एक प्रश्न है कि नाद क्या है इसके बारे में बहुत भ्रांति हैं क्या झींगुर की आवाज जो हर वक्त बाहर और अंदर होती रहती हैं यहीं नाद है या वर्ड या बाघेला ही लुट इसी को कहते हैं मैं इसको सुनते रहने से क्या परमात्मा से मिलन हो जाया करते कृपया इसको विस्तारपूर्वक समझाने का कष्ट करें हैं कि डॉक्टर हरविंदर कुमार
को एक कि नाद क्या है अजय को कि यह जो झींगुर की आवाज में जो हर वक्त होती रहती है सन्नाटे जैसी आवाज है के बाहर हीटर हर वक्त हर पल हर घड़ी में हुआ था जो पहली बात है आधे घंटे या भी हो कि यह जो आवास लगातार तो मैं सुनाई पड़ती हैं हुआ है एक ही तुम्हारे पूर्व की हुए प्रयासों का परिणाम है कि कैट अब नाद शुरू ही हो गया है तो बिल्कुल यह नाथ की शुरुआत है मैं निश्चित रूप से यहीं से मार्ग को अब शुरू होता है है उससे पहले के सारे प्रयास मैं मात्र टक्करें ही समझता हूं तो कभी इधर भटक के लिए उधर भटक के लिए कि आदित्य संसार में आ गए आदेश परमात्मा व्याख्याएं हैं आप कभी किसी तरफ होलिए कभी किसी तरफ खोलिए कि नाद सुनाई पड़ता है तो इसे बलपूर्वक सुनने की चेष्ठा न करें सबसे पहला थोड़ा ज्ञान ध्यान से समझेंगे तो समझा जाए काया मैं इसे बलपूर्वक सुनने की चेष्ठा करें यह होता है तो होता है मैं सिर्फ सुनिधि अ कि जैसे मंसूरी की आवास तुम्हारे कानों में पड़ती है कि तुम देखना कि जैसे ही तुमने उस बांसुरी की आवाज को गौर से बलपूर्वक सुनना शुरू किया उसके मिठास खो जाएगा अ हुआ था में से एक प्राकृतिक व्यवस्था है कि नाद शुरू हो गया है है तो इसको चलते रहने दो कि खुद-ब-खुद सुनाई पड़ेगा पढ़ ही रहा है तुम्हारे शब्दों से यह स्पष्ट है एक बड़ी प्यारी आवाज है कि इस आवाज के लिए ही मैं सारे बर्तन क्या करता हूं कि हमारा बोलना चलना कि हमारा प्रवचन करना है हूं कि आपके प्रश्न कि उनका जवाब देना कुल मात्रा उसका उद्देश्य किसी ना किसी तरह तुम जहां तक पहुंच जाओ झाल भीतर और बाहर देखिए बाहर तो तुम्हें सभी को सुनाई पड़े काया कि जैसे-जैसे रात होगी एकांत स्थान पर जाओगे ना यह तो सभी को यह सन्नाटे की आवाज़ सुनाई पड़ेगी कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जिसने रात का सन्नाटा कि उसकी धीमी धीमी आवाज रिंग गिर जैसी आवास न सोनी लिव तो अवश्य ही सबने सुनी होगी और हुआ था लेकिन भीतर की आवाज है कुछ सुनाई देना यह थोड़ा करते हैं ने इतना कठिन भी नहीं है कि तुम इसको शुरू भी ना कर सको तो कि कुछ मंजिलें ऐसे होते हैं हैं जिनकी कठिनाइयों को देखकर कि हम उनकी तरफ चलने से इनकार कर दिया करते हैं कि हमें हौसला हैं मीता कि हम उस रास्ते पर चल पड़े हैं लुट लो है इसीलिए अगर शुरू हो गया है है तो धन्यवाद के हो झाल मैं इसको प्रयासपूर्वक सुनने की चेष्ठा मत करो सबसे पहले आपको यह ताकीद करता हूं अजय को है जैसे ही आप इसको प्रयास सुनने की चेष्ठा करेगी है तैसे ही इसकी माधुरी तक हो जाए कि वह आनंद झूमर स्थिति को जरूर लुट लुट को समाप्त हो जाएगा और से कम होता होता होता होता है है तुम्हारा ध्यान से चाहता जाएगा इस पर है उतना ही एक बार तो जबड़े का या लेकिन फिर यह खो जाएगा लुट सबसे पहली बात है मैं आपको क्वेश्चन ले समझा देता हूं है कि इसको सुनने की चेष्ठा मत करना इस वजह से हो रहा है होने चाहिए को एक यह एक पड़ाव है है और इस पड़ाव के बाद आपको कुछ नहीं करना है हुआ है है इसीलिए हर्ष की बात है कि के आपका करना खत्म हो तो में समाप्त हुई कि आपके यात्रा को पकड़ छोड़ते थे है जैसे मैं बोला था कि आप 10 वीं मंजिल पर खड़े हो कि एक तुम्हारे हाथ में है तुम चलाए चले जाते हो कि यह आठ मैं सड़क पर फेंकना चाहती हूं मैं क्या करूं कि यह दूसरों से पूछे जाती हो कि तुम्हारे पास तो आसपास के लोग खड़े हैं उनसे पूछे जाते हो है कि इंच के नीचे सड़क पर जाएगी कि अ झाला मैं तो तुझसे मालूम है तो वह कहेगा कि के अपनी पकड़ छोड़ दो दिन उंगलियों से तुमने यह नोट पकड़ रखी है उस पकड़ को छोड़ दो ढेला कर दो तुम्हारा काम खत्म हो यह सब कुछ फिर यह तुम्हें नीचे अग्रणी नहीं पड़ेगी मैं इश्वर की प्राकृतिक व्यवस्था लॉ आफ ग्रेविटेशन इस गुट को अपनी तरफ कैसे लेगा और यह नोट सड़क पर स्वत ही चली जाएगी और जी हां यही है कि वह शब्द इलाही कि शुरुआत में हुआ है कि कबीर का एक शब्द है है सोनम अरे कि अय्यप्पा भरे कि अनहद देवी मर जाए ऐ है ऐसे दीना ना सको किस विध कहूं व खाएं और कि कबीर का यह शब्द है कि सदियों तक सालों तक बड़ा उलझाव डालता रहा साधुओं के मन में है झाल है इसका अर्थ क्या है है सोनम अरे सबसे पहले तो आप और सुन हो जाओगे सोना तुम्हें कुछ सूजे गाने अ कि मैं कुछ सुनाई पड़ेगा ऐ मैं कॉलेज ना कुछ दिखाई पड़ेगा तो कि नकुल की आवाज होगी न तुम्हे कोई रास्ता का यह लुट सुन-सुन जैसे डॉक्टर्स फैसियल देकर व्यक्ति के किसी अंग को सुन कर देते हैं से ज्यादा बढ़ाओ प्रेशर हो कि वह तुम्हें बड़ा एनेस्थेसिया दे देते हैं और कठपुतलियां करते हैं तुम्हारे शरीर को है और सुनहरे अजूबा अजूबा हुआ है मैं अजपा अनहद है मैं अजपा है जो तुम्हारे बिना जपें से खुद-ब-खुद जपा जाता है कि वह ओंकार की ढाणी भेजें है जिससे कि इस्लाम आदमी कहता है वैदिक धर्म थे मोस्ट सबसे परिभाषित करता है 16 चरम को एकदम कार शब्द से परिभाषित करता है कि वह अनहद प्रभार यह तो सब कहते हैं झाल कि इन शब्दों को कि आप ध्यान से समझ लेना है कि जिन गुरु की आवाज शुरू होने के पास है कि तुमने कुछ नहीं करना है तुमने सभी कुछ करना छोड़ देना है कि एक पेड़ से पकड़ डिलीवर कर देनी है उसके बाद कि खुद व खुद परमात्मा संभाल लेगा ई मैं तुम्हारा काम खत्म हुआ है कि अल्लाह का काम शुरू हुआ था झाल इसे लिए को भांग वे इलाहाबाद कहते हैं को एक और इसको सुनते रहने से कि यह वर की प्राप्ति हो जाते हैं ब्लुटूथ जैसे आप कह रहे थे कि इट कैसे पहुंचे सड़क तक अ इस समय ने कहा कि टेस्ट के ऊपर की पकड़ को हटा दो अपने हाथों की गिरफ्त को छोड़ दो कैपचरिंग छोड़ दो है इससे अलग हो जाओ कर लेंगे नेस हटा लो है उसको हम शब्द भी कांटेक्ट हैं झाल कि सनातन धर्म ने इसे मोह का नाम दिया है मुझे कल याद किसी ने इसे अट्रैक्शन कहां है झाल कि किसी ने इसे झाल पकड़ कहां है है लेकिन शब्दों के मायाजाल में मत उलझो नहीं और यह जिंक और की आवाज में 119 शुरू हो गई है कि अब तुम्हारा काम खत्म कि इसके बाद काम परमात्मा का स्वरूप और सुनाओ के लिए जो संत पुरुष बोलते हैं है कि जो कुछ करता है वो कोई ईश्वर करता है ए ब्वॉय यहां के बाद की बात बोला करते हैं कि थोड़ा ध्यान से शुभ हो है उससे पहले तो तुम्हें ही करना होता है वह मैं तुम्हें तैयार करने होती है कि भूमि के भीतर हल चलाना होता है का हल चला के उसके भीतर बीज बोना होता है पानी लगाना होता है लेकर अंकुर का टूटना और अंकुर का वोट के उसके भीतर से पौधा निकल आना तुम्हारे बस की बात है हैं जो काम तुमने करना था कर दिया कि जमीन तुमने खोदती ब्रिज तुमने खो दिया का पानी तुमने दे दिया है मैं अब काम है सरकार