीं पांव बजवाने की मेरी जरा भी इच्छा नहीं तुम पांव पकड़ते पकड़ते गर्दन पकड़ लो एकन मैं अच्छी तरह जानता हूं इसलिए मैं बाहर ही नहीं निकलता मैंने पंगा खाना ही बंद कर दिया चलो कोई आता है बेचारा कई व्यक्ति 10 दिन तक बैठे रहते हैं धर्मशाला में आखिर घर वाले थक जाते हैं अब तो 10
दिन हो गए बुला लो एक दर्शन ही तो करने हैं चलो बुला लो भाई ऐसा मजरा है कैमरे के सा हसा मत करो कैमरे के सामने आना मेरा स्वभाव नहीं और कैमरे के सामने आने का मतलब होता है स्वयं को प्रचारित करना स्वयं को प्रसारित करना यह तो जो चार अल्फाज में बोलता हूं मेरी मजबूरी है व्यवस्था है और जरूरत है आपकी और करुणा वसीय भीतर से फूट पड़ते हैं और कुछ बाबा का आदेश है बोलना पड़ता है अन्यथा 35 वर्षों तक स्वयम में ही गरा 35 वर्षों तक वह पिया मैंने जी भर कर पया और अब भी जैसे ही थोड़ी सी फुर्सत मिलती है भीतर जंप ले लेता जो सुख छज्जू दे च
बारे ना बल्क ना बुखार तुम सिर्फ ये शब्द कहना जानते हो तुमने उस मैं को कभी पिया नहीं तो मैं कहता हूं शब्द मत कहो उस मैं की एक बूंद एक बार फ लो बस आमूल चूल परिवर्तन आ जाएगा स्वभाव में तुम्हारे बात चीत में चलने फिरने में काम करने के सलीके तरीके बदल जाएंगे तो राधे राधे में कहा तुमने लेकिन उस वक्त तुम्हारी दशा क्या थी यह देखो मैंने तुम्हारी शक्ति तुम में शक्ति थी सभी जवान थे सभी में शक्ति थी और शक्ति गलत दिशा में जा रही थी मैंने उस गलत दिशा में जाती शक्ति को रोक दिया चाहे मुझे पता था कि राधे से कुछ नहीं
होगा लेकिन क्या करें मजबूरी है राधे कहने से झगड़ा तो नहीं ना होगा और झगड़े को रोकना मेरा मुख्य कर्तव्य था यह जो नाम देते हैं वहां जो इकट्ठे होते हैं ऐसे ही घरों से जा जाने वाले लोग होते हैं अन्यथा कोई क्यों जाकर राधे राधे शब्द लेकर आएगा क्यों जाकर राम राम लेकर आएगा घरेलू परेशानी है कोई अपनी घरवाली से तंग है तुम मत ह सगर यह मनीष बड़ा शरते है कोई किसी से परेशान है कोई किसी से परेशान है और ये या तो खुद नहीं जानते यह खुद ही ऑटो हिप्नोटाइज है स्वय सम्मोहन से ग्रस्त है इनको भी इनके गुरु ने हड़का दिया
होगा कि राधे राधे करते रहो और यह माइक की तरह आगे प्रसारित करें इनको खुद को कुछ नहीं पता या यह झूठ बोलते हैं या सभी के ऊपर जैसे भेड़ों की कथा होती है और भेड़ को चलाने वाले ट ट बोलते है ना व सारी भेड़ चलती है क्योंकि वो यह भाषा समझते हैं सबको राधे राधे कोई माइक लेकर जाएगा कोई कुछ कहेगा कोई कुछ करेगा बाबा बाबा यह है इनर क्रोनर ला अगर तुम्हारी शक्ति सही दिशा में नहीं लग रही तो उसे व्यर्थ फेंकने की बजाय एक मोड़ दे दो तारुफ बोझ बन जाए तो उसको भूलना बेहतर तालुक रोग बन जाए तो उसको छोड़ना अच्छा तारुफ रोग