शुरू हुआ था कि उस बीज को तोड़ने फोड़ने का सारा काम कि परमात्मा का है हालांकि अगर तुम मुझे चाहोगे तुम कहोगे कि अब भीतर से अंकुर भी मैं फोटो बता दूं हम कर को भी मैं ही निकाल दूं तो चौंक जाओगे कि तुम बीच को ही नष्ट करते रहे कि तुम बीज की संभावनाओं को पोटेंशियालिटीज ऑफ सेंट समाप्त करता हूं ओके कि बस अब कोई छेड़छाड़ नहीं करना है यह सब काम धाम छोड़ दो मैं तुम्हारा काम समाप्त हुआ तो समझ लो तुम्हें तुम्हारी मंजिल मिल गई तुम्हारा काम नहीं तक था आज के दिन ध्यान रखना मैंने यह जो बात कही कि तुम्हें तुम्हारी मंजिल मिल गई तो इसका अर्थ यह है कि तुम जितना कर सकते थे उतना कर दिया मंजिल तो अभी नहीं हुई है हुआ था और इस मंजिल को पाने का प्रयास भी मत करना अब कि अब तुम शांतिपूर्वक वर्षा सब कुछ छोड़ छाड़ अपने नित्य कर्म करते रहना है और यह जिंक और की आवाज सुनाई देगी तो चलती रहेगी कुछ सुनाई पड़ती रहेगी सुनते जाना है और भैया ध्यान में रख लेना है कल किसी वक्त चाहिए बंद भी हो सकती है है तो इसको बलपूर्वक लाने का प्रयास भी मत करना और अब तो एक बार शुरू हो गया तो शुरू हो गया है एक अभिशाप आवाज को अगर बंद होती है तो इधर उधर से खेल चुके घसीट-घसीट के फिर से लाने की चेष्टा में संलग्न मत हो जाना तो बस शुरू हो गई तुम्हारा काम खत्म हो झाल अब कि यह कभी बंद हो तो खुशी करने करना फिर अपने से शुरू हो जाएगा तो फिर कभी बंद हो तो फिक्र मत करना अब और फिर शुरू हो जाए तो है लेकिन एक बात सत्य है का समर्थन नहीं है तो बात कि तुमने अपनी चेष्ठा खत्म करते हैं मैं तुम्हारा काम यहां तक था अ लुट है और जान रहा है कि ब्रह्मत्व मत होना है कि बहुत से व्यक्ति कि मेरी इस बात को सुनकर भ्रम में भी पढ़ सकते हैं है क्योंकि मैंने पहले ही बोला था कि जौनपुर की आवास है आप सभी को सुनाई पड़ती है कि थोड़ा सा सन्नाटा हुआ था कि यह आवाज दो अनवरत चल रही है कि जब आप अंतर्यात्रा करनी शुरू कर देते हो तो आप एक कमर है पर पहुंच जाते हो जहां पर तुम्हें भांति-भांति की आवाज सुनाई पड़ती हैं सु मधुर झंकार रिसीव कि वह तो मेरे मस्ती से सराबोर कर दिया करते हैं है अब जो का कारण आपने कहा है कि के नाम खुमारी नानका अ तो सही रहेगा दिन रात लुट हो जो भी स 11 ॐ कार का नाथ अनवरत कि 24 घंटे लुट हर वक्त चलता रहता है तुम्हारे भीतर छुपा हुआ था उसे जान आप कहो ना कहो सबूतों का उलट फेर में कर दो कि पूर्णात् शुरू हो गया वह जाप शुरू हो गया है मैं तो तुम्हें धन लाभ का योग है झालर है इसलिए मैं कहा करता हूं कि के जाप से शुरू तो कर दो है लेकिन जहां यह स्वत से गूंदना शुरू हो जाए वहां यह इस जॉब को छोड़ देना है लुट फिर इसको जपने की चेष्टा में संलग्न मत रह तो फिर इसको सुनने के बीच रिश्ता मत करना अब की सजा सुनाई पड़ेगा को जूम कार के धनी कि यह आवास कोई शंख गद्दार है कि जैसी व्रत सूर्य की अवकाश घोषित किया वास आपको कोई भी आवाज सुनाई पड़ सकती है झाला है लेकिन वह आवाज तो एक ही है अस्तित्व की आवाज कभी बदला नहीं करते हो कि वह आवाज से इलाज है कि वह खुद लाख या बाहर हो है तो फिर उसे जब अजपा जाप शुरू हो जाए अजूबा शब्द से ही तुमने कि शब्दों का अर्थ समझ लिया होगा कि वह जपना नहीं पड़ता उसे अजपा कहते हैं कि जो ध्वनि पैदा होती है वह होता है अत नार्थ है और जो दो चीजों के टकराने मां के बिना ध्वनि पैदा होते हैं स्वत ऐसे ही ध्वनि पैदा होती है उसे कहते हैं अंतत मारता है को अनाहत नाथ एक अलग रंगों में हमारे शास्त्रों में वर्णित किए हैं है और अलग-अलग व्यक्ति इसकी परिभाषा भी अलग अलग कर सकते हैं किसी को शंख सुनाई देगा हुआ थोड़ा सा हल्दी चलेंगे किसी को ओंकार की ध्वनि सुनाई देगी वह अस्तित्व की आवाज इसीलिए सभी धर्मों ने है जैसा सुना था है वैसा ही उन्होंने कह दिया इस्लाम कहता है आदमी कि वैदिक धर्म कहता है वह चाणक्य ओम बराबर कि दुनिया के क्षेत्र में एक कोण कार उनका धुंध बकरी ने कोई शब्द नहीं होता यह आप ध्यान रखिए कि जैसे कि हम हारमोनियम बजाते हैं संगीत संगीत में ध्वनि होती है धनिया दो मैं इसी तरह थे पस्त उयेदा कुछ शब्द नहीं होता धुंध होती और अस्तित्व की ध्वनि को किसी ने आमीन की तरह से किसने ओम की तरह सुनो किसने एक हों कार की तरह सुना इसीलिए अलग-अलग धर्मों ने अलग-अलग भाषाओं में इसको बोल आखर कि असल में यह शब्दात्मक ध्वनि नहीं है यह सिर्फ ध्वनि इसमें देशभक्त नहीं है सिर्फ एक आवाज मधुर संगीत से युक्त मिठास ओरण से परिपूर्ण धुंध को पूरा जब यह शुरू हो जाते हैं तो ध्यान रखना है लुट कि आप प्रभु के क्षेत्र में प्रवेश कर गया है कि जैसे ही विशुद्ध चक्र में व्यक्ति का आगमन होता है उसकी एक लक्षण के उसके भीतर एक अनवरत का रस की धार बहने लगती है कि आनंद की धारा मस्ती की धारा है है जो कि तृप्तिदायक है जो कि बड़ा मजा आता बड़ी आनंददायक अवस्था में व्यक्ति होता है काम भी करता रहे हैं के हाथ-पांव से काम कर चीत निरंजन नाल इश्क तक इसका अर्थ बहुत से लोगों ने समझा इसका अर्थ लोग ऐसे करते हैं कि आप हाथ से काम करते रहो और उचित है वह इससे आपकी स्मरण करते रहो जो भी आपको गुरु ने दिया है नहीं इसका अर्थ यह है कि इसका अर्थ यह है कि आप कोई भी कम करते हो जो भी अपना व्यापार है आपको शिक्षक हैं या किसी भी तरह का आपको व्यापार करते हैं अब मैं इसको अपना काम करो और वह ध्वनि लगातार अनवरत अपने आप तो चलती रहती है आपके भीतर वह दोनों सदा ही गुंजायमान रहती है जब भी आप कि थोड़ा सा ध्यान उतर करोगे आप मशहूर जाओगे आपको वह रस भरी आवाज देखोगे कि वह गूंज रही है हुआ था कि जैसे ही तुम्हें फुर्सत मिलेगी इस संसार के कामों से है है तैसे ही कि तुम देखोगे कि वह सुपारी आवाज गूंज रही है हां यार वह आनंददायक स्वर तो तुम कौन से आता ही पाओगे है यह प्रभु का प्रसाद तुम्हें मिलना शुरू हो गया यह प्रभु का प्रसाद तो जबरदस्त जो संत कहते हैं कि प्रभु का प्रसाद तो हर वक्त वर्ष राज योग होते हो और जब जैसे ही व्यक्ति विशुद्ध चक्र में प्रवेश करता है वह उसके क्षेत्र में प्रवेश कर जाता है परमात्मा की सीमा में प्रवेश कर जाता है है और वह रस की धार से युक्त हो जाता है कि वह अमृतपान करने लग जाता है जैसे ही तुम अपने काम कार से से मुक्त हो गए हो तुम तुम्हारा ध्यान उधर खींचे जाएगा अपने आप तुम्हें लगाना नहीं पड़ेगा हम तो अभी ध्यान रखने की चेष्टा करते हैं कि शुरुआत के लिए तो फिर है है लेकिन यह आपने मंजिल भारी आपकी मंजिल वाले कि मंजिल मैं इसलिए कह रहा हूं कि बिजली आई लेकिन मैं कहता हूं कि आपकी मंजिल आपने पार्टी यानी आप जो कुछ कर सकते थे आपने कर लिया इसके बाद प्रभु करें अ कि जैसे मैंने कहा कि आप 10 वीं मंजिल पर ऊपर खड़े हो आपके हाथ में इंच है और आप चले जाते हो कि मैंने यह नीचे सड़क पर घर आनी है तो मैं क्या करूं में पूछे जाते हो रहा गैरो से और कुछ नहीं करना है आप अ कि संत आपको कहते हैं कि आप पॉइंट से पकड़ डिलीट कर दो कि आप उस पॉइंट को पकड़ना बंद कर दो छोड़ दो उसे इंटर को कि लुटीन काम करेगा प्रकृति की व्यवस्था काम करेगी गुरुत्वाकर्षण गुरुत्वाकर्षण का जोर ग्रेविटेशनल फोर्स उस पॉइंट को अब स्कूल देखिए ऊपर आपको नीचे थोड़ा-थोड़ा आप पर अपनी पकड़ ढीली छोड़ दो उसको मैं उस पॉइंट को छोड़ दो कि इस प्रकार प्रकृति काम करेंगे ग्रैविटेशनल फोर्स को अपनी तरफ खींच लेगी अब काम खत्म हुआ है कि आप अपनी पकड़ ठीक लिखा है कि प्रभु पर छोड़ दूंगी यहां वह सकता है जो सिद्ध पुरुष कहते हैं कि जो नानक कबीर कहते हैं आपके जो करता है इस तरह करता है इसके बाद की अवस्था के बारे में व्याख्यान दे रहे हैं कि विशुद्ध चक्र कि मैं प्रवेश करने के बाद आपको कुछ नहीं करना होता है जो करता है वह ईश्वर ही करता है कि इसके बाद आपने परिश्रम छोड़ देना होता है है अब आप सोच हो जो कुछ भी करना छोड़ दो नित्य कर्म करते रहिए आपकी जो ड्यूटी वह करो नित्य कर्म करो आप कोई जॉब कोई पाठ आप कुछ भी मत करो फोन कोई स्मरण स्मरण कुछ भी ना करो ये सब करना छोड़ दो तो क्या करो आराम से बैठ जाओ आराम करो मेरे हर मुझको वजह अब हरी ने तुम्हें बजाना शुरू कर दिया यह देखो आपको कर रहा है कितनी मीठी मीठी वाणी की आवाज को पुकारते हैं कि यह उसकी आदत हम उसकी आवाज है उसकी पुकार है है कि आ जाओ मेरी शरण में बस छोड़ दो अपने आप को सर्व धर्मान प्रत्यय मार्मिक एवं श्रम प्रकार अब यहां तक आपने छोड़ दिया यह कम करने हम तो आप उपयोग वश लें अब एक अहम मैं तो आम तुझे सर्वोपरि पधारो कि जब कोई व्यक्ति विशुद्ध चक्र पर पहुंचता है तो उसका लक्ष्य होता है है कि वह लुट रस से भर जाता है एक मस्ती का अलोक खुशबू का पलों का आनंद का कि खजाना उसे मिल गया होता है कि वह टपकती हुई रसधार है श्राद्ध से लगातार पीने लगता है है और फिर उसे शांति सामने की आवश्यकता नहीं पड़ती इन शब्दों को ठीक से समझ लेना है कि आज मैं देख रहा हूं सभी तरफ व शांति को सामने की की व्यवस्थाएं हो रहे हैं हुआ था कि मैंने कल भी अपने प्रवचन में बोला था है कि शांति साधना जैसी चीज नहीं है कि यहां से शुरुआत होती है कि जब कोई व्यक्ति विशुद्ध चक्र पर पहुंच जाता है मैं तुझ जैसे जलती हुई आग पर हम पानी डाल देते हैं है तो ज्वाला शांत होनी शुरू हो जाती है हैं और अगर चलती हुई आग पर हम पेट्रोल छिड़क दिया करते हैं तो वहीं और भी प्रभावित हो जाया करती है यदि फिर मान हो जाया करते हैं को और भी ज्यादा आग भड़क जाए करती है मूलाधार अगर उस अग्नि पर है में का कि तुम पेट्रोल छिड़क सकते हो मूल आधार पर तुम अग्नि पर पकड़ ही छोड़ते हो है इसीलिए वास नहीं कभी शांत नहीं होती मूलाधार चक्र है कि वहां पर तुम मैं तुम्हें क्षणों का आनंद तो मिलता है क्षणिक शांति तो मिलती है हैं लेकिन बहुत ही बिल्कुल ऐसी है कि जैसी जलती हुई ज्वाला में पेट्रोल को डालती अच्छा है लेकिन जैसे ही तुम इसके ऊपर उठने शुरु होते हो रिव्यू तक पहुंचते हो तो वहां कविता जगाती है प्यार जाता है प्रेम जगत है मैं प्रेम की खुशबू सुगंधा आनी शुरू हो जाती है फिर आप खूबसूरती चक्कर पर पहुंचते हो विशुद्ध चक्र पर पहुंचते ही मैं आपको अजीब सी मैं आलोक जो इस लोक से परे है पारलौकिक अ और आनंद की अनुभूति होती है हैं जहां आपको ऐसी आवाज़ें सुनाई पड़नी शुरू हो जाएं झींगुर की स्कूल है जैसे हम अंदर मर जाते हैं मैं तो मंदिर में सबसे पहले आपको एक घंटी लगी दिखेगी ऊपर वह शायद मंदिर जाने वाले कभी ना समझ पाते होंगे कि जो घंटी होते कैसे ली है कि मैंने कि एक मंदिर जाने वाले भक्तजन से पूछा कि आप इटली कुकर करते हो है कि हमारे जो आवाज है नई दिल्ली खड़कू फिर प्रभु के दरबार में जाओ परिक्रमा करो फिर प्रभु के दरबार में बजाओ तो मैं कब फिर आखिर तो समझाया होगा है कि बस वैसे ही बूंदों की तरह कहते नहीं ऐसे तो समझाया है कि थोड़ा सा वार्म कर दो कि मैं आ गया हूं कि थोड़ा सा सो जाते हैं देव देव सो जाते हैं आपने देखा देवशयनी ग्यारस आती है हमारे देवता भी सो जाया करते हैं और फिर देवउठनी ग्यारस भी होती है कि देवशयनी ग्यारस में होती है एकादशी देवउठनी एकादशी होती है है तो देव सौंफ बचाए करते हैं तो टेलर खड़कू प्यार गया हूं जागो कि कुछ कहने आया हूं कुछ सुनने आया हूं फरमान कुछ बताने आया हूं में कुछ बताने आया हूं रोक कुछ पूछने आया हूं दवा कि दिल-ए-नादां मैं तुझे हुआ क्या है कि दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है आखिर इस दर्द की दवा क्या है कि दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है आखिर इस दर्द की दवा क्या है कि हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार या इलाही यह माजरा क्या है कि मैं भी मुंह में जो बांध रखता हूं मैं भी मुंह में जुबान रखता हूं काश पूछो कि मुद्दा क्या है यह तो तुम जानते हो घंटी बजाते हो तो भक्तजन कहते हैं कि हम ईश्वर को आगाह करते थे देव को जगाते हैं बजाओ कि जब हम आ गए हैं का मायरा पूछने आए इस दर्द की दवा पूछने आए हैं आप कुछ बताने आए हैं कि कुछ पूछने आए बताने आए है कि दर्द है और पूछने आए हैं आखिर इस दर्द की दवा क्या है का मूल आधार पर कि आज तो होते हैं लेकिन पेट्रोल छिड़क रहते हो आप उसको ब्लॉक इसलिए मैं कहता हूं झाल के वासनाएं अतृप्त रह जाती हैं कि एक जन्म है मैं निकल ही एक प्रवचन में बोला था गांव के वाशिंदों को पूर्णत्या घर जाने दो ओ कि अगर भूख से न गिरे हैं कि अगर भोग से ना करें है तो त्याग से तो करने वाली नहीं कि यह तो पक्का है ए फैन भोग से वैराग्य का जन्म हो जाए बहुत सुपर है लेकिन तथाकथित त्याग से वैराग्य का जन्म हो जाए तो इज्जत कम पानी 50 डिग्री या तो पानी को डिग्री पहले आओ तो बस एक छुटकारा है पानी को सरलता से छुटकारा तभी मिलता है जब पानी से डिग्री पर उबल जाया करता है और वह भावप्रवण जाया करता है और पॉइंट जाए उसके पंख लग जाएगा करते थे 21 अ अच्छा तो तुम जैसे ही पहुंचोगे कि मूलाधार से यात्रा करते-करते हृदय पर फिर कंठ पर आ जाओगे के निर्देश पर तुम्हारे भीतर प्रेम जगेगा कविता जगह की है 11 अभी लोग बड़े प्रेमी होते हैं भीतर से बड़े कुमरावत है का प्रेमी ही कहूंगा को मूर्ख बना कर पाऊंगा क्योंकि बात तो कुछ मृत कि हेलो हाउ आर यू है लेकिन होते प्रेमी प्रेम में मूर्खता भी क्षमता होती मूर्खता थी क्षमा कर दी जाती है अगर प्रेम से की जाए तो वो कहते हैं प्रेम और युद्ध में और सब कुछ ठीक है सब कुछ ठीक होता है प्रेम ने भी और युद्ध है जैसे ही आप पहुंचोगे यह पिक शुद्ध करता है हुआ है है वैसे ही आपको एक अलौकिक आनंद की अनुभूति होगी ऐसी आवाजें सुनने शुरू होगी शंख की आवाज सुनने होगी यह घर यार घंटे की जो आवाज है यह उस चीज की प्रार्थना के लिए लगाई गई थी यह पौराणिक व्यवस्था एक पौराणिक सिंबॉलिक रिप्रेजेंटेशन एक यह प्रतिबंधात्मक चिन्ह के प्रमुख हमारे भीतर भी इस तरह की कि अनाहत आवास जगादे मां कि यह प्रभु से प्रार्थना की गई है कि जब जाते हैं तो प्रार्थना साथ लेकर जाते अब से पहले घंटा मार्ग यह बताने नहीं करते कि आ गया उठो जागो जागो