हो जाए तो उसको भूलना बेहतर तालुक बोज बन जाए तो उसको छोड़ना अच्छा अफसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन उसे एक खूब सूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों तारुफ रोक हो जाए तो उसको भूलना बेहतर तालुक बोझ बन जाए तो उसको छोड़ना अच्छा व फसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना जब शक्ति तुम्हारी झगड़ों में खपे लग जाए वहां बेहतर विकल्प है राधे राधे करलो झगड़ों से बचोगे और झगड़े ना जाने कहां लेकर जाएंगे उम्र कैद काटने वाले इन लोगों से पूछो
जेलों में बंद कुछ भी बात नहीं निकलेगी इनकी बातों को सुनकर तुम्हें हंसी आएगी छोटी-छोटी बातें इतनी बड़ी हो जाती हैं कि आदमी जेलों में पड़ा अपनी सारी जिंदगी सड़ता है मैं तुम्हें कहता हूं नॉन रिएक्टर तुम्हें कोई गाली निकाल दे चपत लगा दे कुछ ना क लेकिन तुम्हें तुम्हारा प्रश्न बड़ा जायज है तुम कहते हो फिर अगर हम ना बोले तो दूसरा दूसरा चाटा मार देगा देखिए मैं बॉर्डर्स की बात नहीं करता बॉर्डर्स के ऊपर सैनिकों के लिए संदेश नहीं है य देश घरों में शांति पहुंचाने के लिए बॉर्डर्स पर बैठे हुए हमारे जमान मेरे
इस वीडियो को ना सुने यह उनके योग्य बात नहीं है बैंक की सिक्योरिटी के आगे गन लेकर खड़ा हुआ सिक्योरिटी गार्ड मेरी इस बात को ना माने अगर कोई डाकू आ गया तो उसके साथ तो वैसे ही निपटना जैसे तुम्हें हुकम हुआ है मैं बात करता हूं घर में क्लेश की तुम्हारे इस घूमते हुए भेजेगी तुम्हारे अस्तित्व के दुख बन जाने के उसको कैसे ठीक किया जाए लोग मुझे बॉर्डर पर ले जाते हैं फिर बॉर्डर्स का क्या होगा चीन हमला कर देगा और हम कहेंगे ठीक है नहीं नहीं यह तो मैंने कभी नहीं कहा बॉर्डर्स पर सैनिक अपना दायित्व न भाए मुह तोड़ अगर एक मरा तो आप चार
मारो वहां बात और है बात घरेलू झगड़ों की है और वह बड़ी है क्योंकि बर्डर्स पर कोई शायद ही हिम्मत करे 20 साल तक कितने साल हो गए वो बात अलग है वो देशों की बात है सीमाओं की सुरक्षा सैनिक करेंगे उनके लिए नहीं है शब्द घरों के लिए शब्द हैं जो घरों में झगड़े रोज होते हैं छोटी-छोटी बात पर छोटी छोटी बात है आप क्यों नहीं कहा तुम क्यों कहा क्यक झगड़ा हो गया था किसी एक्ट्रेस ने किसी राजनीतिक को तू कह दिया था झगड़ा हो गया और बात मेरे पास भी आई मैंने कहा तू शब्द तो बड़ा फेरा है तू तो तू कह के तो हम उसे सम्मान देते
हैं तुम गुस्सा क्यों होए तुम्हें पता है भगवान को हम तुम कहते हैं एक तू ही निरंकार तू दाता दातार तेरा देता खावना परमात्मा को तू कहते हैं जितना प्यार नजदीकी बढ़ती है आप कह देने से नदी की मिटती है फासला बढ़ता है तू कह देने से हम मां को तू कहते हैं और मां से ज्यादा प्यार ममत्व और किसम होता है लेकिन पिता को हम आप कहते हैं लोग मुझे पूछ लेते हैं यह प्रश्न क्योंकि मां से करीब मां के तुम अंश हो मां के शरीर से तुम्हारा जन्म हुआ है इसलिए पिता को आप उनसे दूरी है अभी फासला है लेकिन मां से दूरी नहीं है मां के तो तुम जिगर के टुकड़े हो
मां के तो तुम एक अंश हो मां तो मां होती है लेकिन पुरुष प्रधान देश में आप तो नजदीक से नजदीक तर आते गए आप तो नजदीक से नजदीक तर आते गए आप से फिर तुम हुए आप से फिर तुम हुए फिर तू का उनवा हो गए रफता रफता वो मेरे हस्ती का सामा होगा रफता रफता हो मेरी हस्ती क सामा हो आप दरी तू नदी की है तू में बड़ा ममत्व है तू में बड़ा वात्सल है त में बड़ी खिंचा त में बड़ा प्रेम है तू चुंबक है तुम तू की महिमा नहीं जानते इसलिए हमने परमात्मा को तू कहा बहुत से लोग है जो परमात्मा को भी तू स कहते हो आप प्यार खो गया और जहां प्यार खो गया
वहां उसमें समाहित क्या हो जाओगे उसमें तो मिलना होता है और आप कहने से मिला नहीं जाता आपसे तुम और तुम से तुम और तू जैसे ही हो गया उसमें तुम समा जाओगे नजदीक से नजदीक आना होता है मानव शरीर बड़ा धन्य था शक्ति तो बहुत है पशु शरीर में सिंह जैसे हिंसक जा में बड़ी शक्ति होती है चीता शेर लेकिन एक मानव ही ऐसा प्राणी है जिसके भीतर विवेक और बुद्धि है और मानव होकर अगर तुमने विवेक और बुद्धि से काम ना लिया तो तुम जन्मों जन्मों का यह इल्यूजन जो पत्थर से शुरू हुआ आज तुम मानव हो गए और तुम अपने आप को आज भी शरीर माने जा रहे हो और देखिए कोई भी
भ्रम राधे राधे कहने से टूटता नहीं मैं कहता हूं तुम्हें भ्रम है तुम्हें भ्रम है भ्रम शब्दों से नहीं टूटेगा किससे टूटेगा ब्रम ब्रम टूटेगा दर्शन से तुम्हे भ्रम है कि ताजमहल काला है और भ्रम है तुम पाले जा रहे हो सारी उम्र बीत गई बुढ़ापा आ गया तुम सदा ही कहते हो सबसे कहते हो ताज महल काला है कब टूटेगा बाबा कहते हैं दर्शन से पहले ब्रम टूटने को है नहीं दर्शन हुआ के भ्रम टूटा उतर गयो उतर गयो उतर गयो उतर गयो उत गयो मेरे मन का संसार य संशय था मुझे इल्यूजन था मुझे ब्रम था मुझे उतर गयो मेरे मन का संसार कैसे उतरेगा संस तुम संस में
हो क्या संस है मैं शरीर हूं ये संशय है वास्तव में तुम शरीर नहीं हो सभी संत कहते हैं अष्ट वक्र कहते हैं कृष्ण कहते हैं नैनम छ दंती शस्त्राणि तुम वो हो जो कटता नहीं छिद्र होता नहीं गलता नहीं जलता नहीं वो तुम वो हो लेकिन तुम जो कटता है जो जलता है तुम उसको आप समझे बैठे हो तो यह संशय कब उतरेगा यह भ्रम कब टूटेगा हु विल ब्रेक दिस इल्यूजन यह भ्रम कौन तोड़ेगा दर्शन जब देख लोगे कोई जाके ताज महल के सामने तुम्हें खड़ा कर देगा देखो यह है ताजमहल तुम देखोगे काली तो नहीं है यह तो सफेद है सरखो सफेद फ मिट्टी की मूर्त तुम इसको आप समझे बैठे हो सभी संत
कहते हैं अष्टावक्र भी कहते हैं नहीं हो तुम कबीर नानक कौन संत है जो कहता कि तुम शरीर हो एक भी बता दो सभी कहते हैं तुम शरीर नहीं और संशय कैसे खत्म होगा यह मूढ़ पागल मूर्खा आनंद मैंने बहुत बार कहा है तुम कितने भी प्रचारित करर आखिर एक दिन मौत आएगी मुझे लोग कह देते हैं बाबा आप बोलते क्यों नहीं मैंने कहा देखो जितना बस लगता है मैं बोलता हूं पाखंड का निवारण करता हूं लेकिन आगे ये कहते हैं कि हम पाखंड का निवारण करते हैं फिर क्या किया जाए तो बाबा इसका हाल देते हैं बाबा कहते हैं ये मन की मर्ता कब मिटेगी उतर
[संगीत] गयो उतर गयो [संगीत] उतर [संगीत] गयो उतर गयो मेरे मन का संसार अब देखिए इल्यूजन कैसे टूटेगा बाबा उपाय बताते हैं तुम भजन तो रोज गा लेते हो जब तेरा दर्शन पायो दर्शन के बिना इल्यूजन नहीं टूटेगा देखोगे ताजमहल को नगन आंखों से कि नहीं काला नहीं है भाई घर बैठे ताजमहल ताजमहल ताजमहल काला है काला है ताजमहल चल के तुम्हारे पास नहीं आएगा उसके पास जाना पड़ेगा यू विल हैव टू गो देर इन फ्रंट ऑफ ताज महल तुम्हें देखना होगा उसके सामने खड़े होकर जब तेरा दर्शन पाया ठाकुर तुम सरनाई [संगीत] आ ठाकुर [संगीत] ठाकुर
[संगीत] ठाकुर ठाकुर ठाकुर तुम सरनाई आयो ठाकुर तुम शरणाई [संगीत] आयो उसके दर्शन के बिना भ्रम नहीं मिटेगा कितना ही संत कहले तुम अर्थ के अनर्थ कर ही लोगे इसलिए आज दुखी दरिद्र कंगाल टूटे फूटे दीन दरिद्र फिर रहे हो इन तथाकथित मूर्खों के पांव छूते छूते कंगाल तुम्हारी कंगाली नष्ट नहीं कर सकेगा यह खुद कंगाल जिसने सम्राट को जाना नहीं वह कंगाल शहनशा और तुम खुद शहनशाह आलम हो बस करना क्या है यू आर टू रिकॉग्नाइज योरसेल्फ मैंने बहुत बार तुम्हे उदाहरण दी है चाबी रख के भूल गए हो कहीं और उस चाबी में लॉकर में सब कुछ है
तुम्हारा गहने हैं हीरे हैं जवाहरात हैं नगदी है सब है प्रमाण पत्र है तुम्हारे डिग्रीज हैं सब हैं और उस लॉकर की चाबी तुम रख के कहीं भूल गए हो ऐसे ही तुम्हारे भीतर की चाबी तुम रख के कहीं भूल गए हो कैसे मिलेगी वो चब तो संतों ने सही रास्ता बताया था कि याद करो स्मरण करो कहां रखी है चाबी और तुमने ऐसा बिगाड़ा दुष्टों ने चाबी चाबी चाबी चाबी करते रहो सब मिल जाएगी चाबी उछल के आ जाएगी जहां भी है इसलिए मैं इनको मूर्खा आनंद कहता हूं अगर मेरे तर्क में सच्चाई में किसी तरह की कोई गलती हो तो मुझे बता दो तर्क की बात नहीं यह दर्शन की बात है
मैंने देखा है आ सीन विद माय नेकड आईज मैं कहता आंख देखे तुम कहते कागज की लिख और मैं कहता आंखन देखे और जो आंखों से देख लेता है उसके शब्दों में जान होती है उसके शब्दों में शहद जैसा मिठास होता है वहां से टकरा के आती हैं हवाएं यह शब्द जो आप सुन रहे हो य वहां से टकरा के इन्हें हृदय के भीतर उतार लेना इन्हें सुरक्षित स्थान पर रख लेना चूम लू मैं उस जुबान को जिस पे आ तेरा ना तेरे दान से जो [संगीत] आए उन हवाओं को [संगीत] सलाम चूम लू मैं उस जुबा [संगीत] को जिस पे आए तेरा नाम सबसे अच्छी तेरी शुब हो सबसे रंगी तेरी
शान तुझ पे दिल कुर्बान मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन बिछड़ गया वो चमन तुम्हारा हो तो तुम वही भूल गए हो इसलिए संत कहते हैं रिमेंबर याद करो स्मरण करो और तुमने स्मरण शब्द का सत्यानाश कर दिया चाबी चाबी चाबी चाबी राधे राधे राधे राधे क्या बकवास है कोई तर्क है तुम्हारे पास धूल में लट फेंक रहे इनके चेहरे पर किसी तरह की शांति नजर नहीं आती इनके भीतर से जो हवाए छूके आती है लगती नहीं व उन तरंगों से युक्त जहां पर मिठास का वह स्वर्ग वि विन लेकिन ज्यादा ऊंचे बोलने से झूठ सत्य नहीं हो जाता और ज्यादा इकट्ठे में बोलने
से झूठ सत्य नहीं हो जाता हू सत्य तो सत्य ही रहेगा वही चाबी लगेगी जो होगी तुम गलत चाबियां को इस लकर पर लगा रहे हो नहीं खुलता तुम कहते हो नहीं बाबा आनंद तो नहीं आया नहीं आएगा लोग ऐसे ऐसे शब्द मेरे सामने रख देते हैं जिनका अर्थ ना व जानते हैं ना उनका आचार्य जानते हैं यजों में मैं जब ञ हूं अब आगे आएगा शबद गीता चल रही है मैं आपको इसका विश्लेषण करूंगा यह क्या था और तुम क्या ले गए क्या हुलिया बगाड़ दिया तुमने शब्द का तुमने ठीक पूछा मैंने राधे राधे कहा था लेकिन उस वक्त तुम दरिद्र थे कंगाल थे लड़ाई झगड़ा
था शक्ति थी गाली गलोज होते थे लड़ते थे तुम्हारी दिशा को मोड़ना आवश्यक था तुम्हारी शक्ति को मोड़ना आवश्यक था वा पसा ना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना तो मैंने खूबसूरत मोड़ दे दिया असल में बात यह है लेकिन यह मूड लोग चिपक जाते हैं राधे राधे मैंने भी कहा राधे मैंने कब कहा नहीं लेकिन क्यों कहा उसका कारण तो समझो और आज तुम अभ पति हो और अगर तब मैं तुम्हें कह देता और थोड़ा सा जोर से जैसे मुल्ला ऊपर चढ़ के अल्लाह हू अकबर की आवाज देता है थोड़ा सा जोर से चलाओ जैसे ज जागरण में चलाते हो
तुम फ मैं भी मढ हो जाता उनकी तरह लेकिन क्योंकि मैंने देखा मैंने जाना मैंने पहचाना मैंने उसका स्वाद चखा मैंने वो पिया मैंने गिलास नहीं मैंने अंजली नहीं मैंने समुद्र भर भर के पिया अब देखिए समुद्र भर के पिया उसको स्वाद का अच्छी तरह पता है वह बड़ी खूबसूरती से व्याख्या कर सकता है आपको लेकिन तब मैं जानता था तुम्हें रोग क्या है तारुफ रोग हो जाए तो उसको भूलना बेहतर तुम्हारी दिशा को मैंने परिवर्तित कर दिया मोड़ दे दिया राधे राद करो सभी मेरे पास आते थे यह सौभाग्य रहा तुम्हारा अन्यथा एक भी होता तो खरल डालता लेकिन उसके बाद जब तुम खुशहाल होना