ही हुआ है कभी सोया जिसके पास गए हो वह अभी सो रहा है के हाथों की कॉमेडी अभय कि अवेयरनेस टोटली आधार अ कि परमात्मा कि जागृति परिपूर्ण जागृति का दूसरा नाम है लुट लेकिन यह घंटा कि एक प्रतीकात्मक कोई चिन्ह की तरह लगा दिया गया था एकदम मांग की तरह लगा दिया गया था कि प्रभु के दरबार में जो प्रवेश करो है तो यह विशुद्ध चक्र की तरह बस अब आप उसके दायरे में प्रवेश कर गए हैं तो मैंने कहा था कि उसके शरीर में सेंटर में परमात्मा है आपने मूर्ति भी बिल्कुल सेंटर में लगाइए यह प्रतीक चिन्ह है लेकिन सफीर पर परिधि में यह घंटा लगा घंटे को हमें बजाना होता है दलों को खड़काना होता है उसकी आवाज वैसे तो इसी तरह की आवाज बिल्कुल भीतर भी कभी-कभी सुनाई पड़ती लगातार जो झींगुर की आवाज आप सोने जा रहे हो मस्त हो जा रहे हो यह क्रश की धार बह गई है सहसा से लगातार दिन भर रात जैसे ही तुम जागोगे वैसे ही तुम पाओगे कि तुम्हारे बाहर और भीतर दोनों तरफ कि के आवास बड़ी टीम प्रत्याशी को ही इसकी तीव्रता कम होने को ही नहीं और इसमें खोजे जा रहे हैं मैं इसमें आप लुप्त हुए चार हुए इसको दूसरे चाहते हो उसके बाद व्यक्ति को नशे की जरूरत नहीं पड़ती है कि गैर परम नशे की परिधि में प्रवेश कर गए हैं कि यदि फिल्मों से थोड़ी दूर हो फूलों के साथ बिल्कुल नासिका छिद्र भड़ाई ने आपने लेकिन उस उपवन में आपने प्रवेश पा लिया है जिसमें यह फूल लगे है विशुद्ध रूप में प्रवेश का यही एकमात्र अर्थ है यह स्वागतम आपके लिए ईश्वर के दरबार में कि इन ध्वनियों के द्वारा आपका स्वागत किया जाता है कि मेरी दरबार में में आपका स्वागत है अ quora को बड़ा आश्चर्य हुआ होता है में ही कैसी आवास जो मदमस्त किए जा रहे हैं कि प्रदेश में चला जाता हूं और मस्त हो जाता हूं बिना पिए जाता हूं बिना पिए मस्त हो जाता पीने से उखड़ा-उखड़ा सा लड़खड़ाता हुआ यह क्या हुआ जा रहा है या इलाही यह माजरा हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार या इलाही यह माजरा है कि मैं भी मुंह में जुबान रखता हूं ए काश पूछो कि मुद्दा खड़ा है लेकिन उल्टा बताने वाला अभी तक वहां होता है तुम पूरे खून है गए होते हैं है इसलिए इस आवाज को लगातार सुनते हैं कि जब जब भी तुम्हें को फुर्सत मिले वेल जब भी मिलिए कमा तो मैं तेरे मुख देखता रहता हूं ई विल जॉब मिली सेवर साथ तेरे मुख्य दल तथा अब मैं जैसे ही आप अपने वर्षों से नफरत हो जाओ सांसारिक कर्तव्यों से आपने परतुं जाओ आप पाओगे कि रुकी नहीं यह कभी नहीं होगी के जन्म के वक्त से भी शुरू थी यदि आपने की तरफ कोई खेलना किया था है कि चक्र आपके जा गिरा थी आज पहली बार कर चुके हैं तो यह आवाज आपको सुनाई पड़ेगी और यह आवाज एक बड़ी मस्ती पर कॉल करें में बहुत आनंद देखिए आपको आलोक और परम शांति से भरपूर इसीलिए मैं कहता हूं शांति को सामने की कोई जरूरत नहीं है यह स्वस्थ्य पैदा हुई शांति है कि यह पैदाइश है है या आपकी थोपना नहीं है आपके अभ्यास के दौरान आई हुई शांति नहीं है हुआ है ऑन करो है जैसे स्त्री का आत्मक चिन्ह बनाए गए थे ना है वैसे ही आपको समझाने के लिए चक्रों की व्यवस्था बनाई गई है और इनके लक्षण बताए गए हैं इलेक्शन बिल्कुल सही हम स्टेप लगाते हैं हम इन पर मोहर लगाते हैं कि जैसे ही आपको यह आवाज में शुरू होगी आप अपने वश में ना रह पाओगे और बार-बार मन उधर खींचे जाएगा है इससे पहला बैक वह घर आएगा आ का पहला शराब का पैक वह घर आएगा जैसे ही आप उसके दायरे में प्रवेश करोगे तो कि पहले मनुष्य शराब को क्लिक करें फिर शराब मनुष्य को प्रति और जैसे का पहला पेग उसने करा दिया उसने आवाजें इतनी मधुर संगीत की आवाजें तुम आतम विश्व हो जाओगे हो संतों की आवाज में अगर आपको यह रस दिखाई ना पड़े तो समझ लेना कब वह संत नहीं है एक वक्ता है वाशिंग करता है है कि आपको पहचान बता रहा है कि संत नगर बोलता हो और उसकी वाणी में मधुरता और शांति की शिथिलता आपको न मिलती हो तो शांति सामने की कोई आवश्यकता नहीं तो फिर उसके पास व्यक्ति कितना बैठ एक बराबर है अब कोई फायदा नहीं है एक सच्चे संत की शरण में पैठ मेरे विशेषता तो यही लक्षण है एक सच्चे संत की शरण में ए बैठ मिले विश्राम है जैसे ही आप कि अ कि इच्छा होगी उसकी शरण में बैठने की वैसे ही आप पाओगे के तैयार न मस्ती का आपके ऊपर बरस गया था यह हलवा आपको शीतलता प्रदान करेगा और वह है असली शांति शादी हुई नहीं पैदा हुए थे में उपजी हुई है कि जो भीतर से आए तुम्हारे मूल उद्गम से प्रवेश की उठी थी मैं तुम्हारे केंद्र बिंदु से उठी सेंटर से उठी सफी अरब की परिधि सरकारी और जैसे ही आपने उस परिधि में प्रवेश किया जैसे ही आपने उस उपवन के दरवाजे के भीतर प्रवेश किया आपकी नासापुट सुमनों से वर्षाें से कि आप उस अ आनंद माहौल में प्रवेश हुए कि अ कि आपने उस बगीचे में प्रवेश कर लिया है कि यह पहचान है है लेकिन यह रुख मत जाना है में बहुत की कशिश आएगी बाहर गणित कैसे पीते हैं इसे सुनते ही रहे है लेकिन लोकमत चैनल फोन कहां है और भी हैं अभी-अभी रिलीज किया जाएगा चक्र है और आज्ञाचक्र से आगे सहस्र और यदि आपका लक्ष्य विंदू ए पैक आफ नो रिटर्न अब आधे आपने प्रवेश पा लिया कि इस उपवन में प्रवेश पा लिया है मैं नाश्ता लुटेरे की सुगंध से सुरेंद्र धीमान हो गई है में एक लहर आती हवाओं ने कि आपके मन को बांध दिया है हुआ है जाएगा आपका मन वहां ठहरेगा आपके प्रयासों से ठहराने की चेष्टा मत करना वहां फतेह शीघ्र है थेरेसा आश्चर्य चकित आश्चर्य के भाव सीरवी जब ऐसी ही सुनोगे तो आश्चर्य चकित हो जाओगे कि आप सब्सक्राइब नहीं कोई चीज टकरा रहे ने फिर यह आवाज कहां से आ रहा है जो इतनी सफलता प्रदान करें यह लगातार झींगुर यह लगातार ओंकार की युद्ध हमारे मूल स्रोत से उठती हुई यह आवाज कहां है कि जो क्यों मुझे डिवाइस जाती है अपने भीतर यह क्यों मुझे खींचे से ले जाती हैं और तुम कहते ही चले जाना तुम कहीं अतुल इतना यहां से सिद्धियों का क्षेत्र भी शुरू होता है का ज्ञान रखना है मैं होशियार रहना है के प्रलोभन में भी फंस सकते हो ये सिद्धियां भी आपको लालच में फंसा सकती हैं तो वाक्सिद्धि भी आपको मिल सकती है इसीलिए इसका प्रवेश कंठ द्वारा बताया गया कि कि यह एक एक प्रतीकात्मक कोई चिन्ह था हां आपको बताने के लिए कि आप जो बोलोगे वह सत्य हो जाएगा है इसलिए मैंने कहा कि पतंजली नहीं जो सत्य अहिंसा अस्तेय ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह की बात की शुरुआत में आप शासक थे लेकिन यहां आकर आपको सोचना पड़ेगा यहां सदी ही जाती वहां सत्य बोलना पड़ेगा यहां जो बोलोगे सकते हो जाएगा इन दोनों में फर्क समझ लेना है हुआ था मैं यहां पतंजली का सत यहां से शुरू होता है कि आपको परिश्रम से सत्य बोलने की शुरुआत करनी पड़ेगी फैंस खोज के लाना पड़ेगा सख्त तो बोलना पड़ेगा तो प्रयास करना पड़ेगा तो ढूंढना पड़ेगा क्या है सत्य सत्य बोलना पड़ेगा यहां यह डिश रख सकते का यह शुरू करते हैं युधिष्ठिर के सकते हैं कि हरिश्चंद्र के शक्तिपीठ सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र सत्यवादी हिखोज डिशनरी एप कि यह सत्य साधना पड़ता है कि वहां भारत में किसी ने कहा विदेश से के झूठ बोल तो हम जीत जाएंगे जन्म नहीं मानना है लेकिन झूठ बुलवा लिया गया कि युधिष्ठिर ने झूठ बोला और वह जंग जीत गए कि युधिष्ठिर अगर झूठ नहीं बोलते तो जंग कभी ना जीता जाता है है लेकिन कृष्ण ने युधिष्ठिर से झूठ भरवा लिया मैं तुम्हारे झूठ तो मैं तुम्हारे सत्य और झूठ उसमें कोई फर्क नहीं जब चाहे पाला बदल लेते हैं राजनीतिज्ञों की तरह कि युधिष्ठिर का सत्य की जूठी था क्योंकि सधा हुआ था है इसीलिए क्वेश्चन नहीं उसे झूठ में बदल दिया यह कहने वाली है उससे के हाथों अश्वत्थामा गया है कि वह नरा है तो सादा हुआ सकते थे पूजा हुआ सत्य नहीं है है लेकिन कृष्ण बड़े होशियार होते हैं कि वह जानते हैं आपके स्थल पर खड़े हैं और उसने रिक्वेस्ट से करवा लिया कि उसकी शर्तें पूरी कर दी थी के हाथी का नाम अश्वत्थामा रख दिया है कि भीम ने प्रहार किया गला का वह मर गया और हथ वश में थम कि गजब किन्नरों आदमी था कि जाति प् कि दोनों में से कोई सुथार है लेकिन झूठ बोल गया तू कितना ही सत्यवादी था झूठ बोल गया को क्यों क्योंकि अजवाइन आरोप जब कहा तो धीमी आवाज में कहा अथो अश्वत्थामा जब कहा तो बड़ी ऊंची आवाज में का यही सेवई मनी छलक गई तो मन में है कि यह तो अश्वत्थामा बड़ी ऊंची आवाज में बोला है क्योंकि द्रोणाचार्य दूर करें और गवर्नरों ने धीमी आवाज में बोल रहा है तो खूब बवाल कर देंगे ढोल नगाड़े की आवाज और निर्णय से यही आवाज पहुंचेगी तो अश्वत्थामा है ने अश्वत्थामा मारा गया था है और यह ठीक भी था लेकिन ठीक नहीं था क्योंकि हाथी मरा है ने अश्वत्थामा तो जीवित है अश्वत्थामा को द्रोणाचार्य ने खुद को को अमरता का वरदान दिया था और उसकी बुद्धि ने वहां काम नहीं किया कि कैसे मर सकता है वह जब मैंने उसे वरदान दिया था कि जब मैंने उसे अमरता का वरदान दिया है तो वह मर कैसे सकता है है लेकिन ब्रॉन्जर भूल गए हैं ने अपने पुत्र मोह में यह खबर सुनकर उन्होंने हथियार त्याग दिए और रक्त से नीचे आकर बैठ कर दो हुआ था और उसके गर्दन उड़ा दी गई है कि दृष्ट दुश्मन ने अपनी तलवार से उसके घर तक काटती है का अंत हुआ एक योद्धा का अ कि एक झूठ के द्वारा टेक्नो कृष्ण की दृष्टि में यह झूठ ना था श्री कृष्ण की दृष्टि में यह सत्य है लुट अभी आप नहीं समझ पाओगे ओ श्री कृष्ण झूठ नहीं बोल रहे थे कृष्ण शब्द बोल रहे थे मैं अपनी थिस है लेकिन युधिष्ठिर के मन में कहीं ना कहीं यह बात छुपी रह गई कि मैंने झूठ बोल दिया था है क्योंकि वह सधा हुआ स्थित पतंजलि का सत्य अहिंसा अस्तेय ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यह पांच चीजें आपने सामने से शुरू करनी होगी और यह सिद्ध हो जाएंगे विशुद्ध चक्र है कि यहां संभल जाना मैं आपको पलट कर रहा हूं सावधान कि यहां आपको सत्य बोला नहीं पड़ेगा ध्यान से समझा मेरी बात को कि यहां जो बोलोगे सकते हो जाएगा यह बात देखने में एक सी लगती हैं लेकिन इनके अर्थ बिलकुल विपरीत है यह प्राणी वाचक शब्द नहीं है कि यह विपरीतार्थक शब्द है कि यह सत्य साधना नहीं पड़ता यहां जो बोलोगे सकते हो जाएगा है ऐसे ही और भी बहुत सी सेतिया आएंगे लेकिन अप्रभावी बने रहना है के प्रधान इधर-उधर भटकने मत इन इन आवाजों में कोई रखना अपने आपको इन का रसपान करते हुए सदा ही मगन रहते हुए चलते रहना अपनी दिशा में हाथ पाओं से काम कर चितरंजन आर यू के हाथ-पांव से काम करते रहे हैं हुआ था अपने रोजमर्रा के काम करते रहना उनको छोड़ने की आवश्यकता नहीं है को चीरते नरेंद्रनाथ वह आपको लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगा तो लग ही जाएगा प्रवासी आवाज़ उठाएंगे है तो भला किसको सोचता है चित्र जाएगा इन्हें किसी तरफ मुड़े करने का सवाल ही नहीं पैदा होता आपको कर 12 कर यहां लाना नहीं पड़ेगा चित्र को खुद-ब-खुद यहां पर आपका यह आवाज यह इतनी मीठी और रसपूर्ण है मैं आपको कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा ना कि पीना प्रयास कि आप वहां सदा ही खिंचे चले जाओगे तो कि रेल जब भी मिलिए फरजान तो तेरे मुख दिखता प्ले बैठक लेकिन देखो अब काम भी करते रहोगे लेकिन यह शब्द थोड़े अधूरे कह दी वह शराब पीने वाला व्यक्ति था शिव बटालवी यह सब ली थी लेकिन अश्लील ह कि जब उतर जाती फिर पी लेता हूं को लेकर मैं उसकी बात नहीं कर रहा हूं मैं सिर्फ इशारा कर रहा हूं इन शब्दों से वहां तो नहीं उतरती है जब एक बार चढ़ गई चढ़ गई कि चेन नशे जहां देव उतर जान प्रभात नाम खुमारी नानका चढ़ी रहे दिन डालकर यह है कि हमारी अ कि यहां से शुरू होता है कि शुरुआत हो गई थी झाल अब देखो जहां से शुरुआत हो गई झींगुरों की आवाज आ रही है ढोलक की आवाज की नीतियों के स्वास्थ्य कोयल की आवाज मृगनका की आवाज कंठों की आवास ओंकार किया वास चेक्ड ओं कार कुछ कहना नहीं है को सुनना है आपके भीतर से आ रहा है अस्तित्व की आवाज है लगातार गूंजेगा हर पल हर घड़ी सोते-जगते चलते-फिरते काम करते बस में सफर कर रहे हो लेकिन यह गाड़ी में सफर करेंगे जहाज में सफर कर रहे हो व्हाट्सएप पे कि सोना रहे हो तो भैया बस चल रही है एक बड़ा छुपा है पहली बार आपको अजूबा है कुछ सुनाई पड़ता है पहली बार आप सच में अश्चर्य चकित होते हो एक शब्द झालं जी सब्सक्राइब टो कि उंगली देव इलैंट्रीन माय गॉड थे किंग्डम हुई इनोसेंट जस्ट लाइक ऐसा ऐड है लेकिन इसमें कुछ और भी गहरे अर्थ इच्छुक अब सिर्फ वही मेरी कि प्रभु की परिधि में प्रवेश कर पाएंगे क्षेत्र में प्रवेश कर पाएंगे जो कि बच्चों के समान मासूम हृदय वाले होंगे अ कि मैं ओन्ली देव इलैंट्रीन माइ गॉड थे किंग्डम हुई लिपि इनोसेंट जस्ट लाइक ए चाइल्ड एक बच्चे के करे जो मासूम हो गई लेकिन एक शब्द में और जोड़ दो तो लुट अगर मासूमियत से ईश्वर मिलता होता तो बच्चा है कि सिद्ध ही पैदा होता अज्ञानी पैदा ना होता सभी बच्चे ज्ञानी पैदा होते हैं अगर सिर्फ मासूमियत ही कसोटी होती ओनली देवल एंट्री इन वाइकोप कोर्स किंग्डम यू विल बे इनोसेंट जस्ट लाइक ए चाइल्ड ई कि अगर यही होता पैमाना मापदंड तो सभी बच्चे ज्ञानी होकर पैदा होते कोई अज्ञानी पैदा होता लेकिन इसके अलावा भी कुछ मापदंड है कि एक मापदंड है आश्चर्य आपको जानकर सुनकर हैरानी होगी कभी किसी ने बोला ही नहीं नहीं कि हां आप बच्चों की तरह मासूम ही नहीं हो गए बच्चों की तरह आश्चर्य चकित रह जाओगे तो झाल कि सर प्राइस कि दुबई सरप्राइस कि वेंडरिंग कि इन द सेल्फ ईयर आफ इक्वल कि परमात्मा की परिधि में प्रवेश पाते ही आपकी आंख यह जाएंगे उस आश्चर्य उदयवीर वह इस अजूबे को देख कर यह क्या है कि यह तीन दो चीजों के टकराया वास कहां से और फिर इतनी सुंदर सुंदर कि आशिकी कोई भी बिना अ है उतनी सुंदर झंकृत ना हो पाएगी जितनी सुंदर घी से वीणा झंकृत होती है अभी तक कि जो बिना किसी आ अत अनाहत अनाहत कि यह जो होती है वीणा झंकृत वह आपकी कोई भी इस वाद्ययंत्र पैदा ना कर सकेगा ऐसा संगीत ऐसी स्वरलहरी जो बाहर कि मैं प्रवेश ने कहा था कि संगीत परमात्मा तक पहुंचने का एक अंग है लेकिन संगीत परमात्मा तक पहुंचने का एक ढंग है यहां तक लाने का एक अगर आप यहां पहुंचा तो फिर सवार का संगीत छोड़ दो लुट आज शूट की जाएगा संगीत छोड़ना ही पड़ेगा वाद्ययंत्र फेकने पढेंगे ही क्योंकि कौन कि ऐसा बेसुरा संगीत सुनने को राजी होगा जब उदय हुआ ताल से संगी आपके भीतर चल रहा है यह सूर्य संगीत है एक सधा हुआ संगीत निरंतर कि हर भक्त सोते-जगते चलते-फिरते कोई भी काम करते थे तभी तो कहा के हाथों से काम कर चीरवा और हम यह सोचते हैं कि परमात्मा व्याख्या करते रहते हैं राम राम दुग्ध हम अपने काम किए जाते हैं नहीं ऐसा थोड़ी ना है कि असल में प्रवेश करने की यह 1 इंच गो फॉर मुद्रा लिख दिया यह प्यास नहीं बुझ का यह सिर्फ आप को समझाने के लिए प्रतीक है हुआ था असल तो प्रवेश करोगे आप इस चक्कर में तब आप आश्चर्यचकित होकर देखो के किनारे मुझे जपने की व्याख्या यह तो खुद ही चल रहा है है और फिर शायद आपके जो अपने में तो बिल्कुल भी रचना आता हूं आपने देखा जब यह संत पुरुष बोलते हैं तो आपको नींद आनी शुरू हो जाती है लुट कि जब भाषणकर्ता बोलते हैं तो आपको नींद आनी शुरू हो जाती है झाल बोरिंग होता है तो कभी नेतागण को बोलते हुए देखा है कि मैंने सुना है कि नेता बोल रहा था था और ऐसा भी स्वभाव बोल रहा था ना कि के करके सारी भीड़ तिरोहित हो गए हाय को बड़े शॉप से थे कि पता नहीं क्या बोल रहे हो हुआ था लेकिन जब सुना बेसुरा कोई के करके उठने लगे और सारी भीड़ तो रोहित हो गए हैं कि दो व्यक्ति बैठे रहे हो कि मुझे अभिनेता ने अपनी बकवास करके अपना भाषण समाप्त किया तो नीचे उतर के उन दो व्यक्तियों को स्वास्थय के कहने लगा शाहबाद है कि तुम हो मेरे भाषण की सही कदर करने वाले तुम्हें समझाया मैं क्या बोल रहा था ना तो सही कद्र ही तुमने डाली मेरे भाई क्षणिक है तो सही सुनने का मजा ही तो में आया मेरा वॉइस भाषण तभी तो बैठे रहे बाकी सभी उठकर चले गए तो मैं बोला तो बहुत अच्छा सभी कहते हैं बोला तो बहुत अच्छा यह भ्रम है तो उस नेता की तरह कि अगर भूलने में मिठास और प्यार और वह मस्ती नहीं जरूर नहीं तो बोलना बोलना कहेगा अबे यह करते हुए नेताओं को कि आप ईश्वरीय वाणी को बाहर प्रोडक्ट कर ही नहीं पाते क्योंकि वहां तक पहुंच ही नहीं पाता है कि वहां पहुंचोगे तो प्रोडक्ट कर पाओगे तो नेता ने उसे शाबाशी दी है कि पेशाब बश कि आप वह Vaseline अधीन मेरे भाषण वह जो दो व्यक्ति वह बैठे थे कहते नेताजी करना कि हम तो कब से इंतजार कर रहे थे कि आप पाचन को समाप्त करें हमने दरिया इकट्ठी करनी हैं हम तो टैंट पर मुलाजिम रखे हुए हैं हैं तो आपके जो बैठ जाए करते हैं भाषण सुनने के लिए वह आपके टेंट पर मुलाजिम लगे हुआ करते हैं तो आप टेस्ट क्रिकेट के लायक करते हो और कोई नहीं सुनता कौन सुनता है इसका का को कि अरे कोयल की कूहू इसके सोनी कि मैं कोई सुबह सूर्य कहां-कहां को कौन सुनेगा कोई नहीं सुना दो कि के जॉब वास ए कि यहां से शुरू होती है मधुर वाणी की आवाज उस परमात्मा की वाणी उस देववाणी की शुरुआत यहीं से होती है यह देववाणी की शुरुआत इस क्षेत्र में प्रवेश करता जो तुम बोलोगे वह सकते हैं तो फिर से समझ लेना कि दोनों सकते में फर्क है वह तुम सत्य बोलोगे वह यह जो बोलोगे वह सकते हैं कि वह तुम चोरी करने से अपने आपको रोक होंगे यहां तुम चोरी कर ही नहीं पाओगे कि वह तो में हिंसा करने से अपने आपको रोक पाओगे यहां हिंसा कर ही नहीं पाओगे ओ झाल कि साधु ब्रह्मविचार वहां साथ दोगे यहां साथ ही जाएगा जैसा आचरण ब्रह्म बिल्कुल तुम्हारा आश्रम वैसा ही है वो मस्ती भरे आनंद से से और वैभवशाली आनंद से भरे हुए सम्राट ने ब्रह्मा से ही तो कहते हैं कि ब्रह्म जैसा आचरण करोगे तो और अपरिग्रह जोड़ने की क्या जरूरत है यह सब कुछ तुम्हारा है कि एवरी थिंग इज यूअर आप सभी के मारो तुम जब तुमने देख लिया कि मेरे अतिरिक्त और कुछ नहीं सारा माल मेरा तो फिर तुम मालिक ही जब तुम हुए तो जोड़ों काहे को हूं कभी तुमने अपने ही किसी कृपया चौरासी रखा है मैं अपनी ही जीव कृपया तुमने कभी छुड़ाया जप तप में विघ्न विघ्न आ हूं कभी तुमने अपने ही घर में जो चीज पढ़ी है उसका पर ग्रह किया तुम्हारी यह तुमने ग्रह करोगे नियुक्त किया जाता है तो तुम्हारी बहन है है इसलिए अपरिग्रह तुम्हें साधना नहीं पड़ेगा अब ये सभी चीजें तुम्हारी है तुम मालिक को इसीलिए सभी प्रयोग रहित हैं तुम्हारी हैं तुम्हारी ही संपत्ति है तो मैं यह करना नहीं पड़ेगा वह आलरेडी भरे तुम्हारी तुम ही हो है तो साधना नहीं पड़ेगा आ आ है तो जो पातंजलि कहते हैं सामने से शुरू करो ठीक कहते हैं कि जब मूर्ति पूजा से कहते हैं ठीक कहते हैं लेकिन पहुंचेंगे इस स्थान पर उसके क्षेत्र में प्रवेश कर लिया तब का यह जो बच्चे खेलते हैं कि जो बच्चे बंटे खेलते हैं जब बड़े हो जाते हैं तो क्या आप जॉब में रखा करते उनको कृषकों में आप भर के रखा करते हो नहीं बड़े होते-होते आप उनको फेंक दिया करते हो फिर है जो हाथों को अपने मन में रखा करते हो कि उनके कशिश पैदा होते रहती है है लेकिन तब तक हीरो की कशिश आपको लुभाए मान करती रहती है जब तक तुम्हें अश्लील और हीरो का पता नहीं चलता जहां आकर तुम्हारे वह हीरे भी इफेक्ट जाया करते हैं कि यहां आकर तुम इन सांसारिक हीरों को भी त्याग दोगे या नहीं दोगे वह हाथ से छूट जाएंगे क्योंकि तुम्हें पता चल जाएगा कि यह हीरे ही नहीं वहीं कंकड़ पत्थरों की प्रतिरूप है यह दूसरा रूप है 16 बदल दी गई है रूप बदल दिया गया है तो मिट्टी का ढेला है झाल यह साधना नहीं पड़ेगा ऐ में सदा सदा सा मिल जाएगा तुम्हें के पास प्रवेश कर जाओ इसके राज्य में और आश्चर्य चकित हो जाओगे आपने देखा बच्चों को बच्चों को छोटा सा कहा कि दे दो बड़ा आश्चर्य से देख लो उसके ऊपर हाथ मरेगा उसको का यह क्या है उसके लिए उपाय है झाल आपको वर्गों की लाटरी निकल जाए आप इतने खुश होकर हंसना पाओगे जितना बच्चा खुशी से ठहाके लगाकर हंसने का कि आपका सिकंदर कभी ऐसा ना हंस पाएगा जैसा छोटा बच्चा से छोटे बच्चे की हंसी को शुद्ध होती है बिना किसी कारण के होती है अकारण होती है कि उसके पास कुछ नहीं होता कोई बैंक बैलेंस नहीं होता है कि कोई जमीन की मिल्कियत नहीं होती कोई क्वालिफिकेशन नहीं होती कि कोई वैल्यू नहीं होता कोई वह दिए हैं होती हैं कोई विद्या नहीं होती कोई अलंकार नहीं होता कोई अलंकृत वस्तुएं नहीं होती हैं कि कोई सर्टिफिकेट नहीं होता है कि कोई जायदाद नहीं होती कोई जमीन नहीं होती लेकिन फिर भी हंसता है सिकंदरों को मात दे दिया करता है यहां आगे वह हंसी उठेगी हैं तो सावधान रहना है के लालच भी बहुत आएंगे तब तुम्हारा कहा सत्य हो जाएगा तो लोग तुम्हारे पीछे प्रेम है फिर कुछ तो बोलो है अत बोला था की कोशिश यार यार जाने के लिए रास्ता ठगों का है है क्या जरा नजर जो कि तो माल दोस्तों का है तो फिर वही बात है कि दोहराई चला जाता हूं यहां सच में होशियार रहना पड़ेगा ऐ है क्योंकि लोग छीन के ले जाएंगे लोग तुम्हारी मेहनत करेंगे लोग तुम्हारे पांव पढेंगे कि कुछ तो बोलो है लेकिन नहीं शांत रहना कि यह लुटेरे है तुम्हारे आस-पास यह छीन के ले जाएंगे यह व्यवहार से कुछ दिखाई नापने का लेकिन इन लुटेरों को पता है कि तुम्हारे पास क्या है यह जानते हैं यह तुमसे बुलवा लेंगे मत बोलिए यह सिद्धियां में उलझाने से उठा करें लेकिन उलझा मत अगर उगे तो यात्रा बड़ी मुश्किल हो जाएगी फिर गुरु कुछ न कर पाया हो कि गुरु बेबस हो जाएगा अगर तुमने लोभ चूम लिया है है तो मैं कहता हूं कि होशियार है कि यहां जागना अवेअरनेस कि जैसे-जैसे आप मुझे स्तरों पर जाते जाओगे ज्यादा अवेअरनेस की जरूरत पड़ती जाएगी जैसे-जैसे आप माउंटेन पिछड़ती जाओगे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी आपने कभी देखा कि के एवरेस्ट के ऊपर ऑक्सीजन की जगह जरूर पढ़ा करती है एक बाउल सीजन के गैस सिलेंडर साथ रीजन है पढ़ा करते हैं क्योंकि ऑक्सीजन बहुत कम हुआ करती है एवरेस्ट की जो आखिरी चोटी है वह 8868 कि मीटर ऊंची है ये देखिए कितनी अच्छी है कि वहां पर ऑक्सीजन नाम मात्र को है कि बिना ऑक्सीजन के जाओगे तो हर जगह बसने को कोई संभावना नहीं खींच रहती है यहां भी अगर उड़ जाओगे वो मान में सलमान में खेती में लोगों में प्रयोग में किसी भी चीज में बहुत कुछ आकर गिरे का आपको लेकिन सावधान हो झाल अर्जुन के चिड़ियां के हां हां के अंडे के भीतर रेटिना के ऊपर अपने कंशंटेशन को जमाए रखना लक्ष्य की तरह है यह सूख मत जाना लक्ष्य के ऊपर बिल्कुल सीधा चले जाना है कि यहां जरा नजर सूखी तो माल दोस्तों का हैं देखना संभलकर चलना यहां जरूरत पड़ेगी अभी अंश कि अ एक बड़ी से बड़ी अवेयरनेस की जरूरत यहां पर आती है क्योंकि यहां चुके अगर आगे चलकर तक पहुंचे है तो वहां तो गुरु संभाल भी लेगा यहां गुरु भी ना संभाल पाएगा तो हुआ था कि अगर आपने कि इन सब चीजों में कि डूबना ही चुन लिया तो गुरु करेगा क्या है कि ऐसा ही हुआ महावीर का एक शिष्य था अ कि उसने इस दिशा में आकर कि लोभ वश यह रास्ता चुन लिया है कि मछली गुस्सा आ कि इस अवस्था में पहुंच गया था अ के आगे छलांग लगाने को उसके पास था व्यक्ति था महावीर था लेकिन उसने कहा यह बड़े आनंद से रूबरू बड़ी मौज बन गई यह तो बड़ा आश्चर्य चकित करने वाला नजारा जून में अपने पैर जमाने शुरू कर दिए और उसने सचमुच में पैर जमाने शुरू कर दिए महावीर व है कि वह बोलता ठीक हो जाता कि आमिर को पता था कि डूबे का उसे अलर्ट किया के घोषाल ऐसा मत करो फोन है लेकिन कौन मानता है कि इन गद्दी पर बैठे हुए लोगों को आप कहो तो ऐसा मत करो नहीं मानेंगे कि हर गलत होगा हर गलत शहर गांव में लेकिन अब तुम यूज कर लें इनको अब ऐड दिखाई पड़ती है इस मुए दो कि यद्यपि है नहीं में दिखाई पड़ती है तो क्या करूं अब आंखों पर रंग चढ़ गया चश्मा तो करोगे इसको रंगीन दिखती है बहुत समझाया महावीर वर्धमान अगली कि मत चूको कि बस आप तो थोड़ा रास्ता है जब तय कर ही लिया तो अब यहां पर मत रुको लेकिन रुक गया गंदगी बराबर में बैठा कर दो आप अपने पैरों को जो आने लगा कुछ लोग होते हैं मैं जो कहता ठीक हो जाता है यह देखो कि यहां से कि अगर फिसल जाओगे तो सीधे मूल आधार पर जाओगे मैं जानता हूं है इसीलिए यहां ज्यादा जागरूकता की जरूरत पड़ेगी परम जागरूकता की जरूरत पड़ेगी यान से अगर फिसल गए तो सीधा जाओगे मूल आधार पर है कि फिर से वह यात्रा यह है 84 का चक्कर में इसे कहता हूं तुम्हारे शास्त्र चाहे कुछ बकवास करें मुझे कुछ लेना देना नहीं है लेकिन जो चौरासी कालचक्र मैंने देखा वह यह है तो यहां से फिसल गया वह फिर द्वार से पिछड़ों फिर मूलाधार से चलो स्वादिष्ट है कि चक्र विशुद्ध तक अ हेलो हेलो लोगों में मत आ जाना है लुट इसीलिए हम वर्णन करते हैं इसीलिए तो गुरु की आवश्यकता होती है गुरु बालों पल की खबर देगा आपको के वहां कांटे हैं जूते डाल लेना इस बार कोई फर्क नहीं पड़ता वह मंदिर है जूते निकाल देना के जूते पहने पहने जाओगे तो अशुभ होगा मंदिर के भीतर जूते पहन के जाना अच्छा नहीं होता वह जूते उतार देना और वहां कांटे हैं वहां जूते पहन लेना तुम्हें ऐसे नहीं पता चलेगा कि तुम पहली बार यह यात्रा तय करने को और गुरु रोज जाता है अनंत बार जाता है रोज जाता है रोज वापस आ जाता है जब तुम पहली बार चले हो एक बार चले हो अगर फिसल गए तो सीधा मूल आधार पर जाओगे ना तो फिर होगी 84 का गेट शुरू हो जाएगा इसलिए मैं कहता हूं कि संभल जाना है में पूर्ण होश खो जगाए रखना है है और फिर पहुंचोगे कि आप आज्ञा चक्र में और फिर आगे एक चक्कर से आगे गुरु का काम शुरू हो जाता है तो फिर वहां आपने पकड़ छोड़नी होगी और कि यहां से शुरू होती है आपकी पकड़ को बिल्कुल छोड़ने की प्रक्रिया आप 10 वीं मंजिल पे खड़े होते हो कि यह दशम द्वार कहते हैं कि दसवीं मंजिल पर खड़े होकर दशरथ वारिस अली कहते हैं इसको कि आपने एक को छोड़ना नहीं है आपने अपनी पकड़ को छोड़ना है फ्लैश लाइट को नहीं छोड़ना है पकड़ को करें अपनी पकड़ को म्यूट से हटाओ लोगे तो धर्म से गिर जाएगी आपकी देख यानि आपका यह गु बेल इन हो जाएगा पर माकपा और आप पहुंच जाओगे उसके दादा दरबार के सेंटर में जहां मूर्ति ए कश आप एलिन हो जाओगे एकाकार हो जाओगे और व हुई हो जाओगे है जो आप हो सदा से भूले हुए थे विस्मरण को घर बैठे चुपके-चुपके जाते थे ढेर सारी ढेर सारी दे जाते थे सदन था हुआ था आप सभी को साधने में लग गए थे एक को गंवा बैठे थे और कबीर कहते हैं कि एक साधे सब सधे सब साधे सब जाय है आप सबको साधने में लग गए हैं हैं तो एक चला जाता है एक को साधने में लग गए तो एक सध जाता है तो उसे एक तक पहुंच जाओगे और ऐसे पहुंच जाओगे आपने पूछा कि झिंगुर की आवाज सुनते सुनते ही काफी है वहां पहुंचने के लिए नहीं काफी नहीं मैं इतना आसान नहीं है लुट अगर यह एक तक पहुंचना है तो यहां तो ज्यादा अवेअरनेस की जरूरत पड़ेगी यद्धपि मस्ती आएगी यदि आएगी बार आपको ढकने की कोशिश करेगी लेकिन आप मत जाना अपने प्रज्ञा के ऊपर मत डालना आप ज्यादा जागरूक होकर चलते-चलते एक दिन का या आधा गुरु हाथ पकड़ कर दो है तो वहां जाकर आप खुद ही जाओगे आप उस परम अवस्था में विलीन हो ही जाओगे है जहां संतजन कहते हैं शिवोहम शिवोहम शिवोहम शिवोहम कि हमारा आत्मा सच्चिदानंद नेम है ओम शिवोहम शिवोहम शिवोहम शिवोहम एक अमर आत्मा सच्चिदानंद हम हुए दो एक अहम् ब्रह्मास्मि आज क्या खाना लक खनक खनक में आखिरी को इसने मनसूर ने का अ यह वीडियो है जिसके कारण उसकी गर्दन काट दी गई उसके हाथ-पांव कटती अनल हक़ में ही परमात्मा है यह पायल उम्दा कोर्ट ने कि तत्व मशीन श्वेत-श्याम आत्मा ब्रह्म कि एक को ब्रह्म द्वितीयो नास्ति स्थिति कि यह सभी वेद वाक्य उपनिषद के व और अनंत के सूत्र ग्रंथों के वाक्य तुम वहीं पर बोलने में समर्थ हो पाओगे उससे पहले नहीं उससे पहले अगर वह ओके तो बकवास होगा यहां सत्यमेव तुम्हारे भीतर से निकले की आवाज जैसे मंदसौर के भीतर से निकली है ओम शिवोहम शिवोहम शिवोहम शिवोहम अमर आत्मा सच्चिदानंद मैं हूं कि अनल हक़ कि अनल हक़ है मेरे प्रिय श्रोताओं कि मैंने यूट्यूब पर मैं अभी ही बोलना शुरू किया है कुछ महीनों से यह देखिए टॉर्च लाइट मिनट के बाद है कि मैं करीब तो चुप ही हो गया था है परंतु कि आज कि विश्व की दुर्दशा को देखते हुए अ है और कुछ बुद्ध पुरुषों की जो आज्ञा से है और करुणा बात है झाल अपने अनुभवों को आपके साथ साझा कर रहा हूं कि बिना किसी चाहत कहते हैं यह सिर्फ मैं इस चाहत के साथ आज के आज है हुआ है कि एक्सप्लेनेशन कल के लिए यदि कोई व्यक्ति कि मुझे ठीक से जांच नहीं रहा झाल मैंने बहुत सुनी व्यक्ति हैं है लेकिन बात समझ में नहीं आई अनहत नाद पर अरे भोले हैं कुछ व्यक्ति है लेकिन बात पुत्री नहीं मैं हृदय से नीचे है लुट सारी तकलीफों को देखते हुए हैं और मैं चुप था तो चुप ही रहना चाहता था हुआ था लेकिन कि यह आपके मुझे हुए चेहरे देखकर अजय कि जो कुछ सिद्ध संत आपको समझा गए हैं फॉर्मलेस उसकी राह में यह नांधा है इसका एक्सप्लेनेशन एक बाधा बना हुआ था है और यह आज जो मैंने इस वीडियो में जो बात किया है हुआ है पूछा तो एक बच्चे नहीं है परंतु यह सवाल सैकड़ों व्यक्तियों के मेरे पास आ चुके हैं का एक समूह की तरह अब मैं इनको को समझाना चाहता हूं हैं इसलिए आज करुणावश मेरे यह बोल निकले हैं कि आपने कि मेरी वीडियो और सुनी हो ना सुनी हो इसके लिए मैं आपसे कुछ कहने वाला नहीं है है लेकिन आज कि इस रहस्य मई इस दुनिया से जो नाद के ऊपर से कि मैंने कोशिश की है पर्दा उठाने की मैं आपसे भी कुछ अपेक्षा रखते हुए हो कि वह अपेक्षा क्या है हुआ है कि आप एक चाहिए है हूं कि आपको यह वीडियो अगर अच्छी लग रहे हैं लुट तो भी शेयर कर दीजिएगा कि अब शहर कर दीजिए क्योंकि कि मानव मात्र के लिए है कि उस स्थिति को छू लेना है कि एक मात्र उसका लक्ष्य बहुत से व्यक्ति धन कमाने में का पद कमाने में की प्रतिष्ठा कमाने में आज लगे हुए हैं अपने लगे रहने तो लेकिन बहुत से व्यक्ति ऐसे हैं यह सिर्फ और सिर्फ वह इस आनंद की प्यास है लुट मैं भूला हूं उन सभी के लिए जिनको यह प्यास है है और शायद उनके लिए भी जो इस इस वीडियो को देखकर कि कोई प्यार सजना गई जाए और कि इस वीडियो से उन्हें कुछ प्रेरणा मिल सके कि उन्हें सही मार्गदर्शन मिल सके कि के वह आए क्या लेने हैं यहां पर आ है जो कमाओगे यहां धरा रह जाएगा अब को जोड़ तो सब रहे हैं कि बैंकों के लिए कि इलाज के लिए लेकिन का काम कुछ भी ना पड़ेगा अगर काम पड़ेगा तो इस वीडियो में जो बताया है आपको वह आपके कम पड़ेगा अगर आप भी इस प्यास से तड़पते और आप इसका समाधान चाहते थे तो मैंने बोल दिया है बड़े सरल एक्सप्लेनेशन के जरिए आपको समझाने कि मैंने भरपूर सिस्टम की है हैं और अगर आपको यह वीडियो पसंद आए तो वह आई हो तो हो सकता है कि आपको अभी नाम शुरू हुआ ना हो लेकिन आपसे एक गुजारिश है अगर आपको ना भी अच्छी लगी वीडियो तो भी इसको शेयर अवश्य कर दीजिएगा क्योंकि न जाने कौन-कौन इसका इच्छुक कि से प्यास जगी हुई है और वह इस पानी की तलाश में भटकता हुआ फिर जा रहा है उसको कोई मार्ग दर्शक नहीं मिल पा रहा है कि यह वीडियो कि उन पैसों के लिए जिज्ञासुओं के लिए उन प्रयासों के लिए कि तृप्तिदायक सिद्ध हो सके इस आशा के साथ मैं आपसे मेरी बिनती है हुआ था आज के इस वीडियो को अवश्य करते हैं में अवश्य शेयर करता है मेरी ओर कोई वीडियो सुने न सुने इसके लिए आप वध नहीं है हुआ था लेकिन इसके लिए मैं आपसे प्रार्थना अवश्य करूंगा है क्योंकि यह मसला सभी प्राणियों का है सभी मानव मात्र का यह मसला है आप सभी की प्यास है आनंद को पाने के लिए कि देश में भटक गई हैं आपको मैं आपको रास्ते गलत बताए गए हैं यह आपके मन ने आपको गलत रास्तों पर आपको डाल दिया है आपके मन आपको रोज समझाए जाते हैं कि नहीं पीएम बन जाओ सीएम बन जाओ दान कमारो अंबार लगा दो बैंक भर लो शरीर का मारो मन क मारो या नहीं जानकारियां कमा लूं तो हुआ था यह बन जाओ वह बन जाओ सब मन की चालें हैं आपको बुझाने के है लेकिन जो ऊर्जा नहीं है और जो सही मार्ग पर चल पड़ा है उसको जब कभी भी ना दूं शुरू होगा तो शायद है उसको एक गुरु की आवश्यकता पड़ेगी और कौन जाने उस वक्त मैं रहूं ना रहूं मैं मैं मिल लूं ना मिलो कि मैंने जितने भी वीडियोस गोली वह सिर्फ इस दृष्टि से ही बोली हैं तो कि मैं अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर है और मैं नहीं समझता वैसे तो कोई भी नहीं जानता हूं है कि कल रहे है ना रहे लेकिन कि एक प्रकृति की आयु के अनुसार ढलती उम्र में तो व्यक्ति सोच ही लेता है कि न जाने मैं कल रहूं ना रहूं ज्यों नाच इस वर्ष उसकी मर्जी है कि इस कि इच्छा कर लेते हैं मैं आपके समक्ष एक प्रार्थना मैं कह देता हूं कि के आप इस वीडियो को जो अच्छी लगे या ना लगे है शेयर अवश्य करते हैं और मेरी कोई वीडियो शेयर करें ना करें मुझे किसी तरह की कोई लालसा नहीं है कि मैंने बहुत से व्यक्ति देखे हैं कि जिन विचारों को कि यह नाथ की एक्सप्लेनेशन ही नहीं मिल रहे ठैंक्स है हुआ था मैं यह नहीं कहता हूं कि नाथ को एक्सप्लेनेशन करने वाला गुरु आज धरती पर नहीं गुरु कभी समाप्त नहीं होते तो आपके भीतर बैठा है कि भीतर ही बैठा है लेकिन बाहर के गुरु की एक्सप्लेनेशन के लिए आवश्यकता पड़ती है जरूर उसके कमी खलेगी ही एक रास्ता दिखाने वाला व्यक्ति आपको चाहिए ही चाहिए है इसलिए बार-बार मेरी आपसे यह प्रार्थना है कि आप मेरी इस वीडियो को अवश्य ही शेयर करते हैं को याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अदिम गूगल याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अधीन भूल जाने के सिवा ही अब कोई चारा न था याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अधीन भूल जाने के सिवा ही अब कोई चारा न था कि उन व्यक्तियों के लिए जो इस कि नाद पर पहुंच जाते हैं है और को उन्हें मार्ग दर्शक नहीं मिल जाता फिर वह भूल जाने के सिवाय उनके पास कोई चारा ही नहीं होता तो कि जब गुजरात दिखाने वाला ही न मिलेगा तो फिर उन्हें भूल ही जाना पड़ेगा को भटकना नहीं पड़ेगा भटकने के सिवा कोई रास्ता उनके पास नहीं बच्चे का या इसीलिए इस वीडियो में जितनी सरलता से मैंने वह शक्ति को लगाकर आपके सामने व्यक्त किया है यह आपकी तरह प्रशिक्षित किया है मैं आपसे यह अपेक्षा अवश्य रखूंगा कृपया इसको कि आगे प्रेषित जरूर करें आगे उच्च जरूर करें इसको फूले ना क्योंकि उन लोगों का ख्याल करके जो लोग यहां पहुंच गए हैं और जिनको मार्ग दर्शक नहीं मिल पा रहा है और वह इस राष्ट्र को छोड़ने की कगार पर आ पहुंचे हैं हूं क्योंकि ना इधर जाने को कुछ है ना उधर जाने को कुछ है सिर्फ फटती रहे हैं को याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी अदीम भूल जाने के सिवा ही अब कोई चारा न था लेकिन नहीं अब जा रहा है इसीलिए उसको आप शेयर अवश्य करते ना बहुत-बहुत धन्यवाद सा अजय को
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