शुरू हुए आपस में प्यार बढ़ने लगा तो मैंने कहा छोड़ दो इस राधे को छोड़ दो शक्ति तुम्हारे पास है संपन्नता तुम्हारे पास है जब तुम फुर्सत में हो तो अपने भीतर उतरो एक मानव शरीर ही ऐसा है जिसके पास शक्ति के साथ साथ विवेक है शक्ति तो सभी जानवरों में है मानव से ज्यादा है विवेक नहीं है बुद्धि भी है उनके पास विवेक नहीं विवेक सिर्फ मनुष्य को ही दिया गया इसी जामे को विभूषित किया गया विवेक वह अच्छा बुला सोच सकता है तुम अपने भीतर उतरो यह शक्ति तुम्हारे पास है मौका है राहत दिखाने वाला बैठा है इससे पहले ये ट्रेन छूट
जाए देर मत करो इन मूर्खों से पिंड छुड़ाओ किसी भी तरह मैं ठीक बोलता हूं मेरे प्राणों का एक एक रोमा रोवा बोलता है और बिना किसी लोभ रालिस के मैं तुम्हारे हितार्थ बोलता हूं तुम्हारे लटके हुए मुखड़े देख के बोलता हूं मैं चाहता हूं जिस आनंद में देखिए मेरे को 12 साल होके बैठे एक स्थान पर कोई टांग बाह नहीं टूटी है सारे अंग सलामत है बाहर भीतर गए लेकिन बैठा हूं क्यों बैठा हूं कभी सोचा आराम से बैठकर सोचना एक व्यक्ति कहीं घूमता नहीं बाहर से कौन गुजरा यह जानना नहीं जाता कौन आया कौन गया कौन खुश हुआ कौन नाराज हुआ कोई मतलब
क्यों बैठा है इसने समुद्र पी लिया है मैं खुद ही पिए पिए और खुद ही बताता हूं ना कभी पांड लगाई ना कभी लोगों को निमंत्रण दिया ना कभी भेड़ों की भीड़ इकट्ठी की वर्ण मैं तो भीड़ को यहां घुसने नहीं देता यहां आने के लिए 10 मुकाम लाने पड़ते हैं फिर वह व्यक्ति मेरे पास आ पाएगा और जब एक बार व्यक्ति मेरे पास आ गया तो उसको सब छोड़ना पड़ेगा अगर नहीं छोड़ा तो फिर मैं उसे बाहर निकाल दूंगा सर्व धमाणदंगा नहीं कोई संप्रदाय नहीं कोई पार्टी नहीं सब छोड़ दे तू इंसान हो जा एक बार भी इंसान बन के आ मेरे पास बाहर छोड़ दे गेट के ऊपर तुम्हारे
धर्म तुम्हारी पार्टी तुम्हारे े ख्याली पुलाव तुम्हारी यह सीखी हुई खोपड़ी की इंफॉर्मेशन बाहर ड रख के आया करो उसके बाद मेरे पास आया करो यही मेरी चाहत है मैं जैसा हूं वैसे तुम क्यों नहीं हो जाते ये मेरे प्राणों की इच्छा है इसलिए बोलता हूं अन्यथा और कोई तमन्ना नहीं जीवन तक की तमन्ना नहीं तुम तो दिन में 100 बार पूछते हो और तुम्हारे सदगुरु बताते हैं सुबह उठते ही 20 मिनट में तुम्हारा पेट साफ हो जाना चाहिए तुम आध्यात्मिक टीचर हो या शारीरिक तुम वैद्य हो या गुरु हो भ्रमित करते हैं तुम यह तुम्हारा देह नहीं है और फिर क्या
तुम खाओ ब्रेकफास्ट में क्या खाओ तुम लंच में क्या डिनर में और दोपहर की चाय में क्या हो और रात को सोने से कितनी देर पहले खा जाओ ये वैद्य है ये डायटीशियन है येय अध्यात्मिक लोग नहीं है इनकी बातों से अ तुम पहचान नहीं सके क्या देते हैं तुम्हें एक स्टेन स्टील की इतनी बड़ी मूर्ति बना के तुम्हारे भीतर कोई आनंद आ मूर्तियां तो बहुत पहले ही बहुत है मूर्तियां तो सभी मूर्तियां उसकी हैं यह विराट अस्तित्व उसकी मूर्ति है और तुम्हें इसे देख के आनंद नहीं आता तुम्हें इसे देखकर आश्चर्य नहीं होता तुम स्टेनलेस स्टीन की यह मूर्ति
देखकर वाह वाह कर जाते हो और उसकी अद्भुत कारी करी तुम्हारे शरीर के भीतर का एंटायस तुमने कभी सोचा कैसे चलता है जरा सा बीपी अप डाउन हो जाए तुम्हारी छाती फड़कने लगती है उसकी विराट कारीगरी पे तुम मोहित नहीं हुए तुम इन मूर्खों की बातों पे मोहित हो गए चाबी सही लगाओ भाई तुम्हारे लौकर की चाबी तुम रख के भूल गए हो गुम तो नहीं हुई गुम तो हो भी नहीं सकती वही रहेगी वही गुम नहीं होती भूल गया याद करो रिमेंबर स्मरण और नाम स्मरण नहीं होता नाम स्मरण होता ही नहीं जब तक तुम इसको बात को भूल नहीं जाते इस नाम को जब तक आग नहीं लगा
देते ब तक उस अनामी के पास तुम नहीं पहुंच सकोगे जिसका कोई नाम नहीं क्या नाम रखोगे उसका थोड़ा सा ऊपर झाक के देखो उसकी विराट संरचना देखकर तुम्हें आश्चर्य नहीं होता इसलिए तुम इन मूड मति हों के प्रभाव में आ जाते हो ये ऑटो हिप्नोटिक व्यक्ति हैं यह खुद से ही खुद में प्रभावित हो गए तुमको मार डालेंगे तुम्हारे देह को समाप्त कर देंगे चाबी खोजो याद करो कहां रखी चाबी चाबी का समरण मत करो नहीं आएगी चाबी तुम्हारे पास आज कह ल 100 साल बाद मेरी बातों को सुन लेना चाबी नहीं तुम्हारे पास आने को है तुम्हें ही याद आएगा चाबी कहां
रख याद करना पड़ेगा यू आर टू यू आर टू रिमाइंड नॉट टू रिपीट यू आर टू रिमेंबर याद करना है कहां रखी नॉट टू रिपीट दोहराना नहीं है अभी तो तुम दोहरा रहे हो दोहराने से रिपीटेशन से रिमेंबरिंग में उतर जाओ रिपीटेशन से रिमेंबरिंग में आ जाओ दोहराव से याद में उतर जाओ इसे ही याद कहते हैं श्री कृष्ण [संगीत] गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा मिलने से पहले नकली नाच मत नाचना मिल जाए तो नाच आ जाता है बड़ा सुंदर नाच होगा जब वह मिल जाए देखना जब रिमेंबर हो जाएगा तो कैसे तुम झूम उठते हो वासांसी जरनी यथा विहा नवानी ग्रहणाची
नरो परा तथा श्री राण विहार जीणा अनन्या सति नवानी दे श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा पितु मात स्वामी सखा हमारे पितु मात स्वामी सखा हमारे हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा पितु बात स्वामी सखा हमारे हे नाथ नारायण वासुदेवा पितु मात स्वामी सखा हमारे सखा हमारे सखा हमारे हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
[संगीत] कृष्णा [संगीत] कृष्णा कृष्णा हरे [संगीत] हरे धन्यवाद